वाराणसी: मौजूदा समय में सबसे अधिक चिंता का अगर कोई विषय है तो वह है प्रकृति संरक्षण (Nature Conservation). आधुनिकीकरण के दौर में आज हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन इस कदर कर रहे हैं कि मानव जीवन के लिए खतरा पैद हो गया है. तेजी से बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण और सिकुड़ती नदियों ने पृथ्वीवासियों के लिए संकट पैदा कर दिया है. प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी और महत्व के प्रति जागरुकता फैलाने को लेकर हर साल 28 जुलाई को प्रकृति संरक्षण दिवस (World Nature Conservation Day) मनाया जाता है.
प्रकृति संरक्षण (Nature Conservation) को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए वाराणसी के विवेकानंदपुरम कॉलोनी में रहने वाली डॉक्टर शारदा सिंह ने एक अनोखी पहल की है. डॉ. शारदा ने चित्रकारी के माध्यम से प्रकृति व नारी सुरक्षा का बीड़ा उठाया है. उन्होंने कोरोना काल में अपने छत को पार्क में तब्दील कर दिया है और चित्रकारी के माध्यम से प्रकृति और नारी की सुंदरता को अलग-अलग स्वरूप दिया है. डॉक्टर शारदा का कहना है कि प्रतिदिन वह गार्डन की देखरेख करती हैं जिससे उनके मन को सकारात्मक ऊर्जा तो मिलती ही है, साथ ही चित्रकारी के जरिए उन्हें सुकून भी मिलता है.
डॉ. शारदा ने वेस्ट मटेरियल से गमला बनाया है जिसकी साज सज्जा इस प्रकार की है कि वो साधारण से गमले देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं. डॉक्टर शारदा बताती हैं कि घर में पड़े वेस्ट मटेरियल से सामान बनाने से जहां घर की खूबसूरती बढ़ती है तो वहीं खराब सामान का प्रयोग भी हो जाता है. वह अपने घर की छत पर सब्जियां भी उगाती हैं. जिसमें भिंडी, बैंगन, पालक, धनिया, लहसुन ,प्याज, मसाले आदि के पौधे लगाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने औषधीय पौधे भी लगाए हैं जिनका वो इस्तेमाल करती हैं. उन्होंने बताया कि उनकी इस पहल को देखकर आसपास के लोग भी अपने घरों में बागवानी करना शुरू कर दिए हैं.
चित्रकारी के जरिए प्रकृति संरक्षण और नारी शक्ति का संदेश
डॉ. शारदा बागवानी के साथ-साथ चित्रकारी भी करती हैं. अपने चित्र के माध्यम से जहां वह प्रकृति की खूबसूरती का वर्णन करती हैं तो वहीं प्रकृति की सृजना नारी शक्ति के विभिन्न स्वरूपों का उल्लेख करती हैं. उनका कहना है कि संसार प्रकृति व नारी के द्वारा संचालित होता है. वर्तमान समय में इन दोनों के संरक्षण की आवश्यकता है. हम अपने पहल के द्वारा दोनों को सुरक्षित रखने की अपील कर रहे हैं ताकि प्रकृति और उसकी सृजना सुरक्षित रहें.
डॉक्टर शारदा ने बताया कि उन्हें बचपन से ही गार्डनिंग का बेहद शौक था, लेकिन कोरोना काल में उन्होंने आपदा को अवसर में तब्दील कर दिया और घर में खाली समय में गार्डनिंग व चित्रकारी शुरू की. इसके साथ ही वह आस-पास के बच्चों को भी सिखाना शुरू किया. यहां बच्चे न सिर्फ चित्रकारी करना सीखते हैं बल्कि प्रकृति को संरक्षित करने के साथ-साथ नारी शक्ति का सम्मान करना भी सीखते हैं.
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डॉक्टर शारदा के यहां चित्रकारी सीखने आने वाले बच्चों ने कहा कि वह यहां से प्रकृति के प्रति प्रेम और नारी के प्रति सम्मान करना सीखते हैं.उन्होंने कहा कि हमारा सपना है कि हम आगे चलकर पर्यावरण के प्रति लोगों को सजा करें. क्योंकि आज के समय में पेड़ तो सभी लोग लगा देते हैं लेकिन कोई उसका संरक्षण नहीं करता जिसके कारण हमारे पर्यावरण पर बेहद नकारात्मक असर पड़ रहा है उन्होंने बताया कि हमारे चित्रकारी का मकसद देश सेवा करना है. वर्तमान समय में लोग पेंटिंग को व्यवसाय बना चुके हैं लेकिन हम अपनी चित्रकारी को व्यवसाय नहीं बल्कि देश सेवा के लिए समर्पित करना चाहते हैं.
संरक्षण के उपाय
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस (World Nature Conservation Day) का इतिहास अज्ञात है, लेकिन 28 जुलाई को इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य एक साथ आगे आना और प्रकृति का समर्थन करना है, न कि उसका शोषण करना. प्रकृति का संरक्षण प्राकृतिक संसाधनों का बुद्धिमानी के साथ प्रबंधन और उपयोग है. जैसा कि हम जानते हैं कि प्राकृतिक असंतुलन के कारण हम कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे- ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न रोग, प्राकृतिक आपदाएं, तापमान में वृद्धि आदि. इसलिए, अगली पीढ़ी के लिए, इसे संरक्षित करना आवश्यक है. इसलिए दुनियाभर में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने, संसाधनों की बचत करने, इसे पुनर्चक्रण करने, इसे संरक्षित करने और इसे नुकसान पहुंचाने के परिणामों को समझने के लिए जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है.
- जंगलों के काटने से बचाएं.
- ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करें.
- ध्वनि प्रदूषण होने से रोकें.
- पानी का संरक्षण करें. जितनी जरूरत हो, उतना ही इस्तेमाल करें.
- कार्बन जैसी नशीली गैसों का उत्पादन होने से रोकें.
- बिजली बचाएं. जरूरत नहीं होने पर पंखा, लाइट, कूलर और बिजली के अन्य उपकरणों का प्रयोग बंद करें.
- पैदल चलने को प्राथमिकता दें. इससे न केवल आप स्वस्थ रहेंगे, बल्कि वाहनों का कम इस्तेमाल होगा, जिससे प्रकृति के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा.
- पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए आपसे जितना हो सके, उतना करें, क्योंकि आपका आज ही आपके कल का निर्णय करता है.
- दूसरों को भी पर्यावरण को बचाने की सलाह दें.