नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर इन दिनों कोरोना काल का कालचक्र चल रहा है. एम्स में लगातार दूसरी मौत कोविड-19 से हुई है. कल ही एम्स के डॉक्टर्स ने मेस वर्कर खेमचंद की कोविड-19 से हुई मौत के लिए कैंडल जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी कि आज एम्स के सबसे चहेते प्रोफेसरों में एक डॉ जेएन पांडे भी कोविड-19 के शिकार हो गए. पिछले कुछ दिनों से वह होम क्वारंटाइन पर थे. बीती रात जब वह सोने गए तो सुबह बिस्तर से उठ ही नहीं पाए. उम्र की वजह से कोविड उनके लिए जानलेवा साबित हुआ.
सरल स्वभाव के लिए मशहूर थे डॉक्टर
एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष रह चुके डॉ. जेएन पांडे की शनिवार को कोविड इन्फेक्शन से मौत हो गई. वह कोविड से मरने वाले एम्स के दूसरे व्यक्ति हैं. ठीक एक दिन पहले ही रेजिडेंट हॉस्टल मेस वर्कर खेमचंद की भी कोविड-19 से मौत हो गई थी. डॉ पांडे अपने स्टूडेंट्स के बीच अपने सरल स्वभाव के लिए काफी मशहूर थे. सभी स्टूडेंट उनका काफी सम्मान किया करते थे.
मंगलवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी
एम्स रेजिडेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ अरविंदर सिंह ने बताया कि बीते सोमवार को डॉ पांडे कोविड जांच के लिए आए थे. मंगलवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. हल्के लक्षण वाला माइल्ड इन्फेक्शन ही था. इसीलिए उन्होंने घर पर ही क्वारंटाइन होने का फैसला किया. पिछले तीन दिनों से वह होम क्वारंटाइन में ही थे.
स्टूडेंट्स ने उनके साथ बिताए अनुभव किए साझा
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ राजकुमार श्रीनिवास ने प्रोफेसर पांडे के साथ एक अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह उनकी नजर में सबसे बेहतरीन डॉक्टर थे.
एक अच्छे इन्सान और एक बेहतरीन हेल्थ प्रोफेशनल का परफेक्ट कॉम्बिनेशन थे. एक बार एमडी की एक परीक्षा के दौरान एक्सटर्नल एग्जामिनर डॉ पांडे सर से किसी बात से असहमत हो रहे थे तब उस समय मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ केएल विग ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ कहा था कि अगर डॉ पांडे कुछ कह रहे हैं तो वह बिल्कुल सही ही होगा.