वाराणसी : पूरा देश बेसब्री से 23 मई का इंतजार कर रहा है. हर किसी की निगाह प्रधानमंत्री पद पर बैठने वाले शख्स के नाम का इंतजार कर रही हैं. देश में किसकी सरकार बनेगी ? क्या प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ पाएंगे या फिर राहुल गांधी के अलावा महागठबंधन का कोई नया चेहरा प्रधानमंत्री के पद पर आसीन होगा ? इन सवालों का जवाब हर कोई जानना चाह रहा है लेकिन अगर ज्योतिषीय दृष्टि से बात की जाए तो क्या हालात होने वाले हैं किसके पक्ष में ग्रहों की चाल है और कौन ग्रहों की चाल के बल पर प्रधानमंत्री के पद पर बैठने वाला है इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने की.
सबसे पहले बात राहुल गांधी की
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि यदि विपक्ष की और पार्टियों की बात की जाए तो सबसे मजबूत स्थिति में बीजेपी के बाद कांग्रेस मानी जा रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली को देखने के बाद यह साफ कहा जा सकता है कि 2024 तक फिलहाल राहुल गांधी के लिए प्रधानमंत्री का पद पाना मुश्किल है. इसकी बड़ी वजह यह है कि राहुल गांधी की कुंडली मकर लग्न की है और इसका स्वामी शनि है. सबसे बड़ी बात यह है कि जो राशि नरेंद्र मोदी की है, वही राशि राहुल गांधी की है. यानी वृश्चिक और जो पीरियड वर्तमान में राहुल गांधी का चल रहा है वह अच्छा नहीं है. राहुल गांधी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा 1 मार्च तक थी और क्योंकि मारकेश में मारकेश की दशा मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाली होती है. ऐसी स्थिति में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानना उचित नहीं है.
कौन हैं वे तीन महिलाएं?
इसके अलावा यदि गठबंधन की बात की जाए तो अब तक उनकी तरफ से प्रधानमंत्री का चेहरा साफ नहीं है. वहीं प्रधानमंत्री की कुंडली में शुक्र राजयोगकारी है और मार्केश भी है, जिसकी वजह से राजनीति की जो तीन देवियां हैं, इनकी वजह से कहीं न कहीं प्रधानमंत्री को परेशानी होती रहेगी. क्योंकि शुक्र स्त्री कारक ग्रह है और इसका प्रमाण वर्तमान में ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच चल रही तनातनी को देखने से भी पता चल रहा है. इस वजह से यदि प्रधानमंत्री फिर से सत्ता पर आसीन होते हैं तो इनके लिए ममता, माया और प्रियंका यह तीनों परेशानी खड़ी करती रहेंगी.
क्या कहती है पीएम मोदी की कुंडली
वर्तमान समय में यदि अन्य नेताओं की तुलना में बात की जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली बाकी नेताओं की कुंडली से ज्यादा मजबूत है. इसकी वजह से यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ सकते हैं या बैठने जा रहे हैं.
वहीं काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सत्ता में काबिज होगी जिस तरह से 2014 मैं बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था उसी तर्ज पर इस बार भी हालात बनते दिख रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में सूर्य की महादशा थी, जो अक्टूबर 2018 में खत्म हो गई है. लेकिन प्रधानमंत्री की कुंडली मजबूत है और उनकी कुंडली में चल रही महादशा उन्हें एक बार फिर से सत्ता में लेकर आने की तैयारी कर रही है.
इस राशि के हैं प्रधानमंत्री मोदी
जन्म तिथि और जन्म समय के अनुसार नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है. यह कुंडली सार्वभौमिक है और वर्तमान में सभी ज्योतिषी कुंडली का अध्ययन कर रहे हैं. वर्तमान समय में नरेंद्र मोदी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही है. क्योंकि चंद्रमा को 27 नक्षत्रों का अधिपति कहा गया है इसलिए यह धरतीवासियों के लिए काफी इफेक्टिव माना जाता है. यह नरेंद्र मोदी की कुंडली में राजयोग बना रहा है क्योंकि लग्नेश और भाग्येश की युति इस कुंडली में है. लगभग 10 साल तक की यह चंद्रमा की दशा है. 5 साल बीत चुके हैं और अभी 5 साल की यह दशा बाकी है.
तीन राज्यों में हार की यह भी हो सकती है वजह
चंद्रमा की महादशा के बीच में केतु की अंतर्दशा आई थी, जिसकी वजह से 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति खराब हुई. क्योंकि केतु का चंद्रमा में योग अच्छा नहीं माना जाता है, यह अच्छा फल नहीं देता है, जिसकी वजह से तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की कुंडली की वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. वहीं इनकी कुंडली में शुक्र दशम स्थान पर है और इसकी अंतर्दशा शुरू हो गई है. चुंकी शुक्र फिर से राज्य सत्ता और ऐश्वर्य को देने वाला माना जाता है इसलिए यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी के पक्ष में है. वह एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने जा रहे हैं.
एक दूसरे की कमियों को पूरा कर रही भाजपा और पीएम की कुंडलियां
पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी का जन्म हुआ. इस आधार पर सूर्य की महादशा में शुक्र का अंतर चल रहा है और यह दशा अति लाभप्रद मानी जाती है. क्योंकि वृश्चिक राशि के अनुसार शनि का संचय दूसरे भाव में होगा और चंद्रमा की महादशा मिथुन लग्न की कुंडली के लिए मारक महादशा होती है जो बेहद कष्टप्रद होती है. इसलिए चंद्रमा बीजेपी के तेज में कमी लाएगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की खराब परिस्थितियों को सही करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली करेगी. इसकी बड़ी वजह यह है कि प्रधानमंत्री और भाजपा की सरकार के बारे में चर्चा करने पर यह पता चलता है कि पीएम मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है और इनकी महादशा चंद्रमा की चल रही है, जो 2021 तक रहेगी. ऐसे में भाजपा एक बार फिर सत्ता में काबिज होगी और इसका कारण पीएम मोदी की कुंडली बनेगी.