वाराणसी: देश में पहली बार रिवर टूरिज्म के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है. यह नया युग न सिर्फ भारत के नए रिवर टूरिज्म की विकास की नई गाथा को लिखेगा, बल्कि देश दुनिया के सैलानियों को भारत का एक नया मॉडल भी प्रस्तुत करेगा. बड़ी बात यह है कि इस नए युग की शुरुआत धर्म नगरी काशी से होने जा रही है. इसका लोकार्पण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. यह क्रूज कोलकाता से 32 पर्यटकों को लेकर वाराणसी पहुंच चुका है.
वर्तमान में गंगा विलास क्रूज रामनगर बंदरगाह पर मौजूद है. हालांकि, इसमें अभी किसी को जाने को अनुमति नहीं मिली है. आज देर शाम तक 32 स्वीस पर्यटकों का नया जत्था इस क्रूज में सवार होगा. इनके स्वागत की तैयारी पूरी है. ईटीवी भारत ने गंगा विलास क्रूज की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की हैं. साथ ही क्रूज के डायरेक्टर राज सिंह से खास बातचीत भी की.
क्रूज के डायरेक्टर राज सिंह ने बताया कि 13 जनवरी को लोकार्पण के बाद ये क्रूज वाराणसी से शुरू होकर के 3200 किलोमीटर का सफर तय करके डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा. इस रास्ते में विदेश के सैलानियों को इसकी अलग-अलग खूबसूरती का दीदार भी कराएगा. इसमें काशी की गंगा आरती, बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ, तांत्रिक शिल्प के लिए प्रसिद्ध मांयोग, वर्ल्ड हेरिटेज सुंदरवन, वैष्णव धर्म का सबसे बड़ा प्रतीक द्वीप माजुली, बंगाल डेल्टा की खाड़ी और अन्य तमाम देश व विश्व की प्रसिद्ध हेरिटेज का दीदार कराया जाएगा. आधुनिक सुविधाओं और अन्य फैसिलिटी से ये क्रूज लैस है. 51 दिन इस क्रूज में यात्री यात्रा करेंगे. उन्होंने बताया कि ये क्रूज न सिर्फ भारत में निर्मित है, बल्कि इसे हैंडमेड सामानों से सजाया गया है. साथ ही ये पूरी तरह से सात्विक यात्रा कराते हुए पर्यटकों को भारत के आध्यात्म से रूबरू कराएगा.
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