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क्या राहुल बन सकते हैं प्रधानमंत्री, जानिए उनकी कुंडली का गणित - varanasi news

17वें आम चुनाव के परिणाम आने वाले हैं. एग्जिट पोल भाजपा को सत्ता और मोदी के प्रधानमंत्री बनने की दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन कुंडली कुछ और ही कह रही है. जानिए मोदी और राहुल की कुंडली में क्या है और वे कौन सी तीन महिलाएं हैं, जिनके ग्रहों की चाल मोदी के रास्ते का रोड़ा बन सकते हैं.

क्या कहती है ग्रहों की दशा.
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Published : May 22, 2019, 3:52 PM IST

Updated : May 22, 2019, 4:07 PM IST

वाराणसी : पूरा देश बेसब्री से 23 मई का इंतजार कर रहा है. हर किसी की निगाह प्रधानमंत्री पद पर बैठने वाले शख्स के नाम का इंतजार कर रही हैं. देश में किसकी सरकार बनेगी ? क्या प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ पाएंगे या फिर राहुल गांधी के अलावा महागठबंधन का कोई नया चेहरा प्रधानमंत्री के पद पर आसीन होगा ? इन सवालों का जवाब हर कोई जानना चाह रहा है लेकिन अगर ज्योतिषीय दृष्टि से बात की जाए तो क्या हालात होने वाले हैं किसके पक्ष में ग्रहों की चाल है और कौन ग्रहों की चाल के बल पर प्रधानमंत्री के पद पर बैठने वाला है इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने की.

सबसे पहले बात राहुल गांधी की
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि यदि विपक्ष की और पार्टियों की बात की जाए तो सबसे मजबूत स्थिति में बीजेपी के बाद कांग्रेस मानी जा रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली को देखने के बाद यह साफ कहा जा सकता है कि 2024 तक फिलहाल राहुल गांधी के लिए प्रधानमंत्री का पद पाना मुश्किल है. इसकी बड़ी वजह यह है कि राहुल गांधी की कुंडली मकर लग्न की है और इसका स्वामी शनि है. सबसे बड़ी बात यह है कि जो राशि नरेंद्र मोदी की है, वही राशि राहुल गांधी की है. यानी वृश्चिक और जो पीरियड वर्तमान में राहुल गांधी का चल रहा है वह अच्छा नहीं है. राहुल गांधी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा 1 मार्च तक थी और क्योंकि मारकेश में मारकेश की दशा मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाली होती है. ऐसी स्थिति में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानना उचित नहीं है.

क्या कहती है ग्रहों की दशा.

कौन हैं वे तीन महिलाएं?
इसके अलावा यदि गठबंधन की बात की जाए तो अब तक उनकी तरफ से प्रधानमंत्री का चेहरा साफ नहीं है. वहीं प्रधानमंत्री की कुंडली में शुक्र राजयोगकारी है और मार्केश भी है, जिसकी वजह से राजनीति की जो तीन देवियां हैं, इनकी वजह से कहीं न कहीं प्रधानमंत्री को परेशानी होती रहेगी. क्योंकि शुक्र स्त्री कारक ग्रह है और इसका प्रमाण वर्तमान में ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच चल रही तनातनी को देखने से भी पता चल रहा है. इस वजह से यदि प्रधानमंत्री फिर से सत्ता पर आसीन होते हैं तो इनके लिए ममता, माया और प्रियंका यह तीनों परेशानी खड़ी करती रहेंगी.

क्या कहती है पीएम मोदी की कुंडली
वर्तमान समय में यदि अन्य नेताओं की तुलना में बात की जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली बाकी नेताओं की कुंडली से ज्यादा मजबूत है. इसकी वजह से यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ सकते हैं या बैठने जा रहे हैं.
वहीं काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सत्ता में काबिज होगी जिस तरह से 2014 मैं बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था उसी तर्ज पर इस बार भी हालात बनते दिख रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में सूर्य की महादशा थी, जो अक्टूबर 2018 में खत्म हो गई है. लेकिन प्रधानमंत्री की कुंडली मजबूत है और उनकी कुंडली में चल रही महादशा उन्हें एक बार फिर से सत्ता में लेकर आने की तैयारी कर रही है.

इस राशि के हैं प्रधानमंत्री मोदी
जन्म तिथि और जन्म समय के अनुसार नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है. यह कुंडली सार्वभौमिक है और वर्तमान में सभी ज्योतिषी कुंडली का अध्ययन कर रहे हैं. वर्तमान समय में नरेंद्र मोदी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही है. क्योंकि चंद्रमा को 27 नक्षत्रों का अधिपति कहा गया है इसलिए यह धरतीवासियों के लिए काफी इफेक्टिव माना जाता है. यह नरेंद्र मोदी की कुंडली में राजयोग बना रहा है क्योंकि लग्नेश और भाग्येश की युति इस कुंडली में है. लगभग 10 साल तक की यह चंद्रमा की दशा है. 5 साल बीत चुके हैं और अभी 5 साल की यह दशा बाकी है.

तीन राज्यों में हार की यह भी हो सकती है वजह
चंद्रमा की महादशा के बीच में केतु की अंतर्दशा आई थी, जिसकी वजह से 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति खराब हुई. क्योंकि केतु का चंद्रमा में योग अच्छा नहीं माना जाता है, यह अच्छा फल नहीं देता है, जिसकी वजह से तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की कुंडली की वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. वहीं इनकी कुंडली में शुक्र दशम स्थान पर है और इसकी अंतर्दशा शुरू हो गई है. चुंकी शुक्र फिर से राज्य सत्ता और ऐश्वर्य को देने वाला माना जाता है इसलिए यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी के पक्ष में है. वह एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने जा रहे हैं.

एक दूसरे की कमियों को पूरा कर रही भाजपा और पीएम की कुंडलियां
पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी का जन्म हुआ. इस आधार पर सूर्य की महादशा में शुक्र का अंतर चल रहा है और यह दशा अति लाभप्रद मानी जाती है. क्योंकि वृश्चिक राशि के अनुसार शनि का संचय दूसरे भाव में होगा और चंद्रमा की महादशा मिथुन लग्न की कुंडली के लिए मारक महादशा होती है जो बेहद कष्टप्रद होती है. इसलिए चंद्रमा बीजेपी के तेज में कमी लाएगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की खराब परिस्थितियों को सही करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली करेगी. इसकी बड़ी वजह यह है कि प्रधानमंत्री और भाजपा की सरकार के बारे में चर्चा करने पर यह पता चलता है कि पीएम मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है और इनकी महादशा चंद्रमा की चल रही है, जो 2021 तक रहेगी. ऐसे में भाजपा एक बार फिर सत्ता में काबिज होगी और इसका कारण पीएम मोदी की कुंडली बनेगी.

वाराणसी : पूरा देश बेसब्री से 23 मई का इंतजार कर रहा है. हर किसी की निगाह प्रधानमंत्री पद पर बैठने वाले शख्स के नाम का इंतजार कर रही हैं. देश में किसकी सरकार बनेगी ? क्या प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ पाएंगे या फिर राहुल गांधी के अलावा महागठबंधन का कोई नया चेहरा प्रधानमंत्री के पद पर आसीन होगा ? इन सवालों का जवाब हर कोई जानना चाह रहा है लेकिन अगर ज्योतिषीय दृष्टि से बात की जाए तो क्या हालात होने वाले हैं किसके पक्ष में ग्रहों की चाल है और कौन ग्रहों की चाल के बल पर प्रधानमंत्री के पद पर बैठने वाला है इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने की.

सबसे पहले बात राहुल गांधी की
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि यदि विपक्ष की और पार्टियों की बात की जाए तो सबसे मजबूत स्थिति में बीजेपी के बाद कांग्रेस मानी जा रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली को देखने के बाद यह साफ कहा जा सकता है कि 2024 तक फिलहाल राहुल गांधी के लिए प्रधानमंत्री का पद पाना मुश्किल है. इसकी बड़ी वजह यह है कि राहुल गांधी की कुंडली मकर लग्न की है और इसका स्वामी शनि है. सबसे बड़ी बात यह है कि जो राशि नरेंद्र मोदी की है, वही राशि राहुल गांधी की है. यानी वृश्चिक और जो पीरियड वर्तमान में राहुल गांधी का चल रहा है वह अच्छा नहीं है. राहुल गांधी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा 1 मार्च तक थी और क्योंकि मारकेश में मारकेश की दशा मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाली होती है. ऐसी स्थिति में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानना उचित नहीं है.

क्या कहती है ग्रहों की दशा.

कौन हैं वे तीन महिलाएं?
इसके अलावा यदि गठबंधन की बात की जाए तो अब तक उनकी तरफ से प्रधानमंत्री का चेहरा साफ नहीं है. वहीं प्रधानमंत्री की कुंडली में शुक्र राजयोगकारी है और मार्केश भी है, जिसकी वजह से राजनीति की जो तीन देवियां हैं, इनकी वजह से कहीं न कहीं प्रधानमंत्री को परेशानी होती रहेगी. क्योंकि शुक्र स्त्री कारक ग्रह है और इसका प्रमाण वर्तमान में ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच चल रही तनातनी को देखने से भी पता चल रहा है. इस वजह से यदि प्रधानमंत्री फिर से सत्ता पर आसीन होते हैं तो इनके लिए ममता, माया और प्रियंका यह तीनों परेशानी खड़ी करती रहेंगी.

क्या कहती है पीएम मोदी की कुंडली
वर्तमान समय में यदि अन्य नेताओं की तुलना में बात की जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली बाकी नेताओं की कुंडली से ज्यादा मजबूत है. इसकी वजह से यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ सकते हैं या बैठने जा रहे हैं.
वहीं काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सत्ता में काबिज होगी जिस तरह से 2014 मैं बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था उसी तर्ज पर इस बार भी हालात बनते दिख रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में सूर्य की महादशा थी, जो अक्टूबर 2018 में खत्म हो गई है. लेकिन प्रधानमंत्री की कुंडली मजबूत है और उनकी कुंडली में चल रही महादशा उन्हें एक बार फिर से सत्ता में लेकर आने की तैयारी कर रही है.

इस राशि के हैं प्रधानमंत्री मोदी
जन्म तिथि और जन्म समय के अनुसार नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है. यह कुंडली सार्वभौमिक है और वर्तमान में सभी ज्योतिषी कुंडली का अध्ययन कर रहे हैं. वर्तमान समय में नरेंद्र मोदी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही है. क्योंकि चंद्रमा को 27 नक्षत्रों का अधिपति कहा गया है इसलिए यह धरतीवासियों के लिए काफी इफेक्टिव माना जाता है. यह नरेंद्र मोदी की कुंडली में राजयोग बना रहा है क्योंकि लग्नेश और भाग्येश की युति इस कुंडली में है. लगभग 10 साल तक की यह चंद्रमा की दशा है. 5 साल बीत चुके हैं और अभी 5 साल की यह दशा बाकी है.

तीन राज्यों में हार की यह भी हो सकती है वजह
चंद्रमा की महादशा के बीच में केतु की अंतर्दशा आई थी, जिसकी वजह से 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति खराब हुई. क्योंकि केतु का चंद्रमा में योग अच्छा नहीं माना जाता है, यह अच्छा फल नहीं देता है, जिसकी वजह से तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की कुंडली की वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. वहीं इनकी कुंडली में शुक्र दशम स्थान पर है और इसकी अंतर्दशा शुरू हो गई है. चुंकी शुक्र फिर से राज्य सत्ता और ऐश्वर्य को देने वाला माना जाता है इसलिए यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी के पक्ष में है. वह एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने जा रहे हैं.

एक दूसरे की कमियों को पूरा कर रही भाजपा और पीएम की कुंडलियां
पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी का जन्म हुआ. इस आधार पर सूर्य की महादशा में शुक्र का अंतर चल रहा है और यह दशा अति लाभप्रद मानी जाती है. क्योंकि वृश्चिक राशि के अनुसार शनि का संचय दूसरे भाव में होगा और चंद्रमा की महादशा मिथुन लग्न की कुंडली के लिए मारक महादशा होती है जो बेहद कष्टप्रद होती है. इसलिए चंद्रमा बीजेपी के तेज में कमी लाएगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की खराब परिस्थितियों को सही करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली करेगी. इसकी बड़ी वजह यह है कि प्रधानमंत्री और भाजपा की सरकार के बारे में चर्चा करने पर यह पता चलता है कि पीएम मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है और इनकी महादशा चंद्रमा की चल रही है, जो 2021 तक रहेगी. ऐसे में भाजपा एक बार फिर सत्ता में काबिज होगी और इसका कारण पीएम मोदी की कुंडली बनेगी.

Intro:वाराणसी: 23 मई का इंतजार हर कोई कर रहा है क्योंकि 23 मई यानी नतीजों का दिन है. देश में किसकी सरकार बनेगी? क्या प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ पाएंगे या फिर राहुल गांधी के अलावा महागठबंधन का कोई नया चेहरा प्रधानमंत्री के पद पर आसीन होगा? इन सवालों का जवाब हर कोई जानना चाह रहा है लेकिन अगर ज्योतिषीय दृष्टि से बात की जाए तो क्या हालात होने वाले हैं किसके पक्ष में ग्रहों की चाल है और कौन ग्रहों की चाल के बल पर प्रधानमंत्री के पद पर बैठने वाला है इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने की वाराणसी के ज्योतिषाचार्य से बातचीत के आधार पर. यदि माना जाए तो आने वाला चुनावी नतीजा एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी को देश की सत्ता पर काबिज करने जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली वर्तमान में राहुल गांधी या अन्य किसी भी विपक्ष के नेता के मुकाबले ज्यादा मजबूत मानी जा रही है जिसकी वजह से पीएम के पद पर एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी प्रचंड बहुमत के साथ स्थापित हो सकते हैं क्या है ज्योतिष गणित के अनुसार नतीजों के रुझान आप भी जानिए


Body:वीओ-01 वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि वर्तमान समय में यदि अन्य नेताओं की तुलना में बात की जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली बाकी नेताओं की कुंडली से ज्यादा मजबूत है जिसकी वजह से यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री के पद पर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी बैठ सकते हैं या बैठने जा रहे हैं. पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि वर्तमान चुनाव 2019 के संपन्न होने के बाद अब तक अन्य पार्टियां अब तक प्रधानमंत्री के चेहरे को लेकर सामने नहीं आई है लेकिन बीजेपी प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में नरेंद्र मोदी को सामने रखकर चुनाव लड़ रही है इस आधार पर यदि सबसे पहले उनकी कुंडली का विश्लेषण किया जाए तो उनकी जन्म तिथि और जन्म समय के अनुसार नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है यह कुंडली सार्वभौमिक है वर्तमान में सभी ज्योतिषी कुंडली का अध्ययन कर रहे हैं वर्तमान समय में नरेंद्र मोदी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही है क्योंकि चंद्रमा को 27 नक्षत्रों का अधिपति कहा गया है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी वासियों के लिए काफी इफेक्टिव माना जाता है और यह नरेंद्र मोदी की कुंडली में राजयोग बना रहा है क्योंकि लग्नेश और भाग्येश की युति इस कुंडली में है लगभग 10 साल तक की यह चंद्रमा की दशा है 5 साल बीत चुके हैं और अभी 5 साल की यह दशा बाकी है लेकिन चंद्रमा की महादशा के बीच में केतु की अंतर्दशा आई थी जिसकी वजह से 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति खराब हुई क्योंकि केतु का चंद्रमा में योग अच्छा नहीं माना जाता है यह अच्छा फल नहीं देता जिसकी वजह से तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की कुंडली की वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा लेकिन इनकी कुंडली में शुक्र दशम स्थान पर है और इस की अंतर्दशा शुरू हुई है और चुकी शुक्र फिर से राज्य सत्ता और ऐश्वर्या को देने वाला माना जाता है इसलिए यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी के पक्ष में हैं और एक बार वह फिर से प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने जा रहे हैं इसकी बड़ी वजह है चंद्रमा की महादशा का नरेंद्र मोदी की कुंडली में इस वक्त चलना.

वही काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सत्ता में काबिज होगी जिस तरह से 2014 मैं बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था उसी तर्ज पर इस बार भी हालात बनते दिख रहे हैं. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में सूर्य की महादशा उस वक्त थी जो अक्टूबर 2018 में तो खत्म हो गई है लेकिन प्रधानमंत्री की कुंडली मजबूत है और उनकी कुंडली में चल रही महादशा उन्हें एक बार फिर से सत्ता में लेकर आने की तैयारी कर रही है पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि यदि बात की जाए भारतीय जनता पार्टी की कुंडली की तो 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी का जन्म हुआ इस आधार पर सूर्य की महादशा में शुक्र का अंतर चल रहा है और यह दशा अति लाभप्रद मानी जाती है, क्योंकि वृश्चिक राशि के अनुसार शनि का संचय दूसरे भाव में होगा और चंद्रमा की महादशा मिथुन लग्न की कुंडली के लिए मारक महादशा होती है जो बेहद कष्टप्रद होती है इसलिए चंद्रमा बीजेपी के तेज में कमी लाएगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी की खराब परिस्थितियों को सही करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली करेगी इसकी बड़ी वजह यह है कि प्रधानमंत्री और भाजपा की सरकार के बारे में चर्चा करने पर यह पता चलता है कि पीएम मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न वृश्चिक राशि की है और इनकी महादशा चंद्रमा की चल रही है जो 2021 तक रहेगी ऐसी स्थिति में एक बार फिर से सत्ता में बीजेपी ही का बीज होगी लेकिन उसका कारक प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली बनेगी.

बाईट- पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य


Conclusion:वीओ-02 वहीं ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि यदि विपक्ष की और पार्टियों की बात की जाए तो सूखी सबसे मजबूत स्थिति में बीजेपी के बाद कांग्रेसी मानी जा रही है. इसलिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली को देखने के बाद यह साफ कहा जा सकता है कि 2024 तक फिलहाल राहुल गांधी के लिए प्रधानमंत्री का पद पाना मुश्किल है इसकी बड़ी वजह यह है कि राहुल गांधी की कुंडली मकर लग्न की है इसका स्वामी शनि है सबसे बड़ी बात यह है कि जो राशि नरेंद्र मोदी की है वहीं राशि राहुल गांधी की है यानी वृश्चिक और जो पीरियड वर्तमान में राहुल गांधी का चल रहा है वह अच्छा नहीं है राहुल गांधी की कुंडली में चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा 1 मार्च तक थी और पिंकी कुंडली में मारकेश में मारकेश मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाला ग्रह मार्केट होने की वजह से और शनि के मार्केश होने की वजह से इसके नीच के होने की वजह से स्थितियां ठीक नहीं है ऐसी स्थिति में उनको किसी भी उच्च पद पर देखना संभव ही नहीं है फिलहाल 1 मार्च के बाद बुध की दशा आई है जिससे स्थितियां कुछ सुधरी है और यह दशा राहुल गांधी के साथ उनकी माता के लिए भी उत्तम नहीं है क्योंकि शनि नीच का है जिसकी वजह से उनकी बातों का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं होगा. इसके अलावा यदि गठबंधन की बात की जाए तो तो अब तक उनकी तरफ से किसी का भी प्रधानमंत्री का चेहरा साफ नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री की कुंडली में शुक्र राजयोगकारी है और मार्केट भी है जिसकी वजह से जो तीन देवियां राजनीति की है माया ममता और प्रियंका इनकी वजह से कहीं ना कहीं से प्रधानमंत्री को परेशानी होती रहेगी, क्योंकि शुक्र स्त्री कराक ग्रह है और इसका प्रमाण वर्तमान में ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच चल रही तनातनी को देखने से भी पता लग रहा है. इस वजह से यदि प्रधानमंत्री फिर से सत्ता पर आसीन होते हैं तो इनके लिए ममता माया और प्रियंका यह तीनों परेशानी खड़ी करती रहेंगी.

बाईट- पंडित पवन त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य


गोपाल मिश्र

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Last Updated : May 22, 2019, 4:07 PM IST
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