कोहिमा : नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने रविवार को कहा कि केंद्र ने राज्य से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून, 1958 या आफस्पा को वापस लेने की पड़ताल करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है.
उन्होंने बताया कि समिति का नेतृत्व गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (पूर्वोत्तर) करेंगे और इसमें नगालैंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के अलावा असम राइफल्स (उत्तर) के महानिरीक्षक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक प्रतिनिधि शामिल होंगे.
रियो, उपमुख्यमंत्री वाई पैटन और नगा पीपुल्स फ्रंट के विधायक दल के नेता टी आर जेलियांग द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि समिति 45 दिनों के भीतर अपनी सिफारिशें देगी, जिसके आधार पर नगालैंड को 'अशांत क्षेत्र' के रूप में नामित करना जारी रखने या राज्य से आफस्पा वापस लेने का निर्णय लिया जाएगा.
नयी दिल्ली में 23 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नगालैंड की वर्तमान स्थिति पर चर्चा के लिए हुई एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया.
बयान में कहा गया, 'एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ओटिंग घटना में शामिल सैन्य इकाई और कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करेगी और निष्पक्ष जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. जांच का सामना करने वाले कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा.
इस महीने की शुरुआत में नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी की घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूर्वोत्तर के इस राज्य से आफस्पा को वापस लेने की मांग शुरू हो गई थी.
(पीटीआई-भाषा)