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संक्रमण को रोकने के लिए चेन को तोड़े : विश्व जूनोसिस दिवस - विश्व जूनोसिस दिवस

जूनोसिस नाम से दुनिया भर में बहुत कम लोग वाकिफ है लेकिन इसके चलते होने वाले संक्रमण काफी जानलेवा हो सकते हैं। जानवरों के जरिए इंसानों में बैक्टीरिया या वायरस के माध्यम से पहुंचने वाली इस बीमारी के परिणाम आमतौर पर काफी गंभीर तथा घातक माने जाते हैं। वर्तमान समय में दुनिया भर में कहर मचा रहा कोरोना भी इसी श्रेणी में आता है। दुनिया भर में लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस मनाया जाता है।

Zoonoses, विश्व जूनोसिस दिवस
विश्व जूनोसिस दिवस
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Published : Jul 6, 2021, 2:41 PM IST

फ्रांसीसी जीवविज्ञानी लुइस पेस्टयूर द्वारा पहली बार रेबीज वायरस के खिलाफ टीका बनाया गया था, जिसे पहली बार 6 जुलाई 1885 को एक 9 वर्षीय बच्चे को लगाया गया था। इसी उपलक्ष में हर वर्ष 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह विशेष दिवस “जूनोटिक संक्रमण की चेन को तोड़े “विषय पर मनाया जा रहा है।

क्या है जूनोटिक रोग

जूनोटिक रोग या जूनोटिक टर्बोक्लोसिस वह संक्रामक रोग होते हैं जो जानवरों से मनुष्य और मनुष्य से जानवर में फैलते हैं। यदि यह रोग मनुष्य से जानवर में पहुंचे तो वह रिवर्स जूनोसिस कहलाता है। जुनोटिक रोग आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी तथा कवक, किसी भी रोग कारक के चलते फैल सकते हैं। विश्व भर में लगभग 150 जुनोटिक रोग उपस्थित माने जाते हैं जिनमें से रेबीज, ब्रूसेलोसिस, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, इबोला, निपाह, ब्लेंडर, सालमोनेलोसिस, लेप्टोसिरोसिस तथा जापानी इंसेफलैटिस सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। कोरोना वायरस को भी कुछ जीववैज्ञानिक इस श्रेणी में रखते हैं क्योंकि माना जाता है की यह संक्रमण सर्वप्रथम चमगादड़ों से फैला था।

जानवरों से इंसानों में कैसे फैलती है बीमारियां

रोग बचाव एवं नियंत्रण केंद्र सीडीसी के अनुसार लगभग 75% नए रोग तथा संक्रमण , जानवरों के जरिए फ़ैलते हैं। ना सिर्फ जानवरों से बल्कि विभिन्न प्रकार के कीड़े मकोड़ों से भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इंसानों को कई बीमारियां पहुंच सकती हैं । आम तौर पर बीमार जानवरों के शारीरिक संपर्क में आने, उनके काटने या उनकी लार से, बीमार जानवरों को खाने से, कीटों के काटने या डंक चुभोने से इस तरह की बीमारियां लोगों को प्रभावित करती हैं।

जूनोसिस रोग में कैसे करे बचाव

  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर यात्रा करते समय अपने चेहरे को ढंक लें।
  • बिना अच्छे से पका हुआ मांसाहारी भोजन ना खाएं ।
  • पालतू जानवरों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें, उनकी नियमित जांच करवाएं व समय-समय पर जरूरी वैक्सीन लगवाते रहें ।
  • उसके स्थान को साफ और स्वच्छ रखें।
  • जानवरों को छूने या उनके साथ खेलने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
  • मच्छरों से बचाव के लिए जरूरी उपाय अपनाएं, क्योंकि मच्छरों से कई जानलेवा बीमारियां फैलती हैं।
  • जानवरों द्वारा छुए गए, चाटे गए या सूंघे गए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • जानवरों के मल और पेशाब को ठिकाने लगाने का उचित प्रबंध करें।
  • आपके आसपास अगर कोई संक्रामक बीमारी फैली है, तो उससे बचाव के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करें।

Also Read: कोरोना महामारी के बीच टीबी की अनदेखी ले सकती है हजारों लोगों की जान

फ्रांसीसी जीवविज्ञानी लुइस पेस्टयूर द्वारा पहली बार रेबीज वायरस के खिलाफ टीका बनाया गया था, जिसे पहली बार 6 जुलाई 1885 को एक 9 वर्षीय बच्चे को लगाया गया था। इसी उपलक्ष में हर वर्ष 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह विशेष दिवस “जूनोटिक संक्रमण की चेन को तोड़े “विषय पर मनाया जा रहा है।

क्या है जूनोटिक रोग

जूनोटिक रोग या जूनोटिक टर्बोक्लोसिस वह संक्रामक रोग होते हैं जो जानवरों से मनुष्य और मनुष्य से जानवर में फैलते हैं। यदि यह रोग मनुष्य से जानवर में पहुंचे तो वह रिवर्स जूनोसिस कहलाता है। जुनोटिक रोग आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी तथा कवक, किसी भी रोग कारक के चलते फैल सकते हैं। विश्व भर में लगभग 150 जुनोटिक रोग उपस्थित माने जाते हैं जिनमें से रेबीज, ब्रूसेलोसिस, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, इबोला, निपाह, ब्लेंडर, सालमोनेलोसिस, लेप्टोसिरोसिस तथा जापानी इंसेफलैटिस सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। कोरोना वायरस को भी कुछ जीववैज्ञानिक इस श्रेणी में रखते हैं क्योंकि माना जाता है की यह संक्रमण सर्वप्रथम चमगादड़ों से फैला था।

जानवरों से इंसानों में कैसे फैलती है बीमारियां

रोग बचाव एवं नियंत्रण केंद्र सीडीसी के अनुसार लगभग 75% नए रोग तथा संक्रमण , जानवरों के जरिए फ़ैलते हैं। ना सिर्फ जानवरों से बल्कि विभिन्न प्रकार के कीड़े मकोड़ों से भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इंसानों को कई बीमारियां पहुंच सकती हैं । आम तौर पर बीमार जानवरों के शारीरिक संपर्क में आने, उनके काटने या उनकी लार से, बीमार जानवरों को खाने से, कीटों के काटने या डंक चुभोने से इस तरह की बीमारियां लोगों को प्रभावित करती हैं।

जूनोसिस रोग में कैसे करे बचाव

  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर यात्रा करते समय अपने चेहरे को ढंक लें।
  • बिना अच्छे से पका हुआ मांसाहारी भोजन ना खाएं ।
  • पालतू जानवरों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें, उनकी नियमित जांच करवाएं व समय-समय पर जरूरी वैक्सीन लगवाते रहें ।
  • उसके स्थान को साफ और स्वच्छ रखें।
  • जानवरों को छूने या उनके साथ खेलने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
  • मच्छरों से बचाव के लिए जरूरी उपाय अपनाएं, क्योंकि मच्छरों से कई जानलेवा बीमारियां फैलती हैं।
  • जानवरों द्वारा छुए गए, चाटे गए या सूंघे गए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • जानवरों के मल और पेशाब को ठिकाने लगाने का उचित प्रबंध करें।
  • आपके आसपास अगर कोई संक्रामक बीमारी फैली है, तो उससे बचाव के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करें।

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