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जरूरी है Armpit की साफ-सफाई तथा देखभाल

ज्यादातर महिलायें और पुरुष अपने बगलों (armpit) के स्वास्थ्य और साफ सफाई की और उतना ध्यान नहीं देते हैं जितना वे शरीर के बाकी अंगों की ओर देते हैं. जिसके चलते आमतौर उनमें बगलों में संक्रमण तथा अन्य कई प्रकार की समस्याओं के होने की आशंका बढ़ जाती है. आइए जानते हैं कि क्यों जरूरी होती है अंडरआर्म्स यानी बगलों की सफाई और कैसे  इस स्थान की देखभाल की जा सकती है.

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जरूरी है बगलों की साफ सफाई तथा देखभाल
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Published : Jan 15, 2022, 7:09 AM IST

हमारा शरीर तभी स्वस्थ रह सकता है जब पूरे शरीर की साफ-सफाई सही ढंग से हो. लेकिन कई बार कुछ लोग शरीर की सफाई करते समय अंडरआर्म्स यानी कांख (Armpit) की अनदेखी कर देते हैं या उनकी सही तरह से देखभाल नही करते हैं. आमतौर पर लोगों को लगता है कि यह हिस्सा तो ज्यादातर ढका रहता है इसलिए इसे साफ-सफाई या देखभाल की क्या जरूरत! जबकि यह धारणा बहुत गलत है. चाहे महिला हो या पुरुष बगलों की साफ- सफाई उतनी ही जरूरी होती है जितनी शरीर के बाकी अंगों की. अन्यथा बगलों की त्वचा का रंग बदलने, उनसे बदबू आने या उस स्थान की त्वचा पर संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है.

महिलायें होती हैं अपेक्षाकृत ज्यादा जागरूक

अंडरआर्म्स हाइजीन को लेकर आमतौर पर पुरुषों के मुकाबले महिलायें ज्यादा जागरूक होती है. जिसका एक कारण स्लीवलेस यानी बिना बाजू वाले कपड़े पहनना भी है. लेकिन अंडरआर्म्स की देखभाल के सही तरीकों को लेकर ज्यादातर महिलाओं को जानकारी नही होती है.

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आशा सकलानी बताती हैं कि आमतौर पर हमारी बगलों में हवा सीधे तौर पर नही पहुँच पाती है, जिससे उस स्थान पर ज्यादा मात्रा में पसीना आता है लेकिन वह जल्दी सुख नहीं पाता है. जिसके चलते बगलों में गंदगी बढ़ने या बैक्टीरिया पनपने की आशंका काफी बढ़ जाती है. और जिसका नतीजा बगलों में संक्रमण, बदबू, जलन तथा कई बार सूजन के रूप में नजर आता है.

वह बताती हैं कि सिर्फ साफ-सफाई का अभाव में ही नहीं कई बार बगलों की साफ सफाई या बदबू दूर करने के लिए अपनाये गए उत्पाद, या बगल के बालों को हटाने के लिए उपयोग में लाए गए उत्पाद भी समस्या का कारण बन सकते हैं.

कैसे करें सफाई तथा देखभाल

डॉ आशा बताती हैं कि बगलों की सही तरह से सफाई और देखभाल के लिए जरूरी है कि कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाय . जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • बगलों में पसीने के कारण उत्पन्न बैक्टीरिया को जमा होने से रोकने तथा बदबू से बचाने के लिए रोज नहाते समय उन्हे माइल्ड साबुन से साफ करें.
  • यदि संभव हो तो हफ्ते में दो बार प्राकृतिक या माइल्ड स्क्रब से उन्हे हल्के हाथों से एक्सफोलिएट करें. इससे बगलों के बालों में फंसे बैक्टीरिया तथा गंदगी के कण भी साफ हो जाएंगे.
  • बगलों को हमेशा सुखा रखने का प्रयास करें.

पढ़ें: संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं सेनेट्री नैपकिन

बगलों के बालों को हटायें या उन्हे ट्रिम करें

कुछ महिलायें नियमित तौर पर अपनी बगलों के बालों को वैक्सिंग, हेयर रिमुवर या रेजर की मदद से हटाती रहती हैं. लेकिन ज्यादातर पुरुष अपनी बगलों के बालों को लेकर कोई सावधानी नही बरतते हैं. जिससे पसीना आने के बाद ना तो वह जल्दी सूख पाता है, साथ ही उससे उत्पन्न बैक्टीरियाँ भी बालों में फंसे रह जाते हैं. इसलिए चाहे महिला हो या पुरुष उन्हे समय-समय पर अपनी बगलों के बालों को हटाते या ट्रिम करते रहने चाहिए.

लेकिन यहां ध्यान देने वाली एक बात यह भी बाल हटाने के लिए सही उत्पाद या तरीकों का उपयोग किया जाय. जैसे कैमिकल युक्त उत्पादों से परहेज किया या उनका कम इस्तेमाल किया जाय तथा वैक्सिंग करते समय ज्यादा ध्यान रखा जाय.

इसके अलावा यदि बगलों के बालों को रेजर से साफ कर रहें हो तो शेविंग जैल या कंडीशनर लगाने के कुछ क्षण बाद ही रेजर का इस्तेमाल किया जाय. जिससे बालों की जड़ें क्षतिग्रस्त ना हों.

बगलों की त्वचा के काला होने पर क्या करें

डॉ आशा बताती हैं कि बगलों में ज्यादा कैमिकल के इस्तेमाल तथा बालों को हटाने के लिए गलत तरीका अपनाने से कई बार बगल की त्वचा का रंग गहरा या काला होना लगता है.

कई बार बालों को हटाने के लिए इस्तेमाल में आने वाले कैमिकल युक्त रिमुवर, पसीने की बदबू कम करने के लिए एंटी पर्सपिरेंट यानी डियो या रोलॉन आदि के सीधे त्वचा पर इस्तेमाल तथा साफ़ सफाई न रखने से पसीना बाहर निकालने वाली स्वेद ग्रंथियों के बंद होने से यह समस्या हो सकती है.

  • इस समस्या से बचने के लिए बहुत जरूरी है कुछ बातों को ध्यान में रखा जा सकता है.
  • बगलों की नियमित सफाई करें और उन्हे हमेशा सुखा रखने का प्रयास करें.
  • सूती कपड़ों को प्राथमिकता दे या ऐसे कपड़े पहने जिनमें पसीना सोखने की क्षमता हो.
  • डियोडरेंट या परफ्यूम आदि के सीधे बगल की त्वचा पर उपयोग से बचे.
  • बगलों को साफ करने के लिए कम कैमिकल वाले उत्पादों का उपयोग करें तथा वैक्सिंग करते समय सभी जरूरी सावधानियाँ बरतें.
  • बगलों पर क्लींजर और स्क्रबर का इस्तेमाल करने या सामान्य सफाई के बाद भी माश्चराइजर का उपयोग करें.

डॉ आशा बताती हैं कि कई बार हार्मोनल समस्या या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी बगल की त्वचा का रंग बदल सकता है. ऐसे में यदि तमाम देखभाल के तरीकों को अपनाने के बावजूद भी त्वचा के रंग बदलने की समस्या देखने में आए तो डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श अवश्य लेना चाहिए.

पढ़ें: गुप्तांगों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है सही तरीके से सफाई

हमारा शरीर तभी स्वस्थ रह सकता है जब पूरे शरीर की साफ-सफाई सही ढंग से हो. लेकिन कई बार कुछ लोग शरीर की सफाई करते समय अंडरआर्म्स यानी कांख (Armpit) की अनदेखी कर देते हैं या उनकी सही तरह से देखभाल नही करते हैं. आमतौर पर लोगों को लगता है कि यह हिस्सा तो ज्यादातर ढका रहता है इसलिए इसे साफ-सफाई या देखभाल की क्या जरूरत! जबकि यह धारणा बहुत गलत है. चाहे महिला हो या पुरुष बगलों की साफ- सफाई उतनी ही जरूरी होती है जितनी शरीर के बाकी अंगों की. अन्यथा बगलों की त्वचा का रंग बदलने, उनसे बदबू आने या उस स्थान की त्वचा पर संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है.

महिलायें होती हैं अपेक्षाकृत ज्यादा जागरूक

अंडरआर्म्स हाइजीन को लेकर आमतौर पर पुरुषों के मुकाबले महिलायें ज्यादा जागरूक होती है. जिसका एक कारण स्लीवलेस यानी बिना बाजू वाले कपड़े पहनना भी है. लेकिन अंडरआर्म्स की देखभाल के सही तरीकों को लेकर ज्यादातर महिलाओं को जानकारी नही होती है.

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आशा सकलानी बताती हैं कि आमतौर पर हमारी बगलों में हवा सीधे तौर पर नही पहुँच पाती है, जिससे उस स्थान पर ज्यादा मात्रा में पसीना आता है लेकिन वह जल्दी सुख नहीं पाता है. जिसके चलते बगलों में गंदगी बढ़ने या बैक्टीरिया पनपने की आशंका काफी बढ़ जाती है. और जिसका नतीजा बगलों में संक्रमण, बदबू, जलन तथा कई बार सूजन के रूप में नजर आता है.

वह बताती हैं कि सिर्फ साफ-सफाई का अभाव में ही नहीं कई बार बगलों की साफ सफाई या बदबू दूर करने के लिए अपनाये गए उत्पाद, या बगल के बालों को हटाने के लिए उपयोग में लाए गए उत्पाद भी समस्या का कारण बन सकते हैं.

कैसे करें सफाई तथा देखभाल

डॉ आशा बताती हैं कि बगलों की सही तरह से सफाई और देखभाल के लिए जरूरी है कि कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाय . जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • बगलों में पसीने के कारण उत्पन्न बैक्टीरिया को जमा होने से रोकने तथा बदबू से बचाने के लिए रोज नहाते समय उन्हे माइल्ड साबुन से साफ करें.
  • यदि संभव हो तो हफ्ते में दो बार प्राकृतिक या माइल्ड स्क्रब से उन्हे हल्के हाथों से एक्सफोलिएट करें. इससे बगलों के बालों में फंसे बैक्टीरिया तथा गंदगी के कण भी साफ हो जाएंगे.
  • बगलों को हमेशा सुखा रखने का प्रयास करें.

पढ़ें: संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं सेनेट्री नैपकिन

बगलों के बालों को हटायें या उन्हे ट्रिम करें

कुछ महिलायें नियमित तौर पर अपनी बगलों के बालों को वैक्सिंग, हेयर रिमुवर या रेजर की मदद से हटाती रहती हैं. लेकिन ज्यादातर पुरुष अपनी बगलों के बालों को लेकर कोई सावधानी नही बरतते हैं. जिससे पसीना आने के बाद ना तो वह जल्दी सूख पाता है, साथ ही उससे उत्पन्न बैक्टीरियाँ भी बालों में फंसे रह जाते हैं. इसलिए चाहे महिला हो या पुरुष उन्हे समय-समय पर अपनी बगलों के बालों को हटाते या ट्रिम करते रहने चाहिए.

लेकिन यहां ध्यान देने वाली एक बात यह भी बाल हटाने के लिए सही उत्पाद या तरीकों का उपयोग किया जाय. जैसे कैमिकल युक्त उत्पादों से परहेज किया या उनका कम इस्तेमाल किया जाय तथा वैक्सिंग करते समय ज्यादा ध्यान रखा जाय.

इसके अलावा यदि बगलों के बालों को रेजर से साफ कर रहें हो तो शेविंग जैल या कंडीशनर लगाने के कुछ क्षण बाद ही रेजर का इस्तेमाल किया जाय. जिससे बालों की जड़ें क्षतिग्रस्त ना हों.

बगलों की त्वचा के काला होने पर क्या करें

डॉ आशा बताती हैं कि बगलों में ज्यादा कैमिकल के इस्तेमाल तथा बालों को हटाने के लिए गलत तरीका अपनाने से कई बार बगल की त्वचा का रंग गहरा या काला होना लगता है.

कई बार बालों को हटाने के लिए इस्तेमाल में आने वाले कैमिकल युक्त रिमुवर, पसीने की बदबू कम करने के लिए एंटी पर्सपिरेंट यानी डियो या रोलॉन आदि के सीधे त्वचा पर इस्तेमाल तथा साफ़ सफाई न रखने से पसीना बाहर निकालने वाली स्वेद ग्रंथियों के बंद होने से यह समस्या हो सकती है.

  • इस समस्या से बचने के लिए बहुत जरूरी है कुछ बातों को ध्यान में रखा जा सकता है.
  • बगलों की नियमित सफाई करें और उन्हे हमेशा सुखा रखने का प्रयास करें.
  • सूती कपड़ों को प्राथमिकता दे या ऐसे कपड़े पहने जिनमें पसीना सोखने की क्षमता हो.
  • डियोडरेंट या परफ्यूम आदि के सीधे बगल की त्वचा पर उपयोग से बचे.
  • बगलों को साफ करने के लिए कम कैमिकल वाले उत्पादों का उपयोग करें तथा वैक्सिंग करते समय सभी जरूरी सावधानियाँ बरतें.
  • बगलों पर क्लींजर और स्क्रबर का इस्तेमाल करने या सामान्य सफाई के बाद भी माश्चराइजर का उपयोग करें.

डॉ आशा बताती हैं कि कई बार हार्मोनल समस्या या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी बगल की त्वचा का रंग बदल सकता है. ऐसे में यदि तमाम देखभाल के तरीकों को अपनाने के बावजूद भी त्वचा के रंग बदलने की समस्या देखने में आए तो डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श अवश्य लेना चाहिए.

पढ़ें: गुप्तांगों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है सही तरीके से सफाई

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