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निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए 1033 लोग, 24 कोरोना पॉजिटिव - ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया

दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 मार्च से 15 मार्च तक लगभग 2000 लोगों की धार्मिक बैठक तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के अठारह जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इस जमात में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना के छह लोगों की मौत हो गई. उन सभी का कोरोनावायरस परीक्षण पॉजिटिव निकला था.

मरकज से निकलते लोग
मरकज से निकलते लोग
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Published : Mar 31, 2020, 8:30 AM IST

Updated : Mar 31, 2020, 1:11 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज का कोरोना वायरस कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. बता दें कि ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की प्रसिद्ध दरगाह के नजदीक मरकज में कई सभाएं हुईं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था. दिल्ली पुलिस के सूत्र के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की मदद से निजामुद्दीन के मरकज से लगभग 1033 लोगों को निकाल लिया गया है. इसमें से 334 लोगों कोअस्पताल भेजा गया है.

इस मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि हम संख्या के बारे में निश्चित नहीं हैं, लेकिन यह अनुमान है कि 1500-1700 लोग मरकज भवन में इकट्ठे हुए थे. 1033 लोगों को अब तक निकाला गया है . इनमें से 334 को अस्पताल भेजा गया है और 700 को पृथक केंद्र भेजा गया है.

इंफोग्राफिक
इंफोग्राफिक

कार्यक्रम के आयोजकों ने एक गंभीर अपराध किया.आपदा अधिनियम और संक्रामक रोग अधिनियम दिल्ली में लागू किया गया था, पांच से अधिक लोगों की किसी भी विधानसभा की अनुमति नहीं थी. फिर भी उन्होंने ऐसा किया. मैंने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए उपराज्यपाल को लिखा है. दिल्ली सरकार ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन

उल्लेखनीय है कि मरकज में शामिल होने वाले लोगों में से 24 को कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है.

सभा में देशभर के विभिन्न हिस्सों से करीब 600 भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया. राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के 25 नए मामले सामने आए हैं.

इसके बाद दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के कारण सोमवार को निजामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी.

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के 25 नए मामले सामने आने के बाद दिल्ली में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है.

बता दें कि तेलंगाना में उन छह लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 मार्च से 15 मार्च के बीच धार्मिक सभा में भाग लिया था.

पृथक के जाते लोग

उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में हाई अलर्ट

बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 मार्च से 15 मार्च तक लगभग 2000 लोगों की धार्मिक बैठक तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के अठारह जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

इस जमात में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना के छह लोगों की मौत हो गई. उन सभी का कोरोनावायरस परीक्षण पॉजिटिव निकला था.

एसपी क्राइम अजय शंकर राय के अनुसार, हाई अलर्ट पर रखे गए इन जिलों के पुलिस प्रमुखों को दिल्ली में बैठक में भाग लेने वालों की पहचान करने और उनकी मेडिकल जांच करवाने के लिए कहा गया है. साथ ही उन्हें मंगलवार शाम तक रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया है.

इसके चलते गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों में खासी सतर्कता बरती जा रही है.

राज्य सरकार को तब्लीगी जमात में भाग लेने वालों की एक सूची मिली है.

इस बैठक में भाग लेने वाले लगभग 250 सदस्यों में कोरोनावायरस के प्रारंभिक लक्षण दिखे हैं.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और उन लोगों पर नजर रख रहे हैं जो इस जमात में शामिल हुए थे. हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं कि इसके कारण कोरोना के मामलों में कोई तेजी न आए.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार दिल्ली में निजामुद्दीन इलाके के मरकज़ में 13 मार्च से 15 मार्च तक एक धार्मिक सभा में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है.

अधिकारियों ने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीग-ए-जमात में भाग लिया था. हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे.

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमात की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.

अधिकारियों ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ के अधिकारी और मेडिकल दल रविवार रात इलाके में पहुंचे.

पढ़ें- कोरोना संक्रमण से तेलंगाना के 6 लोगों की मौत, दिल्ली के मरकज में प्रार्थना के लिए गए थे : सीएमओ

पुलिस ने कहा कि कोविड-19 के लक्षण के साथ 200 से अधिक लोगों को दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया.

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ जे सी पासे ने कहा, 'रविवार को निजामुद्दीन से करीब 85 लोगों को एलएनजेपी अस्पताल लाया गया और आज 68 लोगों को लाया गया. इस तरह पृथक वार्डों में कुल 153 लोगों को भर्ती कराया गया है और जांच की जा रही है.'

हालांकि संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि तबलीग-ए-जमात में करीब 300 से 400 लोगों ने भाग लिया था.

उन्होंने बताया, 'हमने मरकज की इमारत को बाकी इलाके से अलग कर दिया जहां तबलीग-ए-जमात हुई थी. हम स्वास्थ्य विभाग को लोगों को जांच के लिए निकालने में मदद कर रहे हैं.'

एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि संस्थान को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में नोटिस जारी किया गया है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू बंद के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया.'

इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी.

पूरे इलाके का घेराव कर लिया गया है, जिसमें तबलीग-ए-जमात का मुख्यालय और आवास शामिल हैं.

पुलिस किसी तरह के उल्लंघन पर नजर रखने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल कर रही है.

लोगों को पृथक केंद्रों तक ले जाने के लिए बसों को तैयार रखा गया है. इलाके के उन होटलों को सील कर दिया गया है जिनमें जमात के लोग ठहरे थे.

श्रीनगर में पिछले सप्ताह कोविड-19 की वजह से तबलीग-ए-जमात में शामिल हुए एक व्यक्ति की मौत हो गयी जिनकी उम्र 60-65 के बीच थी. इसके बाद लोग सकते में आ गए.

ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की प्रसिद्ध दरगाह के नजदीक मरकज में कई सभाएं हुईं जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया. देशभर के विभिन्न हिस्सों से करीब 600 भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया.

नई दिल्ली : दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज का कोरोना वायरस कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. बता दें कि ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की प्रसिद्ध दरगाह के नजदीक मरकज में कई सभाएं हुईं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था. दिल्ली पुलिस के सूत्र के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की मदद से निजामुद्दीन के मरकज से लगभग 1033 लोगों को निकाल लिया गया है. इसमें से 334 लोगों कोअस्पताल भेजा गया है.

इस मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि हम संख्या के बारे में निश्चित नहीं हैं, लेकिन यह अनुमान है कि 1500-1700 लोग मरकज भवन में इकट्ठे हुए थे. 1033 लोगों को अब तक निकाला गया है . इनमें से 334 को अस्पताल भेजा गया है और 700 को पृथक केंद्र भेजा गया है.

इंफोग्राफिक
इंफोग्राफिक

कार्यक्रम के आयोजकों ने एक गंभीर अपराध किया.आपदा अधिनियम और संक्रामक रोग अधिनियम दिल्ली में लागू किया गया था, पांच से अधिक लोगों की किसी भी विधानसभा की अनुमति नहीं थी. फिर भी उन्होंने ऐसा किया. मैंने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए उपराज्यपाल को लिखा है. दिल्ली सरकार ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन

उल्लेखनीय है कि मरकज में शामिल होने वाले लोगों में से 24 को कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है.

सभा में देशभर के विभिन्न हिस्सों से करीब 600 भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया. राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के 25 नए मामले सामने आए हैं.

इसके बाद दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के कारण सोमवार को निजामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी.

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के 25 नए मामले सामने आने के बाद दिल्ली में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है.

बता दें कि तेलंगाना में उन छह लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 मार्च से 15 मार्च के बीच धार्मिक सभा में भाग लिया था.

पृथक के जाते लोग

उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में हाई अलर्ट

बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 मार्च से 15 मार्च तक लगभग 2000 लोगों की धार्मिक बैठक तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के अठारह जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

इस जमात में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना के छह लोगों की मौत हो गई. उन सभी का कोरोनावायरस परीक्षण पॉजिटिव निकला था.

एसपी क्राइम अजय शंकर राय के अनुसार, हाई अलर्ट पर रखे गए इन जिलों के पुलिस प्रमुखों को दिल्ली में बैठक में भाग लेने वालों की पहचान करने और उनकी मेडिकल जांच करवाने के लिए कहा गया है. साथ ही उन्हें मंगलवार शाम तक रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया है.

इसके चलते गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों में खासी सतर्कता बरती जा रही है.

राज्य सरकार को तब्लीगी जमात में भाग लेने वालों की एक सूची मिली है.

इस बैठक में भाग लेने वाले लगभग 250 सदस्यों में कोरोनावायरस के प्रारंभिक लक्षण दिखे हैं.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और उन लोगों पर नजर रख रहे हैं जो इस जमात में शामिल हुए थे. हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं कि इसके कारण कोरोना के मामलों में कोई तेजी न आए.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार दिल्ली में निजामुद्दीन इलाके के मरकज़ में 13 मार्च से 15 मार्च तक एक धार्मिक सभा में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है.

अधिकारियों ने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीग-ए-जमात में भाग लिया था. हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे.

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमात की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.

अधिकारियों ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ के अधिकारी और मेडिकल दल रविवार रात इलाके में पहुंचे.

पढ़ें- कोरोना संक्रमण से तेलंगाना के 6 लोगों की मौत, दिल्ली के मरकज में प्रार्थना के लिए गए थे : सीएमओ

पुलिस ने कहा कि कोविड-19 के लक्षण के साथ 200 से अधिक लोगों को दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया.

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ जे सी पासे ने कहा, 'रविवार को निजामुद्दीन से करीब 85 लोगों को एलएनजेपी अस्पताल लाया गया और आज 68 लोगों को लाया गया. इस तरह पृथक वार्डों में कुल 153 लोगों को भर्ती कराया गया है और जांच की जा रही है.'

हालांकि संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि तबलीग-ए-जमात में करीब 300 से 400 लोगों ने भाग लिया था.

उन्होंने बताया, 'हमने मरकज की इमारत को बाकी इलाके से अलग कर दिया जहां तबलीग-ए-जमात हुई थी. हम स्वास्थ्य विभाग को लोगों को जांच के लिए निकालने में मदद कर रहे हैं.'

एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि संस्थान को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में नोटिस जारी किया गया है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू बंद के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया.'

इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी.

पूरे इलाके का घेराव कर लिया गया है, जिसमें तबलीग-ए-जमात का मुख्यालय और आवास शामिल हैं.

पुलिस किसी तरह के उल्लंघन पर नजर रखने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल कर रही है.

लोगों को पृथक केंद्रों तक ले जाने के लिए बसों को तैयार रखा गया है. इलाके के उन होटलों को सील कर दिया गया है जिनमें जमात के लोग ठहरे थे.

श्रीनगर में पिछले सप्ताह कोविड-19 की वजह से तबलीग-ए-जमात में शामिल हुए एक व्यक्ति की मौत हो गयी जिनकी उम्र 60-65 के बीच थी. इसके बाद लोग सकते में आ गए.

ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की प्रसिद्ध दरगाह के नजदीक मरकज में कई सभाएं हुईं जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया. देशभर के विभिन्न हिस्सों से करीब 600 भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया.

Last Updated : Mar 31, 2020, 1:11 PM IST
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