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पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता : भारत

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Published : Oct 23, 2020, 8:59 AM IST

भारत का कहना है कि लद्दाख में एलएसी गतिरोध का हल खोजने के लिए चीन के साथ बातचीत जारी है. दोनों पक्ष सीमा मुद्दे का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से वार्ता के माध्यम से निकालने के प्रयास में हैं. जैसा कि आप जानते हैं, भारत और चीन एलएसी पर सीमावर्ती क्षेत्रों संबंधी मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से लगातार चर्चा कर रहे हैं.

border standoff
सैन्य वार्ता

नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में विवाद के सभी बिंदुओं से सैनिकों की समग्र वापसी सुनिश्चित करना प्राथमिकता है. चीन के साथ होने वाली एक और दौर की सैन्य वार्ता से पहले विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, आठवें दौर की सैन्य वार्ता की तारीख को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन यह अगले सप्ताह के पूर्वार्द्ध में हो सकती है.

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को लेकर वार्ता
एक संवाददाता सम्मेलन में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को लेकर वार्ता की स्थिति के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि तात्कालिक दायित्व विवाद के सभी बिंदुओं से सैनिकों की समग्र वापसी सुनिश्चित करना है.

शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर चर्चा
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष सीमा मुद्दे का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से वार्ता के माध्यम से निकालने के प्रयास में हैं. उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, भारत और चीन एलएसी पर सीमावर्ती क्षेत्रों संबंधी मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से लगातार चर्चा कर रहे हैं.

पढ़ें: एएफएमसी के अधिकारियों में बढ़ी चिंताएं, रुका हुआ है प्रमोशन

श्रीवास्तव ने कहा कि यह 10 सितंबर को मॉस्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक में बनी सहमति के अनुरूप किया जा रहा है.

तनाव कम करने को लेकर पांच सूत्री समझौता
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर मॉस्को में बातचीत की थी और वे पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए पांच सूत्री एक समझौते पर पहुंचे थे.

प्रोटोकॉल का पालन करने पर जताई सहमति
समझौते में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति की बहाली के लिए सैनिकों की त्वरित वापसी, तनाव भड़काने वाली गतिविधियों से बचने और सीमा प्रबंधन से संबंधित सभी समझौतों एवं प्रोटोकॉल का पालन करने पर सहमति जताई गई थी.

सातवें दौर की सैन्य वार्ता का जिक्र
श्रीवास्तव ने भारत और चीन के बीच 30 सितंबर को हुई पिछले दौर की कूटनीतिक वार्ता और 12 अक्टूबर को हुई सातवें दौर की सैन्य वार्ता का भी जिक्र किया.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर : कबाइलियों से लोहा लेते हुए कुर्बान हुए थे मकबूल शेरवानी

सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता एवं संपर्क बनाए रखने के साथ-साथ सैनिकों की जल्द से जल्द वापसी के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने की इच्छा जताई है.

नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में विवाद के सभी बिंदुओं से सैनिकों की समग्र वापसी सुनिश्चित करना प्राथमिकता है. चीन के साथ होने वाली एक और दौर की सैन्य वार्ता से पहले विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, आठवें दौर की सैन्य वार्ता की तारीख को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन यह अगले सप्ताह के पूर्वार्द्ध में हो सकती है.

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को लेकर वार्ता
एक संवाददाता सम्मेलन में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को लेकर वार्ता की स्थिति के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि तात्कालिक दायित्व विवाद के सभी बिंदुओं से सैनिकों की समग्र वापसी सुनिश्चित करना है.

शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर चर्चा
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष सीमा मुद्दे का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से वार्ता के माध्यम से निकालने के प्रयास में हैं. उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, भारत और चीन एलएसी पर सीमावर्ती क्षेत्रों संबंधी मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से लगातार चर्चा कर रहे हैं.

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श्रीवास्तव ने कहा कि यह 10 सितंबर को मॉस्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक में बनी सहमति के अनुरूप किया जा रहा है.

तनाव कम करने को लेकर पांच सूत्री समझौता
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर मॉस्को में बातचीत की थी और वे पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए पांच सूत्री एक समझौते पर पहुंचे थे.

प्रोटोकॉल का पालन करने पर जताई सहमति
समझौते में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति की बहाली के लिए सैनिकों की त्वरित वापसी, तनाव भड़काने वाली गतिविधियों से बचने और सीमा प्रबंधन से संबंधित सभी समझौतों एवं प्रोटोकॉल का पालन करने पर सहमति जताई गई थी.

सातवें दौर की सैन्य वार्ता का जिक्र
श्रीवास्तव ने भारत और चीन के बीच 30 सितंबर को हुई पिछले दौर की कूटनीतिक वार्ता और 12 अक्टूबर को हुई सातवें दौर की सैन्य वार्ता का भी जिक्र किया.

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सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता एवं संपर्क बनाए रखने के साथ-साथ सैनिकों की जल्द से जल्द वापसी के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने की इच्छा जताई है.

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