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भारत पहुंचे अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्री

अमेरिका के विदेशी मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री टी एस्पर 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए भारत पहुंच गए हैं. वार्ता मंगलवार को होगी. वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. एस्पर और पोम्पिओ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे और अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के बारे में सरकारी और कारोबारी जगत के अगुआओं से भी बात करेंगे.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो
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Published : Oct 26, 2020, 7:03 AM IST

Updated : Oct 26, 2020, 5:17 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर टू प्लस टू वार्ता के लिए भारत पहुंच गए हैं. साउथ ब्लाक में अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को गार्ड ऑफ आनर दिया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी आगवानी की.

भारत दौर पर आए अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच सोमवार को विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक हुई. साउथ ब्लॉक में वार्ता अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर और उनके भारतीय समकक्षों, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के तीसरे संस्करण का हिस्सा है.

अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर का गार्ड ऑफ आनर दिया गया.

महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों, जिसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में उसके आक्रामक व्यवहार-वार्ता में शामिल होंगे.

भारत पहुंचे अमेरिका के विदेशी मंत्री माइक पोम्पियो

दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए, चार सैन्य संचार मूलभूत समझौतों में से अंतिम, जियोस्पेशियल कोऑपरेशन (बीईसीए) के लिए बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते, अमेरिका के साथ किए जाने की उम्मीद है.

यह काफी हद तक जियोस्पेशल इंटेलिजेंस और रक्षा के लिए नक्शे और उपग्रह चित्रों की जानकारी साझा करने के बारे में है.

दोनों देशों द्वारा समुद्री सूचना साझाकरण तकनीकी व्यवस्था पर भी हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.

राजनाथ ने की एस्पर से मुलाकात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी समकक्ष एस्पर से मुलाकात की. इस दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत, नेवी प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर भी मौजूद रहे.

पोम्पियो का एक महीने से भी कम अवधि में यह दूसरा दौरा है. वह मालदीव, श्रीलंका और इंडोनेशिया भी जाएंगे. इसके साथ ही वे प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

बता दें कि इस वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय पक्ष का नेतृत्व करेंगे.

पोम्पियो ने किया ट्वीट
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की अपनी यात्रा के लिए निकला हूं. एक साझा दृष्टि को बढ़ावा देने के लिए हमारे भागीदारों के साथ जुड़ने के अवसर के लिए आभारी हूं.

यह भी पढ़ें : पोम्पियो भारत आकर 'टू प्लस टू' वार्ता में लेंगे हिस्सा

उल्लेखनीय है कि इस वार्ता में कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें हिंद -प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का चीन का प्रयास और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में उसका आक्रामक व्यवहार भी शामिल है.

पिछले कुछ महीने से अमेरिका कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर चीन पर हमले कर रहा है, जिसमें भारत के साथ सीमा विवाद, दक्षिण चीन सागर में इसकी सैन्य उग्रता और हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने का तरीका शामिल है.

पीएम से भी होगी मुलाकात
पोम्पियो और एस्पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्पर को सोमवार की दोपहर रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के लॉन में सलामी गारद पेश किया जाएगा.

उम्मीद है कि दोनों पक्ष काफी समय से लंबित बेका (बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट) को भी अंतिम रूप देंगे ताकि द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके. बेका के तहत दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भूस्थानिक मानचित्रों का आदान-प्रदान करना शामिल है.

पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में काफी तेजी आई है.

विदेश मंत्रालय ने दी थी जानकारी
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका के साथ 'टू-प्लस-टू' मंत्री स्तरीय वार्ता के तीसरे संस्करण की भारत 27 अक्टूबर को मेजबानी करेगा.

मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे.

प्रथम ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता सितंबर 2018 में दिल्ली में हुई थी, जिसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस तंत्र को मंजूरी दी थी.

वार्ता का दूसरा संस्करण पिछले साल दिसंबर में वॉशिंगटन में हुआ था.

मंत्री स्तरीय वार्ता का नया ढांचा, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिये आगे की ओर सोच रखने वाली दूरदृष्टि मुहैया करने को लेकर आरंभ किया गया .

वार्ता के तीसरे संस्करण में दोनों पक्षों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र और भारत के पड़ोस के क्षेत्र के अलावा अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर पर चर्चा होने की उम्मीद है.

नई दिल्ली : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर टू प्लस टू वार्ता के लिए भारत पहुंच गए हैं. साउथ ब्लाक में अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को गार्ड ऑफ आनर दिया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी आगवानी की.

भारत दौर पर आए अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच सोमवार को विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक हुई. साउथ ब्लॉक में वार्ता अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर और उनके भारतीय समकक्षों, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के तीसरे संस्करण का हिस्सा है.

अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर का गार्ड ऑफ आनर दिया गया.

महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों, जिसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में उसके आक्रामक व्यवहार-वार्ता में शामिल होंगे.

भारत पहुंचे अमेरिका के विदेशी मंत्री माइक पोम्पियो

दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए, चार सैन्य संचार मूलभूत समझौतों में से अंतिम, जियोस्पेशियल कोऑपरेशन (बीईसीए) के लिए बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते, अमेरिका के साथ किए जाने की उम्मीद है.

यह काफी हद तक जियोस्पेशल इंटेलिजेंस और रक्षा के लिए नक्शे और उपग्रह चित्रों की जानकारी साझा करने के बारे में है.

दोनों देशों द्वारा समुद्री सूचना साझाकरण तकनीकी व्यवस्था पर भी हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.

राजनाथ ने की एस्पर से मुलाकात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी समकक्ष एस्पर से मुलाकात की. इस दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत, नेवी प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर भी मौजूद रहे.

पोम्पियो का एक महीने से भी कम अवधि में यह दूसरा दौरा है. वह मालदीव, श्रीलंका और इंडोनेशिया भी जाएंगे. इसके साथ ही वे प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

बता दें कि इस वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय पक्ष का नेतृत्व करेंगे.

पोम्पियो ने किया ट्वीट
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की अपनी यात्रा के लिए निकला हूं. एक साझा दृष्टि को बढ़ावा देने के लिए हमारे भागीदारों के साथ जुड़ने के अवसर के लिए आभारी हूं.

यह भी पढ़ें : पोम्पियो भारत आकर 'टू प्लस टू' वार्ता में लेंगे हिस्सा

उल्लेखनीय है कि इस वार्ता में कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें हिंद -प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का चीन का प्रयास और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में उसका आक्रामक व्यवहार भी शामिल है.

पिछले कुछ महीने से अमेरिका कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर चीन पर हमले कर रहा है, जिसमें भारत के साथ सीमा विवाद, दक्षिण चीन सागर में इसकी सैन्य उग्रता और हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने का तरीका शामिल है.

पीएम से भी होगी मुलाकात
पोम्पियो और एस्पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्पर को सोमवार की दोपहर रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के लॉन में सलामी गारद पेश किया जाएगा.

उम्मीद है कि दोनों पक्ष काफी समय से लंबित बेका (बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट) को भी अंतिम रूप देंगे ताकि द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके. बेका के तहत दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भूस्थानिक मानचित्रों का आदान-प्रदान करना शामिल है.

पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में काफी तेजी आई है.

विदेश मंत्रालय ने दी थी जानकारी
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका के साथ 'टू-प्लस-टू' मंत्री स्तरीय वार्ता के तीसरे संस्करण की भारत 27 अक्टूबर को मेजबानी करेगा.

मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे.

प्रथम ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता सितंबर 2018 में दिल्ली में हुई थी, जिसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस तंत्र को मंजूरी दी थी.

वार्ता का दूसरा संस्करण पिछले साल दिसंबर में वॉशिंगटन में हुआ था.

मंत्री स्तरीय वार्ता का नया ढांचा, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिये आगे की ओर सोच रखने वाली दूरदृष्टि मुहैया करने को लेकर आरंभ किया गया .

वार्ता के तीसरे संस्करण में दोनों पक्षों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र और भारत के पड़ोस के क्षेत्र के अलावा अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर पर चर्चा होने की उम्मीद है.

Last Updated : Oct 26, 2020, 5:17 PM IST
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