नई दिल्ली : निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को दोषियों के डेथ वारंट पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी. निर्भया के पिता को जेल प्रशासन ने चिट्ठी जारी कर इसकी पुष्टि कर दी है.
फांसी की सजा पाए दोषियों के वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि एक दोषी की दया याचिका अब भी लंबित है, इसलिए दोषियों की मौत की सजा पर रोक लगा दी जाए. हालांकि, कोर्ट ने उनकी दलील को नामंजूर कर दिया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने अक्षय कुमार, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की मृत्युदंड पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी. याचिका में कहा गया था कि इनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है.
अदालत को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है.
उन्होंने अदालत को बताया कि दोषियों के वकील ए पी सिंह झूठी सूचना दे रहे हैं कि पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका लंबित है और उन्होंने कहा कि सभी दोषियों ने अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है.
निर्भया के दोषियों एपी सिंह ने कहा कि अक्षय की पत्नी ने बिहार की एक अदालत में तलाक की अर्जी दायर की है जो अभी लंबित है. इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि कोई अन्य याचिका मौजूदा मामले के कानूनी उपाय के दायरे में नहीं आती है.
बता दें, दोषियों के खिलाफ अब तक चार बार डेथ वारंट जारी हो चुका है, लेकिन दोषी फांसी से बचने के लिए लगातार याचिकाएं दायर कर रहे हैं.
निर्भया के दोषियों- मुकेश सिंह (32), पवन (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय (31) को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की याचिका को खारिज किया. मुकेश सिंह ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. मुकेश सिंह ने दावा किया था कि अपराध के समय वह दिल्ली में नहीं था.
एक अन्य दोषी पवन गुप्ता ने आखिरी प्रयास के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक सुधारात्मक याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
इसके पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि निचली अदालत के विस्तृत और तर्कसंगत आदेश में दखल देने का कोई आधार नहीं है.
निचली अदालत ने मंगलवार को मुकेश की याचिका खारिज कर दी थी और 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया' को उसके वकील को उपयुक्त परामर्श देने को भी कहा था.
निर्भया के समर्थकों और दोषियों के वकील के बीच मारपीट
निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर निर्भया के समर्थकों और दोषियों के वकील एपी सिंह के समर्थकों के बीच मारपीट हुई. पुलिस ने बीच-बचाव कर दोनों के समर्थकों को अलग किया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर दोषी अक्षय की पत्नी खुद को चप्पलों से मारने लगी और कहा कि मुझे नहीं जीना है. बता दें कि अक्षय की पत्नी ने तलाक के लिए बिहार के औरंगाबाद में याचिका भी दायर की है.