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शरणार्थी बनने की आस में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक - ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर अफगान नागरिक

राजधानी दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर अफगान नागरिक इकट्ठा हो गए हैं. अफगान नागरिक सैयद अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने सुना है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने शरणार्थियों को स्वीकार करने और उन्हें आव्रजन वीजा देने की घोषणा की है.

ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक
ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक
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Published : Aug 19, 2021, 12:26 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर अफगान नागरिक इकट्ठा हो गए हैं. इन्हीं में से एक अफगान नागरिक सैयद अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने सुना है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने शरणार्थियों को स्वीकार करने और उन्हें आव्रजन वीजा देने की घोषणा की है, लेकिन यहां दूतावास हमें कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है. मुझे नहीं पता कि क्या करना है.

अफगान नागरिक सैयद अब्दुल्ला ने कहा कि हमने सुना है कि ऑस्ट्रेलियाई दूतावास अफगान नागरिकों को 3000 वीजा दे रहा है. जब हम यहां आए, तो उन्होंने हमें एक फॉर्म दिया, जिसमें कहा गया है कि हमें पहले यूएनएचसीआर को एक ईमेल भेजना होगा, जो हमें वीजा के लिए दूतावास के पास भेजेगा, लेकिन UNHCR कार्यालय ने कोई जवाब नहीं दिया.

ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक

बता दें, अलग-अलग देशों से विस्थापित लोगों के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन UNHCR (United Nations High Commissioner for Refugees) के खिलाफ दिल्ली में अफगानिस्तान मूल के लोग सोमवार को प्रदर्शन करेंगे. दरअसल अफगान में हुए तालिबान के कब्जे के बाद दिल्ली में रहने वाले अफगानी मूल के लोगों ने बुधवार को एक मीटिंग जंगपुरा इलाके में की. इस मीटिंग के दौरान इन लोगों ने अपने भविष्य को लेकर चर्चा की और मानव अधिकार की रक्षा के लिए UNHCR से अफगान के लोगों की मदद करने की अपील की.

ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक
ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक

अफगान कम्युनिटी ऑफ इंडिया से जुड़े अहमद जिया गानी ने बताया कि इंडिया में अफगानिस्तान से आए लगभग 21-23 हजार लोग भारत दिल्ली में रहते हैं जो रिफ्यूजी हैं. इनके मानव अधिकार का रक्षा करने का काम UNHCR का है. इसी को लेकर आज हमने गेट टुगेदर किया है. जिसमें अफगानिस्तान के रिफ्यूजी के भविष्य के लिए बातचीत की गई और सोमवार को प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है.

वहीं, तालिबानी बच्चों ने दिल्ली में जहां अफगानिस्तान के झंडे को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं, नाटक के जरिए अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूरता को दर्शाया. दरअसल, इस नाटक के जरिए यह दिखाया गया कि किस तरीके से तालिबान मासूम लोगों पर हमला करता है. वहीं, इस दौरान अफगानी मूल के लोगों ने अफगानिस्तान का झंडा भी दिखाया. अफगानी मूल के लोगों ने दिल्ली के जंगपुरा इलाके में एकत्रित होकर अपने मानव अधिकार को लेकर चर्चा की इस दौरान बच्चों के साथ बच्चे भी एकत्रित हुए.

ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक
ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक

आपको बता दें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) का कब्जा होते ही माहौल बदलने लगा है. बता दें, भारत और अफगानिस्तान गहरे दोस्त रहे हैं, लेकिन तालिबान का कब्जा होते ही भारत (India) के साथ आयात और निर्यात (Export-Import) दोनों ही बंद कर दिया गया है. फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के डॉ. अजय सहाय ने इस बात की पुष्टि भी की है.

पढ़ें: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने भारत से आयात और निर्यात रोका

डॉ. अजय सहाय ने कहा कि तालिबान ने इस वक्त सभी कार्गो मूवमेंट पर पाबंदी लगा दी है. उन्होंने कहा कि हमारा माल अक्सर पाकिस्तान के रास्ते ही सप्लाई होता था, जो अभी रोक दिया गया है. अफगानिस्तान के हालात पर हमारी नजर बनी हुई है, ताकि हम सप्लाई फिर से शुरू कर सकें. अजय सहाय ने कहा कि मौजूदा समय में तालिबान ने आयात औऱ निर्यात रोक दिया है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर अफगान नागरिक इकट्ठा हो गए हैं. इन्हीं में से एक अफगान नागरिक सैयद अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने सुना है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने शरणार्थियों को स्वीकार करने और उन्हें आव्रजन वीजा देने की घोषणा की है, लेकिन यहां दूतावास हमें कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है. मुझे नहीं पता कि क्या करना है.

अफगान नागरिक सैयद अब्दुल्ला ने कहा कि हमने सुना है कि ऑस्ट्रेलियाई दूतावास अफगान नागरिकों को 3000 वीजा दे रहा है. जब हम यहां आए, तो उन्होंने हमें एक फॉर्म दिया, जिसमें कहा गया है कि हमें पहले यूएनएचसीआर को एक ईमेल भेजना होगा, जो हमें वीजा के लिए दूतावास के पास भेजेगा, लेकिन UNHCR कार्यालय ने कोई जवाब नहीं दिया.

ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक

बता दें, अलग-अलग देशों से विस्थापित लोगों के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन UNHCR (United Nations High Commissioner for Refugees) के खिलाफ दिल्ली में अफगानिस्तान मूल के लोग सोमवार को प्रदर्शन करेंगे. दरअसल अफगान में हुए तालिबान के कब्जे के बाद दिल्ली में रहने वाले अफगानी मूल के लोगों ने बुधवार को एक मीटिंग जंगपुरा इलाके में की. इस मीटिंग के दौरान इन लोगों ने अपने भविष्य को लेकर चर्चा की और मानव अधिकार की रक्षा के लिए UNHCR से अफगान के लोगों की मदद करने की अपील की.

ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक
ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक

अफगान कम्युनिटी ऑफ इंडिया से जुड़े अहमद जिया गानी ने बताया कि इंडिया में अफगानिस्तान से आए लगभग 21-23 हजार लोग भारत दिल्ली में रहते हैं जो रिफ्यूजी हैं. इनके मानव अधिकार का रक्षा करने का काम UNHCR का है. इसी को लेकर आज हमने गेट टुगेदर किया है. जिसमें अफगानिस्तान के रिफ्यूजी के भविष्य के लिए बातचीत की गई और सोमवार को प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है.

वहीं, तालिबानी बच्चों ने दिल्ली में जहां अफगानिस्तान के झंडे को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं, नाटक के जरिए अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूरता को दर्शाया. दरअसल, इस नाटक के जरिए यह दिखाया गया कि किस तरीके से तालिबान मासूम लोगों पर हमला करता है. वहीं, इस दौरान अफगानी मूल के लोगों ने अफगानिस्तान का झंडा भी दिखाया. अफगानी मूल के लोगों ने दिल्ली के जंगपुरा इलाके में एकत्रित होकर अपने मानव अधिकार को लेकर चर्चा की इस दौरान बच्चों के साथ बच्चे भी एकत्रित हुए.

ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक
ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे सैकड़ों अफगान नागरिक

आपको बता दें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) का कब्जा होते ही माहौल बदलने लगा है. बता दें, भारत और अफगानिस्तान गहरे दोस्त रहे हैं, लेकिन तालिबान का कब्जा होते ही भारत (India) के साथ आयात और निर्यात (Export-Import) दोनों ही बंद कर दिया गया है. फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के डॉ. अजय सहाय ने इस बात की पुष्टि भी की है.

पढ़ें: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने भारत से आयात और निर्यात रोका

डॉ. अजय सहाय ने कहा कि तालिबान ने इस वक्त सभी कार्गो मूवमेंट पर पाबंदी लगा दी है. उन्होंने कहा कि हमारा माल अक्सर पाकिस्तान के रास्ते ही सप्लाई होता था, जो अभी रोक दिया गया है. अफगानिस्तान के हालात पर हमारी नजर बनी हुई है, ताकि हम सप्लाई फिर से शुरू कर सकें. अजय सहाय ने कहा कि मौजूदा समय में तालिबान ने आयात औऱ निर्यात रोक दिया है.

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