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दक्षिण कोरियाई कंपनी ने बनाई मर्स कोरोना वायरस की एंटीबॉडी

दक्षिण कोरिया की कंपनी सेलट्रियन मर्स कोरोना वायरस की एंटीबॉडी विकसित करने में सफल रही है. यह कंपनी प्रमुख रूप से संक्रामक रोगों के रोकथाम और उपचार के क्षेत्र में कार्य करती है.

MERS virus vaccine
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Published : May 14, 2020, 3:12 PM IST

हैदराबाद : दक्षिण कोरिया की एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी सेलट्रियन, 'MERS' (मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) कोरोना वायरस एंटीबॉडी विकसित करने में सफल रही है. इस कंपनी का काम संक्रामक रोगों के रोकथाम और उपचार के क्षेत्र पर प्रमुख रूप से केंद्रित है.

एक राष्ट्रीय परियोजना के तहत यह एंटीबॉडी विकसित की गई है. सेलट्रियन ने CT-P38, MERS एंटीबॉडी उपचार के विकास में तेजी लाई. इसके अलावा सेलट्रियन ने इस वर्ष से 2022 तक CT-P38 के गैर-नैदानिक परीक्षणों और पहले चरण के नैदानिक परीक्षणों को करने के लक्ष्य के साथ कोरिया विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है.

2018 में इस कंपनी ने एंटबॉडी विकसित करने की दिशा में बड़ी सफलता हांसिल की थी. इसके साथ ही कंपनी ने एंटीबॉडी लिए घरेलू और विदेशी पेटेंट लिया था.

इसके बाद उसी साल नवंबर में International Influenza and Other Respiratory Diseases Association (ISIRV) ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया था, जिसमें यह दावा कि गया था कि CT-P38 जानवारों पर अन्य दवाओं कि तुलना में ज्यादा प्रभावकारी है.

कंपनी इसके विकास को लेकर सरकारों और मध्य पूर्वी देशो में अपने सहयोगियों से बातचीत कर रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मर्स दुनिया के 27 देशो में फैला है. इसके 84 प्रतिशत केस साउदी अरब में ही हैं.

कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि मर्स मध्य पूर्वी देशों में ही फैला है. हालांकि यह कोरिया में फिर से कभी भी फैल सकता है, इसलिए कंपनी इसकी दवा बनाने का पूरा प्रयास करेगी.

पढ़ें-भारत की पहल पर खिसियाए पाक ने उठाया यह कदम...

हैदराबाद : दक्षिण कोरिया की एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी सेलट्रियन, 'MERS' (मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) कोरोना वायरस एंटीबॉडी विकसित करने में सफल रही है. इस कंपनी का काम संक्रामक रोगों के रोकथाम और उपचार के क्षेत्र पर प्रमुख रूप से केंद्रित है.

एक राष्ट्रीय परियोजना के तहत यह एंटीबॉडी विकसित की गई है. सेलट्रियन ने CT-P38, MERS एंटीबॉडी उपचार के विकास में तेजी लाई. इसके अलावा सेलट्रियन ने इस वर्ष से 2022 तक CT-P38 के गैर-नैदानिक परीक्षणों और पहले चरण के नैदानिक परीक्षणों को करने के लक्ष्य के साथ कोरिया विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है.

2018 में इस कंपनी ने एंटबॉडी विकसित करने की दिशा में बड़ी सफलता हांसिल की थी. इसके साथ ही कंपनी ने एंटीबॉडी लिए घरेलू और विदेशी पेटेंट लिया था.

इसके बाद उसी साल नवंबर में International Influenza and Other Respiratory Diseases Association (ISIRV) ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया था, जिसमें यह दावा कि गया था कि CT-P38 जानवारों पर अन्य दवाओं कि तुलना में ज्यादा प्रभावकारी है.

कंपनी इसके विकास को लेकर सरकारों और मध्य पूर्वी देशो में अपने सहयोगियों से बातचीत कर रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मर्स दुनिया के 27 देशो में फैला है. इसके 84 प्रतिशत केस साउदी अरब में ही हैं.

कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि मर्स मध्य पूर्वी देशों में ही फैला है. हालांकि यह कोरिया में फिर से कभी भी फैल सकता है, इसलिए कंपनी इसकी दवा बनाने का पूरा प्रयास करेगी.

पढ़ें-भारत की पहल पर खिसियाए पाक ने उठाया यह कदम...

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