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पूर्व आईपीएस अनिल धस्माना एनटीआरओ प्रमुख बने, बालाकोट में रही उल्लेखनीय भूमिका - आईपीएस अधिकारी अनिल धस्माना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने धस्माना की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. धस्माना अगले दो वर्षों के लिए एनटीआरओ के प्रमुख होंगे. धस्माना पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी सतीश झा का स्थान लेंगे. इससे पहले रॉ में 23 वर्षों तक सेवाएं दे चुके धस्माना 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे.

Anil Dhasmana
अनिल धस्माना
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Published : Sep 20, 2020, 7:54 AM IST

Updated : Sep 20, 2020, 12:50 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल धस्माना को नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) का नया प्रमुख नियुक्त किया है. अनिल धस्माना का कार्यकाल दो साल का होगा. धस्माना रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शुक्रवार को धस्माना की नियुक्ति को मंजूरी दी. बता दें कि सतीश झा गुरुवार को कार्यमुक्त हुए हैं. धस्माना ने पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी सतीश झा का स्थान लिया है.

एनटीआरओ में सेवा
अनिल धस्माना का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होगा. एनटीआरओ तकनीकी संस्था है जिस पर देशभर के इलाकों से जुड़ी खुफिया जानकारी (geospatial intelligence) और सैटेलाइट तस्वीरों से जुड़े काम देखती है.

विवादों में धस्माना !
धस्माना 1981 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. सीबीआई में उपजे विवाद के दौरान तत्कालीन रॉ प्रमुख सामंत गोयल के साथ उन्हें भी निशाना बनाया गया था. धस्माना इस बात से हैरान थे कि उनके साथ के सबसे अच्छे अधिकारियों को विवाद में खींचा गया और दुबई में उनकी संपत्ति को भी अनावश्यक रूप से निशाना बनाया गया.

सरकार को बताई अपनी बातें
उन्होंने सरकार को स्पष्ट कर दिया था कि वह ऐसी स्थिति में काम नहीं कर सकते जहां उनके साथी कर्मचारी सहज न हों. रॉ को अनावश्यक रूप से सीबीआई विवाद में घसीटा गया और पड़ोसी देशों में कई ऑपरेशन इस कारण बाधित हुए.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर को बड़ा तोहफा, 1350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान

खुफिया एजेंसी की रीढ़
रॉ प्रमुख सामंत गोयल और धस्माना ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट में की गई कार्रवाई में उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी. इन लोगों को देश की खुफिया एजेंसी की रीढ़ माना जाता है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल धस्माना को नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) का नया प्रमुख नियुक्त किया है. अनिल धस्माना का कार्यकाल दो साल का होगा. धस्माना रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शुक्रवार को धस्माना की नियुक्ति को मंजूरी दी. बता दें कि सतीश झा गुरुवार को कार्यमुक्त हुए हैं. धस्माना ने पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी सतीश झा का स्थान लिया है.

एनटीआरओ में सेवा
अनिल धस्माना का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होगा. एनटीआरओ तकनीकी संस्था है जिस पर देशभर के इलाकों से जुड़ी खुफिया जानकारी (geospatial intelligence) और सैटेलाइट तस्वीरों से जुड़े काम देखती है.

विवादों में धस्माना !
धस्माना 1981 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. सीबीआई में उपजे विवाद के दौरान तत्कालीन रॉ प्रमुख सामंत गोयल के साथ उन्हें भी निशाना बनाया गया था. धस्माना इस बात से हैरान थे कि उनके साथ के सबसे अच्छे अधिकारियों को विवाद में खींचा गया और दुबई में उनकी संपत्ति को भी अनावश्यक रूप से निशाना बनाया गया.

सरकार को बताई अपनी बातें
उन्होंने सरकार को स्पष्ट कर दिया था कि वह ऐसी स्थिति में काम नहीं कर सकते जहां उनके साथी कर्मचारी सहज न हों. रॉ को अनावश्यक रूप से सीबीआई विवाद में घसीटा गया और पड़ोसी देशों में कई ऑपरेशन इस कारण बाधित हुए.

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खुफिया एजेंसी की रीढ़
रॉ प्रमुख सामंत गोयल और धस्माना ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट में की गई कार्रवाई में उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी. इन लोगों को देश की खुफिया एजेंसी की रीढ़ माना जाता है.

Last Updated : Sep 20, 2020, 12:50 PM IST
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