नई दिल्ली : देश में लगातार आ रहे कोरोना वायरस के नए मामलों के बीच एक राहत की खबर आई है. एम्स के निदेशक डॉ रणदीप सिंह गुलेरिया ने बताया कि इस महीने के आखिर में या जनवरी की शुरुआत में कोविड-19 की वैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी मिल सकती है.
भारत में तीन फार्मा कंपनियां कोविड-19 की वैक्सीन का परीक्षण कर रही हैं. इनमें से दो टीकों का तीसरे चरण का परीक्षण हो रहा है. इसके बाद दिसंबर अंत या जनवरी में वैक्सीन के आने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि ये अच्छी खबर है कि एक वैक्सीन को इतने कम समय में मंजूरी मिल गई है. भारत में वैक्सीन अपने तीसरे चरण में हैं. इस बात का पर्याप्त डाटा है कि वैक्सीन सुरक्षित है. करीब 70-80 हजार लोगों को वैक्सीन दी गई है. अब तक वैक्सीन का कोई गंभीर विपरीत असर नहीं हुआ है.
डॉ गुलेरिया ने बताया कि वैक्सीन से मृत्युदर में कमी आएगी और बड़ी आबादी को वैक्सीन लगाने से हम वायरस के प्रसार की चेन को तोड़ पाएंगे.
उन्होंने बताया कि कोल्ड चेन बनाए रखने, उपयुक्त स्टोर वेयरहाउस उपलब्ध होने, रणनीति विकसित करने, टीकाकरण और सीरिंज की उपलब्धता के संदर्भ में टीकाकरण योजना के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर बड़े स्तर पर काम चल रहा है.
शुरुआत में, टीका सभी को देने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होगा. हमें यह देखने के लिए एक प्राथमिकता सूची की आवश्यकता है कि हम उन लोगों का टीकाकरण करें जिनकी कोरोना के कारण मृत्यु की आशंका अधिक है.
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बता दें, ब्रिटेन में फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. यह वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 95% से अधिक प्रभावी पाई गई है.