वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में एक बार फिर लापरवाही का मामला सामने आया है. दूसरे पेशेंट का प्लाज्मा दूसरे पेशेंट को चढ़ाया गया है. पेशेंट के परिवार के सदस्यों ने इसकी लिखित शिकायत बीएचयू एमएस से किया. मरीज की हालत गंभीर है. वेंटिलेटर पर उसका उपचार चल रहा है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर आईसीयू का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें डॉक्टर द्वारा मोबाइल बंद करने को कहा जा रहा है.
यह है मामला
रमेश सिंह (65) पुत्र स्वर्गीय प्रभुनाथ सिंह को लगभग 9 दिन पूर्व से बीएचयू अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. लापरवाही से गलत प्लाज्मा चढ़ाने से उनकी हालत बिगड़ गई. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने आईसीयू में भर्ती मरीज को गलत प्लाज्मा चढ़ा दिया, जिसके बाद मरीज की हालत बिगड़ गई. परिजन अस्पताल में हो रहे लापरवाही को लेकर डॉक्टरों से शिकायत की तो उसे वार्ड से बाहर कर दिया गया. बेड नम्बर 13 के मरीज का प्लाज्मा बेड नम्बर 4 के मरीज को चढ़ा, जिससे मरीज की तबीयत और बिगड़ गई.
आए दिन होती रहती है लापरवाही
बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में मरीजों के साथ लापरवाही का यह कोई नया मामला नहीं है. आए दिन मरीजों के साथ लापरवाही होती रहती है. पिछले वर्ष लापरवाही की वजह से कोविड-19 के पेशेंट हॉस्पिटल से भाग गए थे. अस्पताल की लापरवाही की वजह से कोविड-19 के पेशेंट की डेड बॉडी भी बदल दी गई थी.
एमएस से की लिखित शिकायत
पेशेंट के पुत्र आलोक कुमार सिंह ने बताया कि मेरे पिताजी आईसीयू बीएचयू में एडमिट हैं. चिकित्सकों द्वारा हमें यह बताया गया कि कल गैस्ट्रोलॉजी के नॉर्मल वार्ड में उनको 12:00 बजे तक शिफ्ट कर दिया जाएगा. हम लोग काफी खुश हुए. वह जल्दी आईसीयू से निकल जाएंगे. कल देर शाम तक मेरे भाई उनसे मिलने आईसीयू में गए तो उनके हाथ पैर को बांधा गया था. वह बहुत ही तड़प रहे थे. मेरे भैया ने जब डॉक्टर से पूछा आपने ऐसा क्यों किया, उनका कहना था कि आपका पेशेंट बहुत ही बदतमीजी कर रहा है. इसी दौरान उनकी नजर पड़ी कि उन्हें प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा है. जबकि उन्हें प्लाज्मा की कोई जरूरत नहीं थी. हम लोगों से डॉक्टर ने किसी प्रकार के प्लाज्मा लाने के लिए नहीं कहा था और ना ही हम लोगों ने प्लाज्मा लाया था.
आलोक कुमार सिंह ने बताया कि जब भैया की नजर प्लाज्मा के उस पैकेट पर पड़ी तो उन्हें ए पॉजिटिव ग्रुप का प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा था. जबकि उनका ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है. डॉक्टर लगातार हम लोगों से बदतमीजी कर रहे हैं. इसकी शिकायत हमने एमएस को लिखित तौर पर की है. उन्होंने इंटरनल कार्रवाई करने के लिए कहा है. फ़िलहाल पेशेंट की हालत काफी गंभीर है. वह वेंटिलेटर पर है.
एमएस का नहीं उठा फोन
इस मामले की जानकारी के लिए सर सुंदरलाल चिकित्सालय के एमएस के एसआरएस के माथुर को कई बार फोन मिलाया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.