नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एंटी रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम' का सफल परीक्षण किया गया है. रुद्रम मिसाइल किसी भी सिग्नल अथवा रेडिएशन को पकड़ सकती है और रडार पर लाकर इसे नष्ट करने में सक्षम है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को इस सफलता पर बधाई दी है.
रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, 'न्यू जनरेशन एंटी-रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम-1) का आईटीआर, बालासोर में आज सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. यह भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है जिसे डीआरडीओ द्वारा भारतीय वायुसेना के लिए विकसित किया गया है. इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और अन्य हितधारकों को बधाई.'
डीआरडीओ ने एक बयान में कहा कि नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम) को ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप पर स्थित एक विकिरण लक्ष्य पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. मिसाइल को सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से लॉन्च किया गया है.
मिसाइल को लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में एकीकृत किया गया है, जिसमें प्रक्षेपण स्थितियों के आधार पर अलग-अलग रेंज की क्षमता है.
डीआरडीओ ने कहा कि इसमें अंतिम हमले के लिए पैसिव होमिंग हेड के साथ आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन है. रुद्रम ने रेडिएशन लक्ष्य को पिन प्वाइंट सटीकता से मारा.
पैसिव होमिंग हेड एक विस्तृत बैंड पर लक्ष्य का पता लगाने, वर्गीकृत करने और लक्ष्य को इंगेज करने में सक्षम है. मिसाइल बड़े स्टैंड ऑफ रेंज से प्रभावी तरीके से दुश्मन के वायु रक्षा को रोकने के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का एक शक्तिशाली हथियार है.
इसके साथ ही, देश ने दुश्मन रडार, संचार साइटों और अन्य आरएफ उत्सर्जक लक्ष्यों को बेअसर करने के लिए लंबी दूरी की हवा में लॉन्च की गई एंटी-रेडिएशन मिसाइल विकसित करने के लिए स्वदेशी क्षमता स्थापित कर ली है.
इस महीने की शुरूआत में, डीआरडीओ ने पनडुब्बी रोधी हथियार प्रणाली का परीक्षण किया था, जिससे नौसैनिक युद्ध क्षमता में वृद्धि हुई है.
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