लखनऊ : राज्य सभा की 10 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी के आठ और सपा-बसपा के एक-एक उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित हो गए हैं. सपा समर्थित प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज होने के साथ ही बाकी बचे सभी 10 उम्मीदवारों का राज्य सभा जाना तय हो गया था. नामांकन पत्र वापसी की अंतिम तिथि दो नवम्बर थी. निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए सदस्यों को सहायक निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मुशाहिद सईद ने उनके प्रमाण पत्र सौंपे. इसी के साथ इतिहास में बीजेपी पहली बार राज्य सभा में सबसे बेहतर स्थिति में पहुंच गई है और कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे खराब हाल में.
कौन-कौन बने राज्यसभा सांसद
भाजपा से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा अरुण सिंह, नीरज शेखर, बृजलाल, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी और बीएल वर्मा निर्वाचित हुए हैं. समाजवादी पार्टी से प्रोफेसर राम गोपाल और बहुजन समाज पार्टी से रामजी गौतम निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. निर्वाचित सदस्य बृजलाल ने बताया कि उन सभी का कार्यकाल 25 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2026 तक रहेगा.
राज्य सभा में उत्तर प्रदेश कोटे से 31 सीटें
राज्य सभा में उत्तर प्रदेश कोटे से 31 सीटें हैं. इनमें अब सर्वाधिक 22 सीटें भारतीय जनता पार्टी की हो जाएंगी, जबकि समाजवादी पार्टी के पास पांच और बसपा के खाते में तीन सीटें रहेंगी. कांग्रेस के पास अब उत्तर प्रदेश से राज्य सभा की सिर्फ एक सीट रह जाएगी. दस सीटों के लिए कुल 11 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज ने समाजवादी पार्टी के समर्थन से नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन तकनीकी त्रुटि की वजह से उनका नामांकन निरस्त हो गया.
कांग्रेस के पास सिर्फ 38 सीटें
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्य सभा की 11 सीटों पर नतीजे साफ होने के बाद राज्य सभा के सदस्यों की संख्या के मामले में बीजेपी अपने इतिहास के शिखर पर पहुंच गई है. इसके साथ ही राज्य सभा के सदस्यों की संख्या के मामले में कांग्रेस ने भी इतिहास रचा है. कांग्रेस के राज्य सभा सदस्यों की संख्या अब तक के उसके इतिहास में सबसे कम हो गई है. अब बीजेपी के पास कुल 92 सीटें हो जाएंगी, वहीं कांग्रेस के पास सिर्फ 38 सीटें बचेंगी. अगर बात करें एनडीए की, तो अब राज्य सभा में एनडीए की कुल सीटों की संख्या 112 हो जाएगी. यह संख्या बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 10 सीटें दूर है. राज्य सभा में कुल सीटें 245 हैं. इनमें से 12 सीटों पर राष्ट्रपति सदस्यों को नामांकित करते हैं. बाकी सीटों पर चुनाव होता है.