वाराणसीः भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल, अनियमित खान पान तथा भोजन में केमिकल का अधिक प्रयोग, ये कुछ ऐसे कारण है जिसके चलते कैंसर किसी को भी हो सकता है. कैंसर के बढ़ते मरीजों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को " विश्व कैंसर दिवस" (World Cancer Day) मनाया जाता है. वास्तव में कैंसर कोई बीमारी नहीं बल्कि शरीर के किसी हिस्से का अनियंत्रित हो जाना है. सामान्य रूप से कहे तो कैंसर में शरीर के जो सेल्स होते हैं वो अपने आप से बढ़ने लगते हैं.
इस विषय में चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डॉ. अजय कुमार ने बताया की कुछ लोगों के दिमाग में यह भ्रम है कि कैंसर सिर्फ गुटखा, तंबाकू और सिगरेट का सेवन करने वाले लोगों को ही होता है, लेकिन ये पूरा सच नहीं है. आज के समय में फास्ट फूड और उसमें इस्तेमाल किये जाने वाले तरह-तरह के केमिकल्स की वजह से कैंसर का खतरा अधिक बढ़ता है.
इसके अलावा कैंसर की सबसे बड़ी वजह प्लास्टिक का इस्तेमाल है. किसी भी गरम चीज को प्लास्टिक की प्लेट या बॉक्स में रखने से और उसे खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. एलोपैथी में कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडियोथेरेपी की मदद से चिकित्सा की जाती है. एलोपैथी के साथ साथ आयुर्वेदिक इलाज भी इसको रोकने में मददगार साबित होता है.
कैंसर के प्रमुख कारण हैं -
1. रेडिएशन एक्सपोजर
2. केमिकल एक्सपोजर या
3. कुछ जेनिटिक बीमारियों की वजह से.
भारत में बढ़ते जा रहे कैंसर के मरीज
डॉ अजय ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कैंसर के मरीज बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा है. नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (National Cancer Institute), एनसीआई के मुताबिक दुनिया में कैंसर का हर 13वां नया रोगी भारतीय है. जिसमें महिलाओं का प्रतिशत बहुत ज्यादा हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल कैंसर के 12.5 लाख नए रोगियों में से सात लाख महिलाएं होती हैं जो कि एक चिंताजनक स्थिति है. हर साल केवल भारत में कैंसर से करीब 3.5 लाख महिलाओं की मौत हो जाती है. जिनमें से 90 प्रतिशत केस में महिलाओं को रोग के बारे में बहुत बाद में पता चलता है.
पुरुषों में होने वाले कैंसर
1. मुख और जबड़ों का कैंसर (Mouth Cancer)
2. फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer)
3. पित्त की थैली एवं लिवर के कैंसर (Liver Cancer)
4. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)
महिलाओं में होने वाले कैंसर
1. ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer)
2. ओवेरियन कैंसर(Ovarian Cancer)
कैंसर होने के प्रमुख कारण-
1. पुरुषों में कैंसर का प्रमुख कारण नींद की कमी
2. व्यायाम की कमी
3. खानपान की गलत आदतें
4. तनाव
5. सिगरेट और शराब
6. महिलाओं में बढ़ रहे कैंसर का मुख्य कारण देर से शादी करना और देर से बच्चे पैदा करना है.
7. अधिक जंकफ़ूड का इस्तेमाल कैंसर को बढ़ावा देता है.
8. भारत में सबसे ज्यादा महिलाएं स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर और गॉल ब्लैडर के कैंसर की शिकार होती हैं.
आयुर्वेद में कैंसर का इलाज-
डॉ अजय ने बताया कि आयुर्वेद में कैंसर को कर्कटार्बुद नाम से बताया गया है. कैंसर की प्रारंभिक अवस्था में आयुर्वेद से बहुत अच्छा लाभ मिलता है लेकिन अंतिम अवस्था में बहुत अच्छे परिणाम नही आते हैं. केमोथेरेपी और रेडियेशन थेरेपी से कमजोर हुए रोगियों में आयुर्वेद की औषधियों के इस्तेमाल से आश्चर्यजनक परिणाम दिखते है.
आयुर्वेद में वैद्य की सलाह से निम्न औषधियों का प्रयोग किया जा सकता है-
1. वज्र भस्म
2. वैक्रान्त भस्म
3. ताम्र सिंदूर
4. अभ्रक भस्म
5. सर्वेश्वर पर्पटी
6. कांचनार गूगल
1. लहसुन और प्याज के अधिक प्रोग से इसमे मौजूद सल्फर कंपाउंड बड़ी आंत, स्तन, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करते है.
2. फूलगोभी और ब्रोकोली जैसे सब्जियों में पाए जाने वाले एन्टी कैंसर तत्व कैंसर की कोशिकाओं को मारते हैं और ट्यूमर को बढ़ने से रोकते हैं. ये फेफड़े, प्रोस्टेट, मूत्राशय और पेट के कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए भी जाने जाते हैं.
3. ताजा अदरक में पाए जाने वाले तत्व ट्यूमर की कोशिकाओं को रोकने के लिए मदद करते हैं. इसके अलावा अदरक का अर्क कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी से होने वाली परेशानी को भी कम कर सकता है.
4. हल्दी सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक कैंसर रोधी है. यह कैंसर कोशिका को मारकर ट्यूमर को बढ़ने से रोकती है और साथ ही कीमोथेरेपी का असर बढ़ाती है.
5. टमाटर, लाइकोपीन का समृद्ध स्रोत है. जिसे एक बहुत मजबूत एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है. यह कोशिकाओं में होने वाली क्षति से सुरक्षा प्रदान करता है.
6. चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है की भांग में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक रासायनिक पदार्थ अग्नाश्य के कैंसर से पीड़ित उन मरीजों को लंबा जीवन जीने में मदद कर सकता है जो कीमोथैरेपी के जरिए इलाज करा रहे हों.
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