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Chardham Yatra: मिलेगी थ्री लेयर की स्वास्थ्य सुविधाएं, ड्रोन से श्रद्धालुओं तक पहुंचेगी दवा, दिल्ली में बना ये प्लान

उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है. चारधाम यात्रा में इमरजेंसी के दौरान श्रद्धालुओं को ड्रोन के जरिए दवाई उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए थ्री लेयर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रही है. उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य सरकार को चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत करने के लिये पर्याप्त धन राशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया है.

Chardham Yatra 2023
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Published : Mar 6, 2023, 3:10 PM IST

Updated : Mar 6, 2023, 6:35 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, जिसको लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. भक्तों के स्वास्थ्य को लेकर इस बार कोई घटना न हो, इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार कई तरह के नए प्लान लागू करने जा रही है, साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं. केंद्र और उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लिए एक मजबूत थ्री लेयर की स्वास्थ्य और आपातकालीन प्रबंधन बुनियादी ढांचा तैयार करने जा रही है.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत से मुलाकात के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि लाखों तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा करते हैं. कठिन रास्ते के चलते तीर्थयात्रियों के सामने आने वाली स्वास्थ्य चुनौतियां पिछले कई साल में बढ़ चुकी हैं.

तैयार हो रहा मजबूत हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चरः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मंडाविया ने भारत सरकार से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सर्वोत्तम संभव स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य आपातकालीन बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस और स्ट्रोक वैन के एक मजबूत नेटवर्क की योजना यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि श्रद्धालुओं को समय पर ही रास्ते में उपचार मिल सके. उन्होंने कहा कि ये एंबुलेंस यात्रा मार्ग के विभिन्न प्वॉइंट्स पर तैनात रहेंगी. देशभर के मेडिकल कॉलेजों के पीजी छात्रों को मजबूत हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर के हिस्से के रूप में यात्रा मार्ग पर तैनात करने का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें: Chardham Yatra: चारधाम में मेडिकल कॉलेज फैकल्टी भी देंगे सेवा, हर एक किलोमीटर पर बनेगा स्वास्थ्य बूथ

ऊंचे इलाकों में ड्रोन से पहुंचेंगी दवाएंः इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्ग के ऊंचे इलाकों में इमरजेंसी के दौरान दवाएं मुहैया कराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें कि हाल ही में ऋषिकेश एम्स ने ड्रोन के जरिए टिहरी तक दवा पहुंचाई थी. इसके साथ ही सरकार एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों के साथ एक मजबूत रेफरल बैकएंड सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जो विशेषज्ञ देखभाल के लिए नोडल के रूप में काम कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए ये उपाय कारगार साबित होंगे.

यात्रा मार्गों पर 108 सेवा तैनात रहेगीः बैठक में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है. जिसके तहत चारधाम यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन सेवा, एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के साथ ही कार्डिक एम्बुलेंस सेवा की त्रिस्तरीय व्यवस्था उपलब्ध रहेगी. स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ-साथ प्रदेश एवं प्रदेश से बाहर के मेडिकल के पीजी छात्रों को भी आवश्यकतानुसार चारधाम यात्रा में तैनात किया जाएगा.

चार चिकित्सालयों का होगा उच्चीकरण: मुलाकात के बाद मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि चारधाम यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिये राज्य सरकार ने जनपद उत्तरकाशी के दो तथा चमोली एवं रुद्रप्रयाग के एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का उच्चीकरण कर उप-जिला चिकित्सालय बनाने का निर्णय लिया है. मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि जनपद उत्तरकाशी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़कोट एवं भटवाडी, जनपद रुद्रप्रयाग में ऊखीमठ तथा जनपद चमोली में जोशीमठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत विशेषज्ञ चिकित्सकों कार्डियोलॉजिस्ट, आर्थोपेडिशियन, फिजिशयन सहित फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

पैदल यात्रा मार्गों पर बनेंगे मेडिकल रिलीफ प्वॉइंट: स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि यमुनोत्री, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब एवं मानसरोवर की पैदल यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल रिलीफ प्वॉइंट (एमआरपी) स्थापित किए जाएंगे. जिनका निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि वह भारी बर्फबारी एवं बरसात में भी मजबूती के साथ स्थापित रह सकें. इन स्थानों पर यात्रा काल के दौरान चिकित्सकों के साथ ही फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टॉफ भी तैनात रहेगा. जिनके पास ईसीजी मशीन, पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जरूरी जीवनरक्षक दवाइयां उपलब्ध रहेंगी.

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, जिसको लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. भक्तों के स्वास्थ्य को लेकर इस बार कोई घटना न हो, इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार कई तरह के नए प्लान लागू करने जा रही है, साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं. केंद्र और उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लिए एक मजबूत थ्री लेयर की स्वास्थ्य और आपातकालीन प्रबंधन बुनियादी ढांचा तैयार करने जा रही है.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत से मुलाकात के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि लाखों तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा करते हैं. कठिन रास्ते के चलते तीर्थयात्रियों के सामने आने वाली स्वास्थ्य चुनौतियां पिछले कई साल में बढ़ चुकी हैं.

तैयार हो रहा मजबूत हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चरः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मंडाविया ने भारत सरकार से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सर्वोत्तम संभव स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य आपातकालीन बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस और स्ट्रोक वैन के एक मजबूत नेटवर्क की योजना यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि श्रद्धालुओं को समय पर ही रास्ते में उपचार मिल सके. उन्होंने कहा कि ये एंबुलेंस यात्रा मार्ग के विभिन्न प्वॉइंट्स पर तैनात रहेंगी. देशभर के मेडिकल कॉलेजों के पीजी छात्रों को मजबूत हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर के हिस्से के रूप में यात्रा मार्ग पर तैनात करने का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें: Chardham Yatra: चारधाम में मेडिकल कॉलेज फैकल्टी भी देंगे सेवा, हर एक किलोमीटर पर बनेगा स्वास्थ्य बूथ

ऊंचे इलाकों में ड्रोन से पहुंचेंगी दवाएंः इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्ग के ऊंचे इलाकों में इमरजेंसी के दौरान दवाएं मुहैया कराने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें कि हाल ही में ऋषिकेश एम्स ने ड्रोन के जरिए टिहरी तक दवा पहुंचाई थी. इसके साथ ही सरकार एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों के साथ एक मजबूत रेफरल बैकएंड सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जो विशेषज्ञ देखभाल के लिए नोडल के रूप में काम कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए ये उपाय कारगार साबित होंगे.

यात्रा मार्गों पर 108 सेवा तैनात रहेगीः बैठक में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है. जिसके तहत चारधाम यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन सेवा, एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के साथ ही कार्डिक एम्बुलेंस सेवा की त्रिस्तरीय व्यवस्था उपलब्ध रहेगी. स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ-साथ प्रदेश एवं प्रदेश से बाहर के मेडिकल के पीजी छात्रों को भी आवश्यकतानुसार चारधाम यात्रा में तैनात किया जाएगा.

चार चिकित्सालयों का होगा उच्चीकरण: मुलाकात के बाद मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि चारधाम यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिये राज्य सरकार ने जनपद उत्तरकाशी के दो तथा चमोली एवं रुद्रप्रयाग के एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का उच्चीकरण कर उप-जिला चिकित्सालय बनाने का निर्णय लिया है. मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि जनपद उत्तरकाशी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़कोट एवं भटवाडी, जनपद रुद्रप्रयाग में ऊखीमठ तथा जनपद चमोली में जोशीमठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत विशेषज्ञ चिकित्सकों कार्डियोलॉजिस्ट, आर्थोपेडिशियन, फिजिशयन सहित फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

पैदल यात्रा मार्गों पर बनेंगे मेडिकल रिलीफ प्वॉइंट: स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि यमुनोत्री, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब एवं मानसरोवर की पैदल यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल रिलीफ प्वॉइंट (एमआरपी) स्थापित किए जाएंगे. जिनका निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि वह भारी बर्फबारी एवं बरसात में भी मजबूती के साथ स्थापित रह सकें. इन स्थानों पर यात्रा काल के दौरान चिकित्सकों के साथ ही फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टॉफ भी तैनात रहेगा. जिनके पास ईसीजी मशीन, पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जरूरी जीवनरक्षक दवाइयां उपलब्ध रहेंगी.

Last Updated : Mar 6, 2023, 6:35 PM IST
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