मदुरै : राष्ट्रीय प्रवेश एवं पात्रता परीक्षा (नीट) की परीक्षा से ठीक एक दिन पहले तमिलनाडु में एक के बाद एक तीन परीक्षार्थियों ने आत्महत्या कर ली. पहले मामले में खराब प्रदर्शन के भय के कारण 19 वर्षीय एक परीक्षार्थी ने तमिलनाडु में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.
पुलिस ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि मृतका की पहचान जोतिश्री दुर्गा के रूप में की गई है और वह अपने घर में लटकी हुई पाई गई.
पुलिस ने कहा कि शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें मृतका ने कथित तौर पर लिखा कि उसे परीक्षा में अपने खराब प्रदर्शन का डर था.
एक अन्य मामले में नामक्कल जिले के एनईईटी आकांक्षी मोतीलाल ने आत्महत्या कर ली. इससे पहले तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के नीट आश्रित 20 वर्षीय अदित्या ने आत्महत्या कर ली. आदित्य ने अपने घर में ही फांसी लगाकर जान दे दी.
उल्लेखनीय है कि इस घटना से कुछ दिन पहले राज्य के अरियालुर में एक अन्य परीक्षार्थी ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी.
मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम द्वारा घटना पर शोक प्रकट किए जाने के बावजूद तमिलनाडु नीट परीक्षा कराए जाने का विरोध करने वाली विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा था.
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि नीट 'कोई परीक्षा ही नहीं है.'
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पलानीस्वामी ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि छात्रों के पास सफलता अर्जित करने के लिए बहुत से अवसर हैं और उनके द्वारा इस प्रकार के कदम उठाना हृदय विदारक है.
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उन्होंने कहा, 'यह देखना दुखद है कि जो छात्र भविष्य की उम्मीद हैं वह ऐसे कदम उठा रहे हैं.'
पन्नीरसेल्वम ने अपने एक ट्वीट में कहा कि इस प्रकार की घटनाएं दुखद हैं और छात्र 'भविष्य का आधार हैं.'
तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने ट्वीट किया, 'अनीता (2017 में आत्महत्या करने वाली छात्रा) से लेकर जोतिश्री दुर्गा तक की मौत से हमें यह समझ में आ जाना चाहिए कि नीट छात्रों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है.'
उन्होंने कहा, 'मैं दोबारा कहता हूं कि आत्महत्या समाधान नहीं है. नीट कोई परीक्षा ही नहीं है.'