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शिवसेना नेता संजय राउत बोले- कांग्रेस को खुद को करना चाहिए मजबूत

शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस में एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनकी पार्टी में सर्वमान्य स्वीकार्यता है. कांग्रेस को स्वयं को मजबूत करना चाहिए, क्योंकि देश को एक ताकतवर विपक्ष की जरूरत है. पार्टी में कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जिनकी वजह से राहुल गांधी काम नहीं कर पा रहे हैं.

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Published : Aug 27, 2020, 8:42 PM IST

Shiv Sena leader Sanjay Raut
शिवसेना नेता संजय राउत

मुंबई : शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को स्वयं को मजबूत करना चाहिए, क्योंकि देश को एक ताकतवर विपक्ष की जरूरत है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस में एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनकी पार्टी में सर्वमान्य स्वीकार्यता है.

उन्होंने कहा सोनिया गांधी की आयु बढ़ रही है और मुझे नहीं लगता कि प्रियंका गांधी पूर्ण कालिक राजनीति में आएंगी. पार्टी में कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जिनकी वजह से राहुल गांधी काम नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा सामना ने मुद्दे पर अपना रुख सामने रख दिया है. एक पत्रकार और संपादक के तौर पर मुझे कांग्रेस में कोई गैर गांधी नेता पार्टी अध्यक्ष के तौर पर नहीं दिखता. शिवसेना सांसद ने कहा देश को एक मजबूत विपक्षी पार्टी की जरूरत है और कांग्रेस की एक अखिल भारतीय पहचान है. पार्टी को वर्तमान स्थिति से बाहर आना चाहिए और फिर से काम शुरू करना चाहिए.

राउत की यह टिप्पणी कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पत्र लिखने को लेकर उत्पन्न हंगामे की पृष्ठभूमि में आई है. जिसमें उन्होंने पूर्ण कालिक सक्रिय नेतृत्व के साथ ही संगठन में व्यापक बदलाव की बात की थी. कांग्रेस कार्य समिति सीडब्ल्यूसी ने सोमवार को एक बैठक के बाद सोनिया गांधी से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया और उन्हें जरूरी संगठनात्मक बदलाव के लिए अधिकृत किया था. शिवसेना ने सामना में गुरुवार को प्रकाशित एक संपादकीय में आरोप लगाया कि कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को लिखा गया पत्र राहुल गांधी के नेतृत्व को समाप्त करने की एक साजिश थी. यह नेता तब कहां थे जब भाजपा राहुल गांधी पर तीखे हमले कर रही थी और उनके कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद इन नेताओं ने पार्टी को मजबूत करने की चुनौती क्यों नहीं ली.

इसमें लिखा गया है जब भीतर से ही लोग राहुल गांधी के नेतृत्व को खत्म करने के राष्ट्रीय षड्यंत्र में लिप्त हैं तो पार्टी को हार मिलना तय है. इन पुराने नेताओं ने राहुल गांधी को आंतरिक रूप से नुकसान पहुंचाया है, ऐसा नुकसान जो भाजपा ने भी उन्हें नहीं पहुंचाया है. शिवसेना ने कहा कि उनमें से कोई भी जिला स्तर का नेता भी नहीं है, लेकिन गांधी-नेहरु परिवार के बल पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बने. उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने भाजपा से अलग होने के बाद पिछले साल महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया था.

इस बीच राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को स्वयं को राष्ट्रीय स्तर पर भी स्थापित करना चाहिए. इस सवाल पर कि क्या ठाकरे को महाराष्ट्र में संप्रग का नेतृत्व करना चाहिए, राउत ने कहा संप्रग नेता वर्तमान में सोनिया गांधी हैं. शरद पवार यहां एक महत्वपूर्ण नेता हैं. यदि राज्य के मुद्दों का समाधान नहीं होता है उद्धव ठाकरे को भाजपा विरोधी मोर्चे का भी नेतृत्व करना चाहिए. महाराष्ट्र का नेतृत्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए) में समन्वय शानदार है.

कांग्रेस विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री को निधियों के असमान वितरण को लेकर लिखे गए पत्र पर राउत ने कहा निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच धनराशि के वितरण को लेकर हमेशा ही मुद्दे रहते हैं. उन्होंने कहा केंद्र ने सांसद निधि पर रोक लगा दी है और इसको लेकर काफी नाराजगी है. जब भाजपा-शिवसेना सत्ता में थे, हमारे विधायक शिकायत करते थे कि भाजपा को अधिक राशि मिल रही है.

पढ़ें : एक गैर-गांधी प्रमुख को क्या स्वीकार करेंगे कांग्रेसी?

मुंबई : शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को स्वयं को मजबूत करना चाहिए, क्योंकि देश को एक ताकतवर विपक्ष की जरूरत है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस में एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनकी पार्टी में सर्वमान्य स्वीकार्यता है.

उन्होंने कहा सोनिया गांधी की आयु बढ़ रही है और मुझे नहीं लगता कि प्रियंका गांधी पूर्ण कालिक राजनीति में आएंगी. पार्टी में कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जिनकी वजह से राहुल गांधी काम नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा सामना ने मुद्दे पर अपना रुख सामने रख दिया है. एक पत्रकार और संपादक के तौर पर मुझे कांग्रेस में कोई गैर गांधी नेता पार्टी अध्यक्ष के तौर पर नहीं दिखता. शिवसेना सांसद ने कहा देश को एक मजबूत विपक्षी पार्टी की जरूरत है और कांग्रेस की एक अखिल भारतीय पहचान है. पार्टी को वर्तमान स्थिति से बाहर आना चाहिए और फिर से काम शुरू करना चाहिए.

राउत की यह टिप्पणी कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पत्र लिखने को लेकर उत्पन्न हंगामे की पृष्ठभूमि में आई है. जिसमें उन्होंने पूर्ण कालिक सक्रिय नेतृत्व के साथ ही संगठन में व्यापक बदलाव की बात की थी. कांग्रेस कार्य समिति सीडब्ल्यूसी ने सोमवार को एक बैठक के बाद सोनिया गांधी से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया और उन्हें जरूरी संगठनात्मक बदलाव के लिए अधिकृत किया था. शिवसेना ने सामना में गुरुवार को प्रकाशित एक संपादकीय में आरोप लगाया कि कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को लिखा गया पत्र राहुल गांधी के नेतृत्व को समाप्त करने की एक साजिश थी. यह नेता तब कहां थे जब भाजपा राहुल गांधी पर तीखे हमले कर रही थी और उनके कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद इन नेताओं ने पार्टी को मजबूत करने की चुनौती क्यों नहीं ली.

इसमें लिखा गया है जब भीतर से ही लोग राहुल गांधी के नेतृत्व को खत्म करने के राष्ट्रीय षड्यंत्र में लिप्त हैं तो पार्टी को हार मिलना तय है. इन पुराने नेताओं ने राहुल गांधी को आंतरिक रूप से नुकसान पहुंचाया है, ऐसा नुकसान जो भाजपा ने भी उन्हें नहीं पहुंचाया है. शिवसेना ने कहा कि उनमें से कोई भी जिला स्तर का नेता भी नहीं है, लेकिन गांधी-नेहरु परिवार के बल पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बने. उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने भाजपा से अलग होने के बाद पिछले साल महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया था.

इस बीच राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को स्वयं को राष्ट्रीय स्तर पर भी स्थापित करना चाहिए. इस सवाल पर कि क्या ठाकरे को महाराष्ट्र में संप्रग का नेतृत्व करना चाहिए, राउत ने कहा संप्रग नेता वर्तमान में सोनिया गांधी हैं. शरद पवार यहां एक महत्वपूर्ण नेता हैं. यदि राज्य के मुद्दों का समाधान नहीं होता है उद्धव ठाकरे को भाजपा विरोधी मोर्चे का भी नेतृत्व करना चाहिए. महाराष्ट्र का नेतृत्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए) में समन्वय शानदार है.

कांग्रेस विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री को निधियों के असमान वितरण को लेकर लिखे गए पत्र पर राउत ने कहा निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच धनराशि के वितरण को लेकर हमेशा ही मुद्दे रहते हैं. उन्होंने कहा केंद्र ने सांसद निधि पर रोक लगा दी है और इसको लेकर काफी नाराजगी है. जब भाजपा-शिवसेना सत्ता में थे, हमारे विधायक शिकायत करते थे कि भाजपा को अधिक राशि मिल रही है.

पढ़ें : एक गैर-गांधी प्रमुख को क्या स्वीकार करेंगे कांग्रेसी?

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