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वाराणसी: काशी की बेटी ने बनाई वुमेन सेफ्टी डिवाइस, ऐसे करता है काम - घरेलू हिंसा को रोकने के लिए सेफ्टी डिवाइस

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की अंजलि श्रीवास्तव ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए एक डिवाइस बनाया है. इस डिवाइस के जरिए महिलाएं अपने पास के पुलिस या हेल्पलाइन नंबर पर सीधे संपर्क कर सकेंगी वो भी सिर्फ एक बटन दवाकर.

device for women safety
महिला सुरक्षा के लिए डिवाइस
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Published : Jun 7, 2020, 10:15 AM IST

वाराणसी: कोरोना से जंग जारी है और लॉकडाउन 4 के बाद अनलॉक वन घोषित कर सरकार ने लोगों को कुछ राहत दिया है. वहीं अभी भी बहुत से लोग अपने घरों में हैं, खासतौर पर महिलाएं. लगभग 2 महीने से ज्यादा वक्त से महिलाएं अपने घरों में रहते हुए घर की देखभाल कर रही हैं, लेकिन इस दौर में घर में रहते हुए महिलाओं के सामने खुद की सुरक्षा का भी बड़ा संकट पैदा हो रहा है.

देश के कई शहरों से महिला उत्पीड़न की शिकायतें पुलिस तक पहुंच रही है. लगातार घर में अपनों के टॉर्चर से परेशान महिलाएं आखिर जाएं तो जाएं कहां? यह सवाल भी बड़ा है. इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की एक बेटी ने कोविड-19 लॉकडाउन वूमेन सेफ्टी डिवाइस बनाई है. अंजलि श्रीवास्तव नाम की युवती इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद गुड़गांव में जॉब कर रही है. अंजली की यह खोज कोविड-19 होम क्राइम पैनिक बटन डिवाइस महिलाओं के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है.

खर्च आया लगभग 3000 रुपये
जिले के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अंजलि इन दिनों जॉब कर रही हैं. लॉकडाउन की वजह से वह भी बीते 2 महीने से ज्यादा वक्त से अपने घर में ही है. इस दौरान लगातार महिलाओं के संग हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न की खबरों को पढ़ने के बाद उन्होंने एक ऐसी डिवाइस तैयार करने की ठानी जो महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है. महज 2500 से 3000 रुपये के खर्च पर 15 दिनों की मेहनत के बाद अंजली ने जुगाड़ से इस डिवाइस को तैयार किया है.

डिवाइस के बारे में जानकारी देतीं अंजली.
डिवाइस ऐसे करती है काम
अंजलि का कहना है कि इस डिवाइस को रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए जीपीएस टेक्निक से जोड़कर तैयार किया गया है. इसमें एक से लेकर पांच इमरजेंसी पैनिक बटन जोड़े जा सकते हैं. इसकी रेंज 200 मीटर से भी ज्यादा है, जिसे बढ़ाकर अंजलि लगभग आधा किलोमीटर करने की तैयारी कर रही है. इसमें लगी दो बैटरी लगभग 8 महीने से ज्यादा वक्त तक काम कर सकती हैं.


वायरलेस पैनिक बटन आकार में इतना छोटा है कि उसे महिलाएं अपने बेड के नीचे, किचन में कहीं भी या फिर बाथरूम में आसानी से छुपा कर रख सकती हैं. किसी भी बुरी कंडीशन में बस इस बटन को दबाने के साथ ही डिवाइस के अंदर लगे सिम कार्ड और उसमें सेव नंबर के जरिए संबंधित व्यक्ति पुलिस या हेल्पलाइन नंबर पर सीधे कॉल चली जाएगी. अंजली का कहना है कि इसमें अभी रिकॉर्डिंग सिस्टम भी डेवलप कर रही हूं ताकि सबूत के तौर पर सारी चीजें रिकॉर्ड रखी जा सकें.

हर पिता दहेज में दे अपनी बेटी को ये डिवाइस
वहीं अंजलि के पिता विजय श्रीवास्तव अपनी बेटी की उपलब्धि से बेहद खुश हैं. उनका कहना है मेरा मानना है कि अंजली के इस डिवाइस को हर माता-पिता को अपनी बेटी को दहेज के साथ देना चाहिए ताकि किसी भी बुरी कंडीशन में घर पर रहते हुए बेटी खुद की सुरक्षा कर सकें.

वाराणसी: कोरोना से जंग जारी है और लॉकडाउन 4 के बाद अनलॉक वन घोषित कर सरकार ने लोगों को कुछ राहत दिया है. वहीं अभी भी बहुत से लोग अपने घरों में हैं, खासतौर पर महिलाएं. लगभग 2 महीने से ज्यादा वक्त से महिलाएं अपने घरों में रहते हुए घर की देखभाल कर रही हैं, लेकिन इस दौर में घर में रहते हुए महिलाओं के सामने खुद की सुरक्षा का भी बड़ा संकट पैदा हो रहा है.

देश के कई शहरों से महिला उत्पीड़न की शिकायतें पुलिस तक पहुंच रही है. लगातार घर में अपनों के टॉर्चर से परेशान महिलाएं आखिर जाएं तो जाएं कहां? यह सवाल भी बड़ा है. इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की एक बेटी ने कोविड-19 लॉकडाउन वूमेन सेफ्टी डिवाइस बनाई है. अंजलि श्रीवास्तव नाम की युवती इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद गुड़गांव में जॉब कर रही है. अंजली की यह खोज कोविड-19 होम क्राइम पैनिक बटन डिवाइस महिलाओं के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है.

खर्च आया लगभग 3000 रुपये
जिले के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अंजलि इन दिनों जॉब कर रही हैं. लॉकडाउन की वजह से वह भी बीते 2 महीने से ज्यादा वक्त से अपने घर में ही है. इस दौरान लगातार महिलाओं के संग हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न की खबरों को पढ़ने के बाद उन्होंने एक ऐसी डिवाइस तैयार करने की ठानी जो महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है. महज 2500 से 3000 रुपये के खर्च पर 15 दिनों की मेहनत के बाद अंजली ने जुगाड़ से इस डिवाइस को तैयार किया है.

डिवाइस के बारे में जानकारी देतीं अंजली.
डिवाइस ऐसे करती है काम
अंजलि का कहना है कि इस डिवाइस को रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए जीपीएस टेक्निक से जोड़कर तैयार किया गया है. इसमें एक से लेकर पांच इमरजेंसी पैनिक बटन जोड़े जा सकते हैं. इसकी रेंज 200 मीटर से भी ज्यादा है, जिसे बढ़ाकर अंजलि लगभग आधा किलोमीटर करने की तैयारी कर रही है. इसमें लगी दो बैटरी लगभग 8 महीने से ज्यादा वक्त तक काम कर सकती हैं.


वायरलेस पैनिक बटन आकार में इतना छोटा है कि उसे महिलाएं अपने बेड के नीचे, किचन में कहीं भी या फिर बाथरूम में आसानी से छुपा कर रख सकती हैं. किसी भी बुरी कंडीशन में बस इस बटन को दबाने के साथ ही डिवाइस के अंदर लगे सिम कार्ड और उसमें सेव नंबर के जरिए संबंधित व्यक्ति पुलिस या हेल्पलाइन नंबर पर सीधे कॉल चली जाएगी. अंजली का कहना है कि इसमें अभी रिकॉर्डिंग सिस्टम भी डेवलप कर रही हूं ताकि सबूत के तौर पर सारी चीजें रिकॉर्ड रखी जा सकें.

हर पिता दहेज में दे अपनी बेटी को ये डिवाइस
वहीं अंजलि के पिता विजय श्रीवास्तव अपनी बेटी की उपलब्धि से बेहद खुश हैं. उनका कहना है मेरा मानना है कि अंजली के इस डिवाइस को हर माता-पिता को अपनी बेटी को दहेज के साथ देना चाहिए ताकि किसी भी बुरी कंडीशन में घर पर रहते हुए बेटी खुद की सुरक्षा कर सकें.

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