वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय के बाद एक बार फिर से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं. यहां वे बनारस को कई सौगात देंगे और पूरी दुनिया में अलग पहचान बना चुके देव दीपावली पर्व में शिरकत करेंगे. इसके अलावा उन्हें सारनाथ भी जाना है, जहां भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश दिया था. इन सबके बीच बनारस के एक बुनकर ने प्रधानमंत्री को तोहफे में देने के लिए एक खास अंग वस्त्र तैयार किया है, जिसमें बुद्धम् शरणम् गच्छामि के संदेश लिखे हुए हैं.
वाराणसी अपनी विश्व प्रसिद्ध शिल्प और बुनाई के लिए जाना जाता है, जिसका उदाहरण मास्टर बुनकर बच्चे लाल मौर्या अपने हैंडलूम उत्पादों के जरिए अक्सर देते भी रहते हैं. हैंडलूम के ताने-बाने को कैलीग्राफी विधि से तैयार किया गया. बुद्धम् शरणम् गच्छामि, धम्मम् शरणम् गच्छामि, संघम् शरणम् गच्छामि लिखा हुआ अंग वस्त्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 30 नवंबर को देने की तैयारी की जा रही है. सबसे खास बात यह है कि पूरे अंग वस्त्र में बोधि वृक्ष की पत्ती, जिसका बौद्ध धर्म में विशेष महत्व है उसे बड़े ही खूबसूरती से उकेरा गया है.
इस बारे में पद्मश्री डॉक्टर रजनीकांत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी यात्रा की प्रतीक्षा सभी लोग कर रहे हैं. देव दीपावली पर उनका बनारस आना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसलिए बुनकर बच्चे लाल ने डिजाइन नक्शा, पत्ते का कार्य शुरू किया है और एक ऐसा खास अंग वस्त्र तैयार किया है जिसे बुनकर समाज की तरफ से नरेंद्र मोदी को दिया जाएगा. बौद्ध धर्म में प्रचलित रंगों का प्रयोग करते हुए मेहरून कलर के अन्य वस्त्र पर पीले रंग के रेशम के धागे से बोधि वृक्ष के पत्ते और बुद्धम् शरणम् गच्छामि का संदेश लिखा गया है.