ETV Bharat / bharat

पूर्वी लद्दाख में तैयारियों में जुटी सेना, अब तक का सबसे बड़ा अभियान - Army Chief General MM Narwane

भारतीय सेना ने सर्दियों के महीनों में पूर्वी लद्दाख में सभी प्रमुख क्षेत्रों में सैनिकों की अपनी मौजूदा संख्या को बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि चीन के साथ सीमा विवाद के जल्द समाधान का कोई संकेत नहीं है. भारतीय वायु सेना ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर रहने का फैसला किया है.

army stocking
सैन्य तैयारी
author img

By

Published : Sep 27, 2020, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सेना कई दशकों के अपने सबसे बड़े सैन्य भंडारण अभियान के तहत पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग चार महीनों की भीषण सर्दियों के मद्देनजर टैंक, भारी हथियार, गोला-बारूद, ईंधन के साथ ही खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगी हुई है. सैन्य सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.

टी -90 और टी -72 टैंक, तोपों व अन्य सैन्य वाहनों को पहुंचाया

शीर्ष कमांडरों के एक समूह के साथ थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे इस विशाल अभियान में निजी तौर से जुड़े हुए हैं. इसकी शुरुआत जुलाई के मध्य में हुई थी और अब यह पूरा होने जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि बड़ी संख्या में टी -90 और टी -72 टैंक, तोपों व अन्य सैन्य वाहनों को विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पहुंचाया गया है. इस अभियान के तहत सेना ने 16,000 फुट की ऊंचाई पर तैनात जवानों के लिए बड़ी मात्रा में कपड़े, टेंट, खाद्य सामग्री, संचार उपकरण, ईंधन, हीटर और अन्य वस्तुओं की भी ढुलाई की है.

तीन अतिरिक्त सेना डिविजन की तैनाती

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अब तक का यह सबसे बड़ा साजो-सामान (लॉजिस्टिक) अभियान है, जो आजादी के बाद लद्दाख में पूरा किया गया है. यह विशाल स्तर पर है. भारत ने किसी भी चीनी दुस्साहस से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख में तीन अतिरिक्त सेना डिविजन की तैनाती की है. वहां अक्टूबर से जनवरी के बीच तापमान शून्य से नीचे पांच डिग्री सेल्सियस से शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे के बीच रहता है.

हजारों टन भोजन, ईंधन और अन्य उपकरणों को पहुंचाया

भारत ने यूरोप के कुछ देशों से सर्दियों के कपड़े आदि आयात किए हैं और पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पहले ही उनकी आपूर्ति की जा चुकी है. क्षेत्र में हजारों टन भोजन, ईंधन और अन्य उपकरणों के परिवहन के लिए सी -130 जे सुपर हरक्यूलिस और सी -17 ग्लोबमास्टर सहित भारतीय वायु सेना के लगभग सभी परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया गया. भारतीय सेना ने सर्दियों के महीनों में पूर्वी लद्दाख में सभी प्रमुख क्षेत्रों में सैनिकों की अपनी मौजूदा संख्या को बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि चीन के साथ सीमा विवाद के जल्द समाधान का कोई संकेत नहीं है. भारतीय वायु सेना ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर रहने का फैसला किया है.

नई दिल्ली : भारतीय सेना कई दशकों के अपने सबसे बड़े सैन्य भंडारण अभियान के तहत पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग चार महीनों की भीषण सर्दियों के मद्देनजर टैंक, भारी हथियार, गोला-बारूद, ईंधन के साथ ही खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगी हुई है. सैन्य सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.

टी -90 और टी -72 टैंक, तोपों व अन्य सैन्य वाहनों को पहुंचाया

शीर्ष कमांडरों के एक समूह के साथ थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे इस विशाल अभियान में निजी तौर से जुड़े हुए हैं. इसकी शुरुआत जुलाई के मध्य में हुई थी और अब यह पूरा होने जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि बड़ी संख्या में टी -90 और टी -72 टैंक, तोपों व अन्य सैन्य वाहनों को विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पहुंचाया गया है. इस अभियान के तहत सेना ने 16,000 फुट की ऊंचाई पर तैनात जवानों के लिए बड़ी मात्रा में कपड़े, टेंट, खाद्य सामग्री, संचार उपकरण, ईंधन, हीटर और अन्य वस्तुओं की भी ढुलाई की है.

तीन अतिरिक्त सेना डिविजन की तैनाती

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अब तक का यह सबसे बड़ा साजो-सामान (लॉजिस्टिक) अभियान है, जो आजादी के बाद लद्दाख में पूरा किया गया है. यह विशाल स्तर पर है. भारत ने किसी भी चीनी दुस्साहस से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख में तीन अतिरिक्त सेना डिविजन की तैनाती की है. वहां अक्टूबर से जनवरी के बीच तापमान शून्य से नीचे पांच डिग्री सेल्सियस से शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे के बीच रहता है.

हजारों टन भोजन, ईंधन और अन्य उपकरणों को पहुंचाया

भारत ने यूरोप के कुछ देशों से सर्दियों के कपड़े आदि आयात किए हैं और पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पहले ही उनकी आपूर्ति की जा चुकी है. क्षेत्र में हजारों टन भोजन, ईंधन और अन्य उपकरणों के परिवहन के लिए सी -130 जे सुपर हरक्यूलिस और सी -17 ग्लोबमास्टर सहित भारतीय वायु सेना के लगभग सभी परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया गया. भारतीय सेना ने सर्दियों के महीनों में पूर्वी लद्दाख में सभी प्रमुख क्षेत्रों में सैनिकों की अपनी मौजूदा संख्या को बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि चीन के साथ सीमा विवाद के जल्द समाधान का कोई संकेत नहीं है. भारतीय वायु सेना ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर रहने का फैसला किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.