वाराणसी : विदेश में काम करने की हसरत रखने वाले युवाओं के लिए स्किल इंडिया एक बेहतर मौका लेकर आया है. इसके तहत जो युवा डिग्रीधारी नहीं हैं, लेकिन उनको अलग-अलग विधाओं में काम करने की जानकारी है, उन्हें विदेश जाने का मौका मिलेगा. इसमें प्लंबर से लेकर इलेक्ट्रीशियन और अन्य छोटे-छोटे कारोबार से जुड़े हुए लोग शामिल हैं. इसके तहत वाराणसी के स्किल सेंटर में बाकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग के तहत अंग्रेजी भी सिखाई जा रही है, जिससे कि विदेश में जॉब मिलने पर युवाओं को परेशानी न हो. खास बात यह कि इस साल जनवरी से अब तक 4000 से ज्यादा युवाओं को खाड़ी देशों में रोजगार मिला है.
कई सेक्टर्स में नौकरी के मौके, युवाओं को मिल रही ट्रेनिंग
एनएसडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर अमित कुमार ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दी है. उन्होंने बताया, 'जो भी युवा विदेश जाकर जॉब करना चाहते हैं, उनके लिए यह एक वन स्टॉप सॉल्यूशन है. अभी हमारे जो एक्टिव लैब्स हैं, उसमें इलेक्ट्रीशियन, एसी टेक्नीशियन, प्लंबर हैं. इसके अलावा सोलर में अगले महीने से बैच शुरू हो जाएंगे. इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन सेक्टर का लैब बनाया जा रहा है. अभी तक बाकी सेक्टर्स से कंस्ट्रक्शन की ट्रेनिंग दिला रहे थे. इसके अलावा ट्रैवल ट्रेनिंग की बात हो रही है. हमारे परिसर में एक ड्राइविंग ट्रैक है. अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उसको तैयार करवाया जा रहा है. इस ट्रैक पर ड्राइवर्स की ट्रेनिंग शुरू की जाएगी.'
युवाओं को दी जा रही अंग्रेजी की क्लॉस
अमित कुमार बताते हैं, 'हमारे पास ड्राइवर ट्रेनिंग के लिए सिमुलेटर्स हैं. ये टेक्निकल ट्रेड्स हैं. नॉन टेक्निकल ट्रेड्स की बात करें तो इसमें सिक्योरिटी गार्ड्स, हेल्पर आदि की ट्रेनिंग यहां पर होती है. डोमेन के साथ ही साथ उनको अंग्रेजी की भी ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप विदेश में जाते हैं तो आपको वहां की कोई एक फंक्शनल लैंग्वेज आनी चाहिए. अंग्रेजी गल्फ देशों में स्वीकार की जाने वाली लैंग्वेज है. इस लिहाज से जो भी युवा यहां से जा रहे हैं, उनके लिए यह काफी लाभदायक है. इसके साथ ही डॉक्यूमेंटेशन का जो प्रोसेस है, उसे भी हमारा सेंटर पूरी तरीके से करता है.'
4000 लोगों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
प्रोजेक्ट मैनेजर अमित कुमार बताते हैं, 'हम अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से वैकेंसी भी सोर्स करते हैं. नियोक्ताओं को इससे जोड़ा जाता है. अभी तक अलग-अलग फॉर्मेट में हमने 4000 लोगों को ट्रेनिंग दी है, जिन्हें काम से जोड़ा गया है. इसमें एक महीने की ट्रेनिंग कराई जाती है. वहीं आरपीएल में 3 से 7 दिन की ट्रेनिंग होती है. प्रीडॉट (प्री डिपार्चर ऑरिएंशन ट्रेनिंग) में एक दिन की ट्रेनिंग दी जाती है. विदेश जाने से पहले जो हमारे ब्लू कॉलर जॉब के कैंडिडेट हैं उनको यह पता होना चाहिए कि वे जिस देश में जा रहे हैं, वहां पर उनको कैसा व्यवहार रखना है. अगर कोई परेशानी की स्थिति आती है तो कौन से हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.'
गल्फ देशों में नौकरी पाने के बहुत अवसर
अमित बताते हैं, 'केंद्र सरकार की प्रवासी भारतीय बीमा योजना के तहत जो भी लाभ हैं और क्या करना है, क्या नहीं करना है, यह जानकारी दी जाती है. सबसे अधिक युवाओं को जॉब यूएई में मिली है. क्योंकि आज के युवा दुबई जाना पसंद कर रहे हैं. वहां पर अवसर भी बहुत सारे मिल रहे हैं. इसलिए वहां पर डिमांड भी बहुत ज्यादा है. भारत के पास एक अच्छी मैन पॉवर है. विदेशों में काम करने वाले लोगों की कमी होती जा रही है, जबकि भारत एक युवा देश है. अगर हम लोग गल्फ देशों से अच्छी तरीके से मैच करते हैं तो हमारे लिए काफी ज्यादा अवसर हैं.'
नि:शुल्क कंस्ट्रक्शन और इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग
इलेक्ट्रिकल ट्रेनर रामकुमार सिंह ने बताते हैं कि यहां पर नि:शुल्क कंस्ट्रक्शन और इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग दी जाती है. इस दौरान बच्चों को इलेक्ट्रिकल वायरिंग की डीटेल बताई जाती है. इसके अलावा इलेक्ट्रिकल वायरिंग में भी 2-3 टाइप होते हैं, जिसमें डोमेस्टिक, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल होता है. इन सभी के बारे में बताया जाता है. इसके साथ ही जितने प्रकार के टूल्स हम लोग प्रयोग करते हैं और जो भी सेफ्टी उपकरण होता है उसका प्रयोग करने की ट्रेनिंग यहां पर दी जाती है. इसके साथ ही हम लोग दो दिन का फील्ड विजिट भी रखते हैं, जिसमें कि हम अपने पावर हाउस में इन लोगों को भेजते हैं. अगले बैच में हम लोग इस प्रोसेस को पूरा करेंगे.
वीजा मिलने में भी की जाती है मदद
सेंटर में ट्रेनिंग ले रहे जन बहादुर ने बताया, 'यहां पर मिलने वाली ट्रेनिंग बहुत ही लाभदायक है. मैं विदेश जाना चाहता हूं, इससे पहले यहां ट्रेनिंग की प्रक्रिया की जा रही है. रोजी-रोटी के लिए यह बहुत ही अच्छा होगा. विदेश में काम करने के लिए जाने पर यहां से काफी अधिक पैसे मिल जाते हैं.' बता दें कि इस बार NSDC (नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) ने कई युवाओं को विदेश नौकरी के लिए भेजा है. एनएसडीसी की तरफ से यहां ट्रेनिंग ले रहे युवाओं को विदेश भेजने की पूरी प्रक्रिया की जाती है. इसके साथ ही उनके लिए वीजा आदि की प्रक्रिया पूरी कराने में भी मदद करते हैं. यहां से ट्रेनिंग लेने वाले लोगों को गल्फ देशों में भेजा जा रहा है.
400 लोगों को अन्य सेक्टर्स में दी जाएगी नौकरी
प्रोजेक्ट मैनेजर अमित कुमार बताते हैं कि यूएई के देशों में लेफ्ट हैंड साइड स्टेयरिंग ड्राइविंग का काफी क्रेज है. इसको देखते हुए यहां के यूथ को इसके लिए तैयार किया जा रहा है. इसके बाद जनवरी के अंत तक हम लोगों को ट्रेनिंग देना शुरू कर देंगे. इन लोगों को वीजा देकर विदेशों में ड्राइविंग के लिए भेजा जाएगा. उनका कहना है कि 400 लोगों को अन्य सेक्टर में जॉब दी जाएगी. इसके लिए 4 नवंबर से अपाइंटमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है. करौंदी के आईटीआई में भर्ती की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. सभी के डाक्यूमेंट चेक करने के बाद उनको विदेशों में जॉब के लिए भेजा जाएगा. इनमें सिक्योरिटी गार्ड, हेल्पर और लैसर पदों के लिए उन्हें प्लेसमेंट दिया जाएगा.'
विदेश में रोजगार के इच्छुक लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
जिन लोगों को विदेश में रोजगार चाहिए उनके लिए NSDC (नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. युवा 7007077030, 7007077033 पर कॉल करके इस बारे में जानकारी ले सकते हैं. इसके साथ ही www.nsdcinternational.com पर जाकर जानकारी ले सकते हैं. बता दें कि स्किल इंडिया इंटरनेशनल की तरफ से युवाओं को विदेशों में नौकरी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसमें इलेक्ट्रीशियन, आटोमोटिव, HVAC, प्लंबर, सोलर, कंस्ट्रक्शन, हेल्पर, क्लीनर, सिक्योरिटी गार्ड आदि से जुड़ी जगहों पर नौकरी दिलाने का प्रबंध किया जाएगा. यहां पर आवेदन के लिए युवाओं को नौकरी से संबंधित जानकारी मिल जाएगी.
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