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वाराणसीः नशा मुक्त भारत विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन, वक्ताओं ने कहा- नशा मुक्त भारत ही बनेगा भारत विश्वगुरु

यूपी के वाराणसी जिले में गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर काशियाना फॉउंडेशन व डिस्क के संयुक्त तत्वाधान में नशा मुक्त भारत विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि नशा मुक्त भारत से ही भारत विश्व गुरु बनेगा.

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Published : Oct 2, 2020, 3:59 AM IST

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नशा मुक्त भारत विषय पर संगोष्ठी का आयोजन.

वाराणसीः काशियाना फॉउंडेशन व डिस्क वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर नशामुक्त भारत ( गांधी जी के विचार ) व प्रार्थना सभा और संगोष्ठी का आयोजन किया गया. यह संगोष्ठी कमच्छा स्थित देवा सेंटर पर आयोजित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत गांधी जी के चित्र को पुष्पांजलि कर व गांधी जी के सबसे प्रिय भजन वैष्णवजन के साथ प्रार्थना की गई. उसके बाद एक मिनट का मौन व्रत रख कर हाथरस की बिटिया को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में दिव्यांगजन सलाहकार समिति भारत सरकार के सदस्य डॉ. उत्तम ओझा उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन का काशियाना फाउंडेशन के संस्थापक सुमित सिंह ने किया. कार्यक्रम के दौरान सुमित सिंह ने कहा कि गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर उन्हें भारत को नशामुक्त समाज बनाकर एक सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जाए. आगे उन्होंने ने कहा कि आपको ज्ञात हो कि महात्मा गांधी जी ने सर्वप्रथम 1917 में चंपारण में भारत को नशे से आजाद होने की बात कही थी, पर देश का दुर्भाग्य है कि हम उनके इस सपने को पूर्ण अभी तक नहीं कर सकें हैं.

उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि जब भारत अपने आजादी का शताब्दी वर्ष 2047 में जब मनाएं तब हम युवा भारत को नशा मुक्त बना पाएं. उत्तम ओझा ने कहा कि भारत सरकार ने 272 जिलों का चयन किया है जो सर्वाधिक नशा करने वाले जिले हैं. जिन्हें नशामुक्त भारत अभियान से जोड़ा गया है. जिसमें उत्तर प्रदेश के बनारस सहित 32 जनपदों को चुना गया है. डॉ. उत्तम ओझा ने कहा कि गांधी जी को एक सच्ची श्रद्धांजलि तब भी दी जा सकती है. जब देश को हम नशामुक्त बनाएंगे. गांधी एक व्यक्ति नहीं अपितु एक विचारधारा है जिसका आज कई सौ करोड़ लोग अनुशरण कर रहें.

वाराणसीः काशियाना फॉउंडेशन व डिस्क वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर नशामुक्त भारत ( गांधी जी के विचार ) व प्रार्थना सभा और संगोष्ठी का आयोजन किया गया. यह संगोष्ठी कमच्छा स्थित देवा सेंटर पर आयोजित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत गांधी जी के चित्र को पुष्पांजलि कर व गांधी जी के सबसे प्रिय भजन वैष्णवजन के साथ प्रार्थना की गई. उसके बाद एक मिनट का मौन व्रत रख कर हाथरस की बिटिया को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में दिव्यांगजन सलाहकार समिति भारत सरकार के सदस्य डॉ. उत्तम ओझा उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन का काशियाना फाउंडेशन के संस्थापक सुमित सिंह ने किया. कार्यक्रम के दौरान सुमित सिंह ने कहा कि गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर उन्हें भारत को नशामुक्त समाज बनाकर एक सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जाए. आगे उन्होंने ने कहा कि आपको ज्ञात हो कि महात्मा गांधी जी ने सर्वप्रथम 1917 में चंपारण में भारत को नशे से आजाद होने की बात कही थी, पर देश का दुर्भाग्य है कि हम उनके इस सपने को पूर्ण अभी तक नहीं कर सकें हैं.

उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि जब भारत अपने आजादी का शताब्दी वर्ष 2047 में जब मनाएं तब हम युवा भारत को नशा मुक्त बना पाएं. उत्तम ओझा ने कहा कि भारत सरकार ने 272 जिलों का चयन किया है जो सर्वाधिक नशा करने वाले जिले हैं. जिन्हें नशामुक्त भारत अभियान से जोड़ा गया है. जिसमें उत्तर प्रदेश के बनारस सहित 32 जनपदों को चुना गया है. डॉ. उत्तम ओझा ने कहा कि गांधी जी को एक सच्ची श्रद्धांजलि तब भी दी जा सकती है. जब देश को हम नशामुक्त बनाएंगे. गांधी एक व्यक्ति नहीं अपितु एक विचारधारा है जिसका आज कई सौ करोड़ लोग अनुशरण कर रहें.

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