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आंगनबाड़ी केंद्र पर महिला ने लगाया था ये आरोप, अब हुआ खुलासा

यूपी के वाराणसी में आंगनबाड़ी केंद्र पर महिला द्वारा सामग्री वापस लेने का आरोप जांच में निराधार पाया गया. मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी के नेतृत्व में प्रकरण की जांच की गई. जिसमें सारे आरोप निराधार निकले हैं.

आंगनबाड़ी केंद्र.
आंगनबाड़ी केंद्र.
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Published : Feb 18, 2021, 12:29 PM IST

वाराणसी: जनपद के नोहिया विकास खण्ड पिंडरा के आंगनबाड़ी केंद्र पर महिला द्वारा सामग्री वापस लेने का आरोप जांच में निराधार पाया गया. मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी के नेतृत्व में प्रकरण की जांच की गई. जिसमें सारे आरोप निराधार निकले. शिकायत के बाद से ही विभाग पर उंगलियां उठ रही थी. मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित को फटकार लगाई और मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए.

ये है महिला का आरोप
नोहिया आंगनबाड़ी केंद्र पर महिला मालती देवी ने आरोप लगाया था कि उन्हें केंद्र से गेहूं, घी आदि दिया गया था. मगर उसके साथ वापस ले लिया गया और सामग्री को घर ले जाने नहीं दिया गया. दरअसल शिकायतकत्री के दो पुत्र है. बड़े पुत्र के तीन बच्चे है जो 6 वर्ष के उपर के है, जो विभागीय योजना के पात्र लाभार्थी नहीं है.

विभागीय जांच में आरोप मिला निराधार
महिला की शिकायत के बाद मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने पूरे मामले के विभाजन जांच का आदेश दिया और विभागीय जांच में महिला मालती देवी के आरोप निराधार पाए गए. महिला के बड़े पुत्र के बच्चे जांच में अपात्र पाए गए जबकि महिला के दूसरे पुत्र के गणेश के बच्चे 2 वर्ष और 6 महीने के है और प्रत्येक को आंगनबाड़ी से क्रमशः 01 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर और 01 किलोग्राम देशी घी प्राप्त कराया गया.

विभाग के द्वारा पूरे प्रकरण की जांच की गई और लिखित रूप से अवगत कराया गया कि पात्र बेटे के दोनों बच्चों को गेंहु और देशी घी प्राप्त कराया गया, जिसको निवर्तमान ग्राम प्रधान नोहिया आरती सिंह द्वारा प्रमाणित भी किया गया.

इसे भी पढे़ं- विधानसभा के सामने धरने पर बैठे सपाई, ट्रैक्टर से पहुंचे सपा एमएलसी

वाराणसी: जनपद के नोहिया विकास खण्ड पिंडरा के आंगनबाड़ी केंद्र पर महिला द्वारा सामग्री वापस लेने का आरोप जांच में निराधार पाया गया. मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी के नेतृत्व में प्रकरण की जांच की गई. जिसमें सारे आरोप निराधार निकले. शिकायत के बाद से ही विभाग पर उंगलियां उठ रही थी. मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित को फटकार लगाई और मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए.

ये है महिला का आरोप
नोहिया आंगनबाड़ी केंद्र पर महिला मालती देवी ने आरोप लगाया था कि उन्हें केंद्र से गेहूं, घी आदि दिया गया था. मगर उसके साथ वापस ले लिया गया और सामग्री को घर ले जाने नहीं दिया गया. दरअसल शिकायतकत्री के दो पुत्र है. बड़े पुत्र के तीन बच्चे है जो 6 वर्ष के उपर के है, जो विभागीय योजना के पात्र लाभार्थी नहीं है.

विभागीय जांच में आरोप मिला निराधार
महिला की शिकायत के बाद मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने पूरे मामले के विभाजन जांच का आदेश दिया और विभागीय जांच में महिला मालती देवी के आरोप निराधार पाए गए. महिला के बड़े पुत्र के बच्चे जांच में अपात्र पाए गए जबकि महिला के दूसरे पुत्र के गणेश के बच्चे 2 वर्ष और 6 महीने के है और प्रत्येक को आंगनबाड़ी से क्रमशः 01 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर और 01 किलोग्राम देशी घी प्राप्त कराया गया.

विभाग के द्वारा पूरे प्रकरण की जांच की गई और लिखित रूप से अवगत कराया गया कि पात्र बेटे के दोनों बच्चों को गेंहु और देशी घी प्राप्त कराया गया, जिसको निवर्तमान ग्राम प्रधान नोहिया आरती सिंह द्वारा प्रमाणित भी किया गया.

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