शिमला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में बनी दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग का उद्घाटन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं है. पीएम ने कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना नहीं पूरा हुआ है, आज हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने नार्थ पोर्टल पर पहुंच कर बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं. देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं. लेकिन देश ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा है जब देश के रक्षा हितों के साथ समझौता किया गया. देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बने, मेक इन इंडिया हथियार बनें, इसके लिए बड़े रिफॉर्म्स किए गए हैं. लंबे इंतज़ार के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे सिस्टम का हिस्सा है. देश की सेनाओं की आवश्यकताओं के अनुसार दूतकार्य और उत्पादन दोनों में बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है.
अटल टनल का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने खुली जीप में बैठकर टनल और आसपास के क्षेत्र का भ्रमण किया. इस सुरंग के कारण मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी. इसी के साथ यात्रा का समय भी चार से पांच घंटे कम हो जाएगा. सभी मौसम में खुली रहने अटल सुरंग सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है.
'अटल टनल' का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने टनल से जुड़ी प्रदर्शनी का मुआयना किया.
पीएम मोदी ने लाहुल स्पीति जिला में टनल के दूसरे छोर नार्थ पोर्टल पर पहुंच कर बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस बस में लाहुल के 15 बुजुर्गों ने सफर किया.
मोदी अटल सुरंग के जरिए लाहौल-स्पीति जिले की लाहौल घाटी में उसके उत्तरी पोर्टल तक पहुंचेंगे और मनाली में दक्षिणी पोर्टल के लिए हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एवआरटीसी) की एक बस को हरी झंडी दिखाएंगे.
अधिकारियों ने बताया कि लाहौल स्पीति के सीसू में उद्घाटन समारोह के बाद मोदी सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद होंगे.
अटल सुरंग दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है. 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग मनाली को वर्ष भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी. पहले घाटी करीब छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण शेष हिस्से से कटी रहती थी. हिमालय के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच अत्याधुनिक विशिष्टताओं के साथ समुद्र तल से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर सुरंग को बनाया गया है.
अटल सुरंग का दक्षिणी पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर 3,060 मीटर की ऊंचाई पर बना है, जबकि उत्तरी पोर्टल 3,071 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल घाटी में तेलिंग, सीसू गांव के नजदीक स्थित है.
अधिकारियों ने बताया कि घोड़े की नाल के आकार वाली दो लेन वाली सुरंग में आठ मीटर चौड़ी सड़क है और इसकी ऊंचाई 5.525 मीटर है. उन्होंने बताया कि 3,300 करोड़ रुपए की कीमत से बनी सुरंग देश की रक्षा के नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण है.
अटल सुरंग का डिजाइन प्रतिदिन तीन हजार कारों और 1500 ट्रकों के लिए तैयार किया गया है. इसमें वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई, 2002 को रखी गई थी.
मोदी सरकार ने दिसंबर, 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के सम्मान में रोहतांग सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था.
यह टनल देश के बेहतरीन इंजीनियर्स और मजदूरों की दस साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है. पहले इसे 6 साल में बनाकर तैयार किया जाना था, लेकिन बाद में 4 साल और अधिक टाइम बढ़ गया. यह टनल देश में अपनी तरह की इकलौती है. इसे आधुनिक स्तर पर तैयार किया गया है.
इस टनल को बनाने में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इसमें केवल एक छोर से काम कर रहे थे, दूसरा छोर रोहतांग के पास उत्तर में था. एक साल में सिर्फ 5 महीने ही काम किया जा सकता था. अटल टनल प्रोजेक्ट पर कुल खर्च 3,200 करोड़ हुआ है, लेकिन 2010 में यह 1,700 करोड़ था.
अटल टनल से लाहौल घाटी समेत मनाली और पूरे प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. यह टनल पर्यटकों के लिए एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगी. लाहौल घाटी के सारा साल शेष विश्व से जुड़े रहने के बाद सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. प्रदेश में बेस्ट टूरिज्म डेस्टीनेशन के तौर पर मनाली का नाम चर्चित है.
वैसे तो अटल टनल के निर्माण का सपना पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी ने देखा था, लेकिन इसे धरातल पर उतारने का काम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया. अब ये सपना नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरा हुआ है.