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Adani-Hindenburg report : SC ने शेयरों में गिरावट की जांच के लिए समिति बनाई

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Published : Mar 2, 2023, 12:36 PM IST

Updated : Mar 2, 2023, 12:51 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजारों के लिए विभिन्न नियामक पहलुओं को देखने के लिए गुरुवार को छह सदस्यीय समिति का गठन करने का आदेश दिया. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के धोखाधड़ी के आरोपों से हाल ही में अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट के बाद शीर्ष अदालत ने ये फैसला सुनाया है.

अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट
अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शेयर बाजारों के विभिन्न नियामकीय पहलुओं के साथ अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट की जांच के लिए गुरुवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अगुवाई में एक समिति के गठन का आदेश दिया. समिति को अपनी रिपोर्ट दो माह के अंदर देनी होगी. अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हाल में आई भारी गिरावट के मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह बड़ा कदम उठाया है. इधर, उद्योगपति गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग मामले पर शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत होगी.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि समिति इस मामले में पूरी स्थिति का आकलन करेगी और निवेशकों की सभी चीजों के बारे में जागरूक करने और शेयर बाजारों की मौजूदा नियामकीय व्यवस्था को मजबूत करने के उपाय सुझाएगी. पीठ ने केंद्र सरकार के साथ-साथ वित्तीय सांविधिक निकायों, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन को समिति को जांच में पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया है.

पढ़ें : Adani Hindenburg row : अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर विशेषज्ञों के पैनल पर गुरुवार को आदेश सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

इसे भी पढ़ें : Adani Issue : अडाणी समूह को बचाने के लिए एलआईसी, एसबीआई को निवेश का आदेश किसने दिया: राहुल

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ओ पी भट और न्यायमूर्ति जे पी देवदत्त भी छह समिति के सदस्य होंगे. समिति के अन्य सदस्यों में नंदन नीलेकणि, के वी कामत, सोमशेखरन सुंदरसन शामिल हैं. इससे पहले शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए विशेषज्ञों की प्रस्तावित समिति पर सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझावों को लेने से इनकार कर दिया था. अभी तक इस मामले में उच्चतम न्यायालय में चार जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. ये याचिकाएं अधिवक्ता एम एल शर्मा, विशाल तिवारी तथा कांग्रेस नेताओं जया ठाकुर और मुकेश कुमार ने दायर की हैं. उल्लेखरीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट आई है. रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों में हेराफेरी का आरोप लगाया गया है. हालांकि, समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शेयर बाजारों के विभिन्न नियामकीय पहलुओं के साथ अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट की जांच के लिए गुरुवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अगुवाई में एक समिति के गठन का आदेश दिया. समिति को अपनी रिपोर्ट दो माह के अंदर देनी होगी. अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हाल में आई भारी गिरावट के मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह बड़ा कदम उठाया है. इधर, उद्योगपति गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग मामले पर शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत होगी.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि समिति इस मामले में पूरी स्थिति का आकलन करेगी और निवेशकों की सभी चीजों के बारे में जागरूक करने और शेयर बाजारों की मौजूदा नियामकीय व्यवस्था को मजबूत करने के उपाय सुझाएगी. पीठ ने केंद्र सरकार के साथ-साथ वित्तीय सांविधिक निकायों, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन को समिति को जांच में पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया है.

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उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ओ पी भट और न्यायमूर्ति जे पी देवदत्त भी छह समिति के सदस्य होंगे. समिति के अन्य सदस्यों में नंदन नीलेकणि, के वी कामत, सोमशेखरन सुंदरसन शामिल हैं. इससे पहले शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए विशेषज्ञों की प्रस्तावित समिति पर सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझावों को लेने से इनकार कर दिया था. अभी तक इस मामले में उच्चतम न्यायालय में चार जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. ये याचिकाएं अधिवक्ता एम एल शर्मा, विशाल तिवारी तथा कांग्रेस नेताओं जया ठाकुर और मुकेश कुमार ने दायर की हैं. उल्लेखरीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट आई है. रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों में हेराफेरी का आरोप लगाया गया है. हालांकि, समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 2, 2023, 12:51 PM IST
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