वाराणसी: डाक विभाग देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है जो कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.यह एक ऐसा संगठन है जो न केवल देश के भीतर बल्कि देश की सीमाओं से बाहर अन्य देशों तक पहुँचने में भी हमारी मदद करता है. पूरे विश्व में हर वर्ष 9 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस' मनाया जाता है. इसी क्रम में 9 से 16 अक्टूबर तक वाराणसी के डाक घर में राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जाएगा. इस दौरान 'आजादी के अमृत महोत्सव' के संबंध में भी लोगों को जागरूक किया जाएगा.
इसलिए मनाया जाता है विश्व डाक दिवस
'एक विश्व-एक डाक प्रणाली' की अवधारणा को साकार करने के लिए 9 अक्टूबर 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' की स्थापना बर्न, स्विटजरलैंड में की गई, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके. भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जोकि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना. कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस को 'विश्व डाक दिवस' के रूप में मनाने के लिए घोषित किया गया. तब से पूरी दुनिया में इस दिन को प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है.
विश्व डाक दिवस पर राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि परिक्षेत्र के विभिन्न डाक मंडलों में भी 'विश्व डाक दिवस' और तदन्तर 9 से 16 अक्टूबर तक 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' का आयोजन किया जा रहा है. इस क्रम में 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस', 11 अक्टूबर को बैंकिंग दिवस, 12 अक्टूबर को डाक जीवन बीमा दिवस, 13 अक्टूबर को फिलेटली दिवस, 14 अक्टूबर को व्यवसाय विकास दिवस और 16 अक्टूबर को मेल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि 'आजादी के अमृत महोत्सव' के परिप्रेक्ष्य में इस दौरान क्षेत्रीय, मंडलीय कार्यालय और प्रधान डाकघरों को रोशनी से सुसज्जित करने के साथ-साथ उन पर अमृत महोत्सव का बोर्ड भी प्रदर्शित किया जाएगा. सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि पर जोर दिया जाएगा, वहीं उत्कृष्टता के लिए डाककर्मियों का सम्मान किया जाएगा.
वाराणसी में डाक सेवाएं
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी में डाक सेवाओं का पुराना इतिहास रहा है. आजादी के पहले से ही डाक सेवाओं ने यहां के सामाजिक-आर्थिक परिवेश को प्रभावित किया है. वाराणसी डाक क्षेत्र के अधीन वाराणसी पूर्वी, वाराणसी पश्चिमी, गाजीपुर, जौनपुर और बलिया डाक मंडल अवस्थित हैं. वाराणसी में डाक सेवाओं की महत्ता के मद्देनजर ही वर्ष 2016 में यहां पोस्टमास्टर जनरल का पद सृजित किया गया, उससे पहले यहां का डाक प्रशासन पोस्टमास्टर जनरल, इलाहाबाद परिक्षेत्र के अधीन था. वाराणसी परिक्षेत्र में कुल 1699 डाकघर हैं, जिनमें से 6 मंडलों के अधीन कुल 6 प्रधान डाकघर, 268 उप डाकघर और 1425 शाखा डाकघर हैं. अकेले वाराणसी जनपद में कुल 252 डाकघर हैं. आज भी वाराणसी प्रधान डाकघर और वाराणसी सिटी डाकघर हेरिटेज भवनों में संचालित हैं.
वाराणसी सिटी डाकघर सम्पूर्ण महिला डाकघर के रूप में कार्यरत है. विशेश्वरगंज स्थित प्रधान डाकघर में आज भी आजादी से पहले का लेटर बॉक्स धरोहर रूप में लगाया गया है. वहीं डाक बांटने के लिए डाकियों द्वारा इस्तेमाल किए गए भाले इत्यादि भी सुरक्षित रखे गए हैं. प्रधान डाकघर में स्थित फिलेटलिक ब्यूरो डाक टिकट संग्रह के शौकीनों के लिए प्रमुख स्थल है. जहां तमाम नए-पुराने डाक टिकट प्रदर्शित हैं. डाक विभाग से तमाम मशहूर हस्तियों का भी नाता रहा है. उपन्यास सम्राट के नाम से प्रसिद्ध मुंशी प्रेमचंद के पिताजी भी डाक विभाग में ही कार्य करते थे.
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मंदिरों के प्रसाद का होता है वितरण
पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि आज डाक विभाग गंगा जल की बिक्री कर रहा है. काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद सहित तमाम प्रसिद्ध मंदिरों के प्रसाद का वितरण डाक विभाग के माध्यम से हो रहा है.