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उत्तराखंड : 8 KM पैदल डंडी-कंडी के सहारे बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल - bharat news

उत्तराखंड में चकराता तहसील के दूरस्थ क्षेत्र बुरायला पंचायत में सड़क मार्ग न होने से ग्रामाीणों को 8 से 10 किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है. सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है.

महिला को ले जाते परिजन
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Published : Jul 25, 2019, 3:01 PM IST

विकासनगरः आजादी के सात दशक और राज्य गठन के 18 साल बीत जाने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. आज भी सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से ग्रामीण महरूम हैं. इसकी बानगी जौनसार-बावर के चकराता तहसील के बुरायला गांव में देखने को मिली. यहां एक प्रसूता की तबीयत खराब हो गई. जिसे डंडी-कंड़ी के सहारे करीब 8 से 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया गया.

बता दें जौनसार-बावर की चकराता तहसील की ग्राम पंचायत बुरायला में सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को होती है. बीते रोज भी इस गांव की एक महिला की तबीयत खराब हो गई. महिला का कुछ दिन पहले ही प्रसव हुआ था. जिसके बाद महिला की तबीयत लगातार खराब होती गई.

देखें वीडियो

ये भी पढे़ंः एक बूटा बेटी के नाम: घर में गूंजेगी बेटी की किलकारी, धरती मां की कोख में रोपी जाएगी हरियाली

तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजन उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए निकले, लेकिन सड़क ना होने से महिला को परिजनों और स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद डंडी और कंडी के सहारे मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जिसके बाद 108 के जरिये विकासनगर सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया. जहां से उसे हॉयर सेंटर रेफर कर दिया है.

बुरायला गांव के लोग रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए 8 से 10 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर मुख्य मार्ग तक पहुंचते हैं. इस ग्राम पंचायत में करीब 100 परिवार रहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ग्रामीण कृपाराम ने बताया कि गांव के लिए सड़क को लेकर कई बार विभागों ने सर्वे किए, लेकिन आज तक गांव सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है.

विकासनगरः आजादी के सात दशक और राज्य गठन के 18 साल बीत जाने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. आज भी सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से ग्रामीण महरूम हैं. इसकी बानगी जौनसार-बावर के चकराता तहसील के बुरायला गांव में देखने को मिली. यहां एक प्रसूता की तबीयत खराब हो गई. जिसे डंडी-कंड़ी के सहारे करीब 8 से 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया गया.

बता दें जौनसार-बावर की चकराता तहसील की ग्राम पंचायत बुरायला में सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को होती है. बीते रोज भी इस गांव की एक महिला की तबीयत खराब हो गई. महिला का कुछ दिन पहले ही प्रसव हुआ था. जिसके बाद महिला की तबीयत लगातार खराब होती गई.

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तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजन उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए निकले, लेकिन सड़क ना होने से महिला को परिजनों और स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद डंडी और कंडी के सहारे मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जिसके बाद 108 के जरिये विकासनगर सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया. जहां से उसे हॉयर सेंटर रेफर कर दिया है.

बुरायला गांव के लोग रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए 8 से 10 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर मुख्य मार्ग तक पहुंचते हैं. इस ग्राम पंचायत में करीब 100 परिवार रहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ग्रामीण कृपाराम ने बताया कि गांव के लिए सड़क को लेकर कई बार विभागों ने सर्वे किए, लेकिन आज तक गांव सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है.

Intro:चकराता तहसील के दूरस्थ क्षेत्र बुरायला पंचायत सडक मार्ग से ना जुडने से मरीजों को 8 से 10 कि मी खडी चढाई चढ कर मुख्य मार्ग तक डांडी कांडी के सहारे लाने को मजबूर ग्रामीण सरकार नही ले रही सुध.


Body:आजादी के 72 वर्षों बाद भी जौनसार बाबर की चकराता तहसील की ग्राम पंचायत बुरायला ग्राम पंचायत आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है बीते रोज एक बीमार महिला को स्थानीय ग्रामीण डांडी कांडी के सहायता से 8 से 10 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर मुख्य मार्ग पर पूछने को मजबूर हुए ग्राम पंचायत में ना ही कोई एनम सेंटर है ना ही कोई मार्ग की सुविधा है ग्राम पंचायत के बाशिंदों को आज भी रोजमर्रा की वस्तुओं के साथ साथ मरीजों को 8 से 10 किलोमीटर चढ़ाई चल चढ़कर मुख्य मार्ग पर पहुंचना पड़ता है जौनसार बावर में सड़क से वंचित यह ग्राम पंचायत मैं लगभग 100 परिवार निवास करते हैं बावजूद इसके जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ग्राम पंचायत की सुध नहीं ली गई है


Conclusion:वही ग्राम पंचायत बुरायला के कृपाराम ने बताया कि गांव के लिए कई बार सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए विभागों द्वारा सर्वे किए गए बावजूद इसके आज तक भी हमारी ग्राम पंचायत सड़क मार्ग से नहीं जुड़ सकी आए दिन दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के लोग समस्याओं का सामना करने को मजबूर है बताया कि सरकारें आती-जाती रहती है लेकिन क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती सरकार को चाहिए कि शीघ्र ही दूरस्थ क्षेत्र में यह गांव होने के कारण सड़क मार्ग से जुड़ा जाए जिससे कि मरीजों को समय से उपचार हो सके वह गांव में एक स्वास्थ्य सेंटर बी खुलवाना जरूरी है जिससे कि छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज भी हो सके
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