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आरोपियों की राह में 'पुष्प' बने कांटे, मिलिए उस शख्स से जिसकी मदद से खुला अंकिता मर्डर केस - Ankita Bhandari met her friend Pushp

वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी की हत्या की साजिश रची और उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करा कर पुलिस को भटकाने की कोशिश की, लेकिन पूरे मामले में अंकिता के दोस्त पुष्प राज ने अपनी दोस्ती निभाते हुए इस हत्याकांड का खुलासा करने में एसआईटी और पुलिस की मदद की. जिसके कारण आज तीनों आरोपी सलाखों के पीछे हैं.

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अंकिता मर्डर केस
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Published : Oct 8, 2022, 10:35 PM IST

देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case) को लेकर उत्तराखंड सहित पूरे देशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है. अंकिता के हत्यारों के खिलाफ आम जनता, सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों ने गांव-गांव और शहर-शहर में विरोध प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मौजूदा समय में पुलिस पर भी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने का दबाव है, लेकिन क्या आपने यह सोचा है कि इस पूरे मामले पर अगर एक दोस्त की दोस्ती ना होती तो शायद यह मामला इतनी जल्दी सबके सामने न आता.

आपने यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार यह पूरा मामला कब और कैसे सामने आया. कुछ साल पहले जैसे दिल्ली में उस रात हुए निर्भया कांड (nirbhaya case) में जिस तरह से उसके दोस्त ने अंत समय तक उसका साथ दिया और आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया. उसी तरह अंकिता भंडारी हत्याकांड में भी दोस्त ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

पुष्प ने निभाई दोस्ती: अमूमन यह होता है कि अगर किसी व्यक्ति के सामने छोटा सा एक्सीडेंट या कोई भी वारदात हो जाए तो व्यक्ति गवाही देने से बेहद घबराता है. अगर उसका सीधा संबंध किसी वारदात से हो जाए तो वह बेहद परेशान हो जाता है. लेकिन अंकिता भंडारी हत्याकांड में जम्मू कश्मीर में रहने वाले पुष्प ने जिस तरह से अपनी दोस्ती निभाते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.

आरोपियों की राह में 'पुष्प' बने कांटे

ऐसे बने अंकिता और पुष्प दोस्त: इस दोस्ती के बारे में हम आपको कुछ बताएं उससे पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार इन दोनों की मुलाकात कैसे हुई. बताया जाता है कि पुष्प की सोशल मीडिया पर अंकिता भंडारी से दोस्ती हुई (Pushp befriends Ankita on social media) थी. दोनों के बीच बातें होने लगी और एक दूसरे पर विश्वास बढ़ने लगा. हत्या से कुछ दिन पहले ही अंकिता भंडारी अपने दोस्त पुष्प से मिली (Ankita Bhandari met her friend Pushp) थी. इससे पहले नौकरी खोजने में भी पुष्प ने अंकिता भंडारी की मदद की थी. पुष्प ने ही अंकिता को बताया था कि देहरादून और ऋषिकेश स्थित इन-इन जगहों पर वह अपना बायोडाटा दे सकती है. ताकि उसे घर के पास ही नौकरी मिल जाए और हुआ भी ऐसा ही. लेकिन इसे समय की क्रूरता ही कहेंगे की जो दोस्त अंकिता का साथ देकर उसे रिजॉर्ट का पता बता रहा था, वही रिजॉर्ट अंकिता की मौत का कारण बन गया.

पुष्प के बयान से मिली अंकिता मामले में सफलता: जिस रात अंकिता की हत्या हुई, उस रात अंतिम बार अंकिता की पुष्प से लंबी बातचीत हुई थी और पुष्प ही ऐसा पहला इंसान था, जिसको कुछ अनहोनी होने का अंदेशा हुआ था. बातचीत के दौरान पुष्प ने बार-बार इस बात पर फोकस रखा कि अंकिता उसे सारी बातें दिल खोल कर बताएं. यही कारण रहा कि जैसे ही अंकिता के दोस्त को शक हुआ, उसने वैसे ही परिवार के लोगों से संपर्क किया.

हालांकि, पुष्प सीधे तौर पर किसी भी परिवार के सदस्य को नहीं जानता था. लिहाजा उसने सोशल मीडिया पर ही अंकिता भंडारी के एक भाई की खोजबीन की और किसी तरह से उसका पता भी लगा लिया. जिसके बाद पुष्प ने पहली बार परिवार के सदस्यों को बताया कि अंकिता किसी बड़े खतरे में है. जैसे ही परिवार के सदस्यों को यह खबर मिली तो परिवार खोजबीन में जुट गया.

इधर अंकिता का जम्मू-कश्मीर में बैठा दोस्त भी वहां से रवाना हो गया. जब तक यह मामला पुलिस के पास पहुंचा भी नहीं था, तब तक अपनी दोस्त के खातिर पुष्प जम्मू से ऋषिकेश पहुंच गया था. बिना डरे बिना रुके पुष्प ने इस पूरी वारदात का सिलसिलेवार पुलिस को बयान दर्ज करवाया. पुलिस को भी पुष्प के व्हाट्सएप चैट और फोन कॉल की मदद से कार्रवाई में खूब मदद मिली.

पुष्प को अंकिता पर था भरोसा: अंकिता के गायब होने के बाद पुष्प अपने करियर की परवाह किए बिना, उसने न केवल पुलकित से सवाल जवाब किए. बल्कि पुलिस और एसआईटी के सवालों का जवाब भी बखूबी दिया. इस पूरे मामले में पुष्प हमेशा से यह कहता रहा कि पुलिस जितने दिन भी चाहेगी, जैसे भी चाहेगी, जहां भी चाहेगी. वह इस पूरे मामले पर गवाही देने और सारी जानकारी देने के लिए उपलब्ध रहेगा.

हालांकि पुष्प अपने परिवार के बारे में ज्यादा तो नहीं बताते, लेकिन इतना जरूर बताया कि वह मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं. एक अच्छे दोस्त के नाते ही पुष्प ने इस पूरे मामले पर बिना रुके जो कुछ भी किया, उससे उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि अंकिता जहां भी होगी, वह सब कुछ देख रही होगी. पुष्प ने कहा उसने अंकिता को जितना जाना है, वह कुछ ऐसा है. जो शायद बहुत कम लड़कियों में होता है.

वह अपने परिवार के प्रति अपने करियर के प्रति बेहद सजग थीय बेहद समझदार और चुलबुली बातें करने वाली अंकिता की दोस्ती उन्हें बहुत किस्मत से मिली थी. बहरहाल पुष्प भी अंकिता हत्याकांड में एसआईटी की जांच में सहायता कर रहे हैं. जब भी पूछताछ के लिए पुष्प को बुलाया जाता है. तब वह जम्मू कश्मीर से ऋषिकेश पहुंचा है. आज इस दोस्ती और खासकर पुष्प को लेकर उत्तराखंड की जनता में बेहद प्यार है.

देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case) को लेकर उत्तराखंड सहित पूरे देशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है. अंकिता के हत्यारों के खिलाफ आम जनता, सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों ने गांव-गांव और शहर-शहर में विरोध प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मौजूदा समय में पुलिस पर भी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने का दबाव है, लेकिन क्या आपने यह सोचा है कि इस पूरे मामले पर अगर एक दोस्त की दोस्ती ना होती तो शायद यह मामला इतनी जल्दी सबके सामने न आता.

आपने यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार यह पूरा मामला कब और कैसे सामने आया. कुछ साल पहले जैसे दिल्ली में उस रात हुए निर्भया कांड (nirbhaya case) में जिस तरह से उसके दोस्त ने अंत समय तक उसका साथ दिया और आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया. उसी तरह अंकिता भंडारी हत्याकांड में भी दोस्त ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

पुष्प ने निभाई दोस्ती: अमूमन यह होता है कि अगर किसी व्यक्ति के सामने छोटा सा एक्सीडेंट या कोई भी वारदात हो जाए तो व्यक्ति गवाही देने से बेहद घबराता है. अगर उसका सीधा संबंध किसी वारदात से हो जाए तो वह बेहद परेशान हो जाता है. लेकिन अंकिता भंडारी हत्याकांड में जम्मू कश्मीर में रहने वाले पुष्प ने जिस तरह से अपनी दोस्ती निभाते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.

आरोपियों की राह में 'पुष्प' बने कांटे

ऐसे बने अंकिता और पुष्प दोस्त: इस दोस्ती के बारे में हम आपको कुछ बताएं उससे पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार इन दोनों की मुलाकात कैसे हुई. बताया जाता है कि पुष्प की सोशल मीडिया पर अंकिता भंडारी से दोस्ती हुई (Pushp befriends Ankita on social media) थी. दोनों के बीच बातें होने लगी और एक दूसरे पर विश्वास बढ़ने लगा. हत्या से कुछ दिन पहले ही अंकिता भंडारी अपने दोस्त पुष्प से मिली (Ankita Bhandari met her friend Pushp) थी. इससे पहले नौकरी खोजने में भी पुष्प ने अंकिता भंडारी की मदद की थी. पुष्प ने ही अंकिता को बताया था कि देहरादून और ऋषिकेश स्थित इन-इन जगहों पर वह अपना बायोडाटा दे सकती है. ताकि उसे घर के पास ही नौकरी मिल जाए और हुआ भी ऐसा ही. लेकिन इसे समय की क्रूरता ही कहेंगे की जो दोस्त अंकिता का साथ देकर उसे रिजॉर्ट का पता बता रहा था, वही रिजॉर्ट अंकिता की मौत का कारण बन गया.

पुष्प के बयान से मिली अंकिता मामले में सफलता: जिस रात अंकिता की हत्या हुई, उस रात अंतिम बार अंकिता की पुष्प से लंबी बातचीत हुई थी और पुष्प ही ऐसा पहला इंसान था, जिसको कुछ अनहोनी होने का अंदेशा हुआ था. बातचीत के दौरान पुष्प ने बार-बार इस बात पर फोकस रखा कि अंकिता उसे सारी बातें दिल खोल कर बताएं. यही कारण रहा कि जैसे ही अंकिता के दोस्त को शक हुआ, उसने वैसे ही परिवार के लोगों से संपर्क किया.

हालांकि, पुष्प सीधे तौर पर किसी भी परिवार के सदस्य को नहीं जानता था. लिहाजा उसने सोशल मीडिया पर ही अंकिता भंडारी के एक भाई की खोजबीन की और किसी तरह से उसका पता भी लगा लिया. जिसके बाद पुष्प ने पहली बार परिवार के सदस्यों को बताया कि अंकिता किसी बड़े खतरे में है. जैसे ही परिवार के सदस्यों को यह खबर मिली तो परिवार खोजबीन में जुट गया.

इधर अंकिता का जम्मू-कश्मीर में बैठा दोस्त भी वहां से रवाना हो गया. जब तक यह मामला पुलिस के पास पहुंचा भी नहीं था, तब तक अपनी दोस्त के खातिर पुष्प जम्मू से ऋषिकेश पहुंच गया था. बिना डरे बिना रुके पुष्प ने इस पूरी वारदात का सिलसिलेवार पुलिस को बयान दर्ज करवाया. पुलिस को भी पुष्प के व्हाट्सएप चैट और फोन कॉल की मदद से कार्रवाई में खूब मदद मिली.

पुष्प को अंकिता पर था भरोसा: अंकिता के गायब होने के बाद पुष्प अपने करियर की परवाह किए बिना, उसने न केवल पुलकित से सवाल जवाब किए. बल्कि पुलिस और एसआईटी के सवालों का जवाब भी बखूबी दिया. इस पूरे मामले में पुष्प हमेशा से यह कहता रहा कि पुलिस जितने दिन भी चाहेगी, जैसे भी चाहेगी, जहां भी चाहेगी. वह इस पूरे मामले पर गवाही देने और सारी जानकारी देने के लिए उपलब्ध रहेगा.

हालांकि पुष्प अपने परिवार के बारे में ज्यादा तो नहीं बताते, लेकिन इतना जरूर बताया कि वह मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं. एक अच्छे दोस्त के नाते ही पुष्प ने इस पूरे मामले पर बिना रुके जो कुछ भी किया, उससे उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि अंकिता जहां भी होगी, वह सब कुछ देख रही होगी. पुष्प ने कहा उसने अंकिता को जितना जाना है, वह कुछ ऐसा है. जो शायद बहुत कम लड़कियों में होता है.

वह अपने परिवार के प्रति अपने करियर के प्रति बेहद सजग थीय बेहद समझदार और चुलबुली बातें करने वाली अंकिता की दोस्ती उन्हें बहुत किस्मत से मिली थी. बहरहाल पुष्प भी अंकिता हत्याकांड में एसआईटी की जांच में सहायता कर रहे हैं. जब भी पूछताछ के लिए पुष्प को बुलाया जाता है. तब वह जम्मू कश्मीर से ऋषिकेश पहुंचा है. आज इस दोस्ती और खासकर पुष्प को लेकर उत्तराखंड की जनता में बेहद प्यार है.

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