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इन स्थानों को बना सकते हैं न्यू ईयर डेस्टिनेशन, किस शहर में कहां मना सकते हैं जश्न, देखें तस्वीरें - नए साल 2024 का जश्न

New Year 2024 Celebration : बनारस साल 2014 के बाद से टूरिज्म की तरफ अग्रसर हो गया था. साल 2021 में श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद से यहां का टूरिज्म बूम कर गया है. धाम के साथ ही साथ यहां के पुराने मंदिरों का जीर्णाद्धार भी हो रहा है. इसके साथ ही घाटों का भी कायाकल्प किया गया है. आईए जानते हैं बनारस में कहां-कहां घूमने जा सकते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 4:24 PM IST

वाराणसी: नए साल पर अगर आप बनारस आने की तैयारी कर रहे हैं तो आपका स्वागत है. बनारस अपने आप में ही एक अल्हण शहर है. काशी भगवान शिव की प्रिय नगरी है. ऐसे में आपको यहां की हवाओं में मस्ती के साथ ही भक्ति भी घुली मिल जाएगी. अगर आस-पास चलते हुए कोई एक दूसरे से गाली देकर बात कर रहा है तो आप घबराइएगा नहीं. यह बनारस की परंपरा का ही एक हिस्सा है.

यहां लोग एक दूसरे को प्रेम से गाली दे देते हैं. हां भीड़ आपको परेशान कर सकती है तो जरा धीरज रखिएगा. आप अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच जाएंगे. अब जब बनारस आ ही गए हैं तो घूमने के लिए जगहें भी तो पता होनी चाहिए. चलिए आज हम आपको बनारस में घूमने वाली जगहें बता देते हैं.

बनारस साल 2014 के बाद से टूरिज्म की तरफ अग्रसर हो गया था. साल 2021 में श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद से यहां का टूरिज्म बूम कर गया है. धाम के साथ ही साथ यहां के पुराने मंदिरों का जीर्णाद्धार भी हो रहा है. इसके साथ ही घाटों का भी कायाकल्प किया गया है. अस्सी घाट, नमो घाट इसी का ही हिस्सा हैं. घाटों के किनारों को नया स्वरूप दिया गया है.

New Year 2024
बनारस का स्वर्वेद मंदिर

इसके साथ ही स्वच्छता का भी पूरा खयाल रखा जा रहा है. ऐसे में आपको बनारस की गलियों से होते हुए घाट पर जाने में दिक्कत नहीं होने वाली है. घाटों पर लगी बोट और नावों से आप मां गंगा की लहरों का आनंद ले सकते हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं वे जगहें.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिरः 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है काशी विश्वनाथ मंदिर. नए साल पर हर साल लोग यहां पर आते हैं. साल 2021 में कॉरिडोर बनाए जाने के बाद यह और भी भव्य और खूबसूरत हो गया है. आप अपने नए साल की शुरुआत यहां पर भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ कर सकते हैं.

New Year 2024
लखनिया दरी (जलप्रपात)

बीएचयू का विश्वनाथ मंदिरः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के परिसर में नया विश्वनाथ मंदिर स्थित है. यह मंदिर भी वाराणसी के खूबसूरत मंदिरों में से एक है. यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. आप नए साल पर इस मंदिर में जाकर नया अनुभव ले सकते हैं. इसके अलावा तुलसी मानस मंदिर, नेपाली मंदिर, संकट मोचन मंदिर, भारत माता मंदिर, मृत्युंजय महादेव मंदिर भी खास हैं.

घूमने के लिए जाएं काशी के घाटः वाराणसी घूमने जा रहे हैं तो आप घाट पर जा सकते हैं. नए साल पर गंगा नदी के तट पर बने घाट पर आप अपने दिन को खूबसूरत बना सकते हैं. इन घाटों से बनारस के किनारे बेहद आकर्षक लगते हैं. इसे भी आप अपनी विश लिस्ट में शामिल कर सकते हैं.

New Year 2024
चुनार किला

अस्सी घाटः बनारस का सबसे व्यस्त घाट अस्सी घाट है. यह गंगा नदी के किनारे पर ही स्थित है. अस्सी घाट से होते हुए आप मणिकर्णिका घाट पर जा सकते हैं. इस घाट के बारे में बताया जाता है कि यहीं पर महाकवि तुलसीदास का निधन हुआ था. पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद यहां का विहंगम दृश्य देखने के लिए आते हैं. यहां आपको खाने-पीने की भी चीजें मिल जाएंगी.

New Year 2024
बनारास का राजदरी और देवदरी जलप्रपात

सारनाथः प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल सारनाथ वाराणसी से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप इसे भी अपनी विश लिस्ट में शामिल कर सकते हैं. यहां का वातावरण बेहद शांत और खूबसूरत है. यहां पर बने पार्क में जाकर आप अपना समय बिता सकते हैं. यहां पर अशोक स्तंभ, पुरातत्व संग्रहालय, तिब्बती मंदिर, चौखंडी स्तूप, धमेख स्तूप, मठ और थाई मंदिर भी देखने को मिल जाएंगे. इसी स्थान पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था.

New Year 2024
New Year 2024

नमो घाटः वाराणसी 84 घाटों के लिए भी जाना जाता है. इनमें से सबसे व्यस्ततम घाटों में से अस्सी घाट के बाद नमो घाट ही है. यह घाट बेहद आकर्षक तरीके से बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका कायाकल्प कराकर इसे पर्यटन की दृष्टि से तैयार कराया है. इस घाट पर जाने के लिए आप किसी भी छोटे वाहन का प्रयोग कर सकते हैं. यहां पर वाहन पार्किंग भी है. इसके साथ ही छोटे-छोट फूड स्टॉल भी बनाए गए हैं. यानी कि आप पूरी तरीके से गंगा की लहरों का आनंद लेते हुए अपनी शाम यहां बिता सकते हैं.

New Year 2024
New Year 2024

दशाश्वमेध घाटः हर शाम दशाश्वमेध घाट पर आरती होती है, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग घाट पर पहुंचते हैं. अस्सी घाट के बाद दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती काफी प्रसिद्ध हैं. इन दोनों ही घाटों पर आपको विदेशी सैलानी आरती देखते हुए मिल जाएंगे. अगर आपने दिन में भक्तिमय रस घोलना चाहते हैं तो आप दशाश्वमेध घाट पर जा सकते हैं. यहां पर आपको खाने-पीने के लिए रेस्टोरेंट की भी सुविधा मिल जाएगी. साथ ही नदी में घूमने के लिए नाव भी खड़ी रहती है.

New Year 2024
New Year 2024 Destination

स्वर्वेद मंदिरः वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के बाद एक और धाम का निर्माण हो चुका है. यह है स्वर्वेद महामंदिर. 64 हजार वर्ग फीट में बन रहे सात मंजिला महामंदिर का निर्माण करीब 20 साल पहले शुरू हुआ था. बीते 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था. इस मंदिर का मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है. यहा दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र है. आप यहां पर भी घूमने जा सकते हैं.

चुनार किला, राजदरी और देवदरी जलप्रपात भी घूमने वाली जगहों में शामिल किया जा सकता है. वाराणसी शहर के करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मिर्जापुर में लखनिया दरी (जलप्रपात) स्थित है. यह जलप्रपात करीब 100 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है. यह बेहद आकर्षित करता है.वाराणसी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर राजदरी और देवदरी जलप्रपात हैं. यह चंदौली के नौगढ़ के जंगलों में स्थित है. इसके साथ ही चुनार का किला. यह वाराणसी से 40 किलोमीटर दूर मिर्जापुर जिले में गंगा नदी के तट पर स्थित है. इस किले का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भरथरी के लिए करवाया था.

ये भी पढ़ेंः EXCLUSIVE; दलित धनीराम मांझी से 15 मिनट पीएम मोदी ने की बात, बच्चों को दुलारा, दिए ऑटोग्राफ

वाराणसी: नए साल पर अगर आप बनारस आने की तैयारी कर रहे हैं तो आपका स्वागत है. बनारस अपने आप में ही एक अल्हण शहर है. काशी भगवान शिव की प्रिय नगरी है. ऐसे में आपको यहां की हवाओं में मस्ती के साथ ही भक्ति भी घुली मिल जाएगी. अगर आस-पास चलते हुए कोई एक दूसरे से गाली देकर बात कर रहा है तो आप घबराइएगा नहीं. यह बनारस की परंपरा का ही एक हिस्सा है.

यहां लोग एक दूसरे को प्रेम से गाली दे देते हैं. हां भीड़ आपको परेशान कर सकती है तो जरा धीरज रखिएगा. आप अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच जाएंगे. अब जब बनारस आ ही गए हैं तो घूमने के लिए जगहें भी तो पता होनी चाहिए. चलिए आज हम आपको बनारस में घूमने वाली जगहें बता देते हैं.

बनारस साल 2014 के बाद से टूरिज्म की तरफ अग्रसर हो गया था. साल 2021 में श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद से यहां का टूरिज्म बूम कर गया है. धाम के साथ ही साथ यहां के पुराने मंदिरों का जीर्णाद्धार भी हो रहा है. इसके साथ ही घाटों का भी कायाकल्प किया गया है. अस्सी घाट, नमो घाट इसी का ही हिस्सा हैं. घाटों के किनारों को नया स्वरूप दिया गया है.

New Year 2024
बनारस का स्वर्वेद मंदिर

इसके साथ ही स्वच्छता का भी पूरा खयाल रखा जा रहा है. ऐसे में आपको बनारस की गलियों से होते हुए घाट पर जाने में दिक्कत नहीं होने वाली है. घाटों पर लगी बोट और नावों से आप मां गंगा की लहरों का आनंद ले सकते हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं वे जगहें.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिरः 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है काशी विश्वनाथ मंदिर. नए साल पर हर साल लोग यहां पर आते हैं. साल 2021 में कॉरिडोर बनाए जाने के बाद यह और भी भव्य और खूबसूरत हो गया है. आप अपने नए साल की शुरुआत यहां पर भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ कर सकते हैं.

New Year 2024
लखनिया दरी (जलप्रपात)

बीएचयू का विश्वनाथ मंदिरः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के परिसर में नया विश्वनाथ मंदिर स्थित है. यह मंदिर भी वाराणसी के खूबसूरत मंदिरों में से एक है. यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. आप नए साल पर इस मंदिर में जाकर नया अनुभव ले सकते हैं. इसके अलावा तुलसी मानस मंदिर, नेपाली मंदिर, संकट मोचन मंदिर, भारत माता मंदिर, मृत्युंजय महादेव मंदिर भी खास हैं.

घूमने के लिए जाएं काशी के घाटः वाराणसी घूमने जा रहे हैं तो आप घाट पर जा सकते हैं. नए साल पर गंगा नदी के तट पर बने घाट पर आप अपने दिन को खूबसूरत बना सकते हैं. इन घाटों से बनारस के किनारे बेहद आकर्षक लगते हैं. इसे भी आप अपनी विश लिस्ट में शामिल कर सकते हैं.

New Year 2024
चुनार किला

अस्सी घाटः बनारस का सबसे व्यस्त घाट अस्सी घाट है. यह गंगा नदी के किनारे पर ही स्थित है. अस्सी घाट से होते हुए आप मणिकर्णिका घाट पर जा सकते हैं. इस घाट के बारे में बताया जाता है कि यहीं पर महाकवि तुलसीदास का निधन हुआ था. पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद यहां का विहंगम दृश्य देखने के लिए आते हैं. यहां आपको खाने-पीने की भी चीजें मिल जाएंगी.

New Year 2024
बनारास का राजदरी और देवदरी जलप्रपात

सारनाथः प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल सारनाथ वाराणसी से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप इसे भी अपनी विश लिस्ट में शामिल कर सकते हैं. यहां का वातावरण बेहद शांत और खूबसूरत है. यहां पर बने पार्क में जाकर आप अपना समय बिता सकते हैं. यहां पर अशोक स्तंभ, पुरातत्व संग्रहालय, तिब्बती मंदिर, चौखंडी स्तूप, धमेख स्तूप, मठ और थाई मंदिर भी देखने को मिल जाएंगे. इसी स्थान पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था.

New Year 2024
New Year 2024

नमो घाटः वाराणसी 84 घाटों के लिए भी जाना जाता है. इनमें से सबसे व्यस्ततम घाटों में से अस्सी घाट के बाद नमो घाट ही है. यह घाट बेहद आकर्षक तरीके से बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका कायाकल्प कराकर इसे पर्यटन की दृष्टि से तैयार कराया है. इस घाट पर जाने के लिए आप किसी भी छोटे वाहन का प्रयोग कर सकते हैं. यहां पर वाहन पार्किंग भी है. इसके साथ ही छोटे-छोट फूड स्टॉल भी बनाए गए हैं. यानी कि आप पूरी तरीके से गंगा की लहरों का आनंद लेते हुए अपनी शाम यहां बिता सकते हैं.

New Year 2024
New Year 2024

दशाश्वमेध घाटः हर शाम दशाश्वमेध घाट पर आरती होती है, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग घाट पर पहुंचते हैं. अस्सी घाट के बाद दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती काफी प्रसिद्ध हैं. इन दोनों ही घाटों पर आपको विदेशी सैलानी आरती देखते हुए मिल जाएंगे. अगर आपने दिन में भक्तिमय रस घोलना चाहते हैं तो आप दशाश्वमेध घाट पर जा सकते हैं. यहां पर आपको खाने-पीने के लिए रेस्टोरेंट की भी सुविधा मिल जाएगी. साथ ही नदी में घूमने के लिए नाव भी खड़ी रहती है.

New Year 2024
New Year 2024 Destination

स्वर्वेद मंदिरः वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के बाद एक और धाम का निर्माण हो चुका है. यह है स्वर्वेद महामंदिर. 64 हजार वर्ग फीट में बन रहे सात मंजिला महामंदिर का निर्माण करीब 20 साल पहले शुरू हुआ था. बीते 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था. इस मंदिर का मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है. यहा दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र है. आप यहां पर भी घूमने जा सकते हैं.

चुनार किला, राजदरी और देवदरी जलप्रपात भी घूमने वाली जगहों में शामिल किया जा सकता है. वाराणसी शहर के करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मिर्जापुर में लखनिया दरी (जलप्रपात) स्थित है. यह जलप्रपात करीब 100 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है. यह बेहद आकर्षित करता है.वाराणसी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर राजदरी और देवदरी जलप्रपात हैं. यह चंदौली के नौगढ़ के जंगलों में स्थित है. इसके साथ ही चुनार का किला. यह वाराणसी से 40 किलोमीटर दूर मिर्जापुर जिले में गंगा नदी के तट पर स्थित है. इस किले का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भरथरी के लिए करवाया था.

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