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वाराणसी: गंगा के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी, सड़क की तरफ आने को बेताब

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसका असर काशी में साफ दिख रहा है. गंगा किनारे रहने वाले लोगों को अपना सामान कहीं सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है.

वाराणसी में बढ़ा गंगा जलस्तर.
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Published : Aug 16, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 3:05 PM IST

वाराणसी: काशी में इन दिनों मां गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर गंगा नदी में साफ देखने को मिल रहा है. घाटों पर स्थित मंदिर अब पानी में समा गए हैं और चारों तरफ पानी ही पानी हो गया है.

वाराणसी में बढ़ा गंगा जलस्तर.

घाट के किनारे पानी ही पानी

  • काशी के शीतला घाट पर स्थित माता शीतला का पुरातन मंदिर गंगा की आगोश में है.
  • हालात यह हैं कि चारों तरफ घाट किनारे बस पानी ही पानी है.
  • इस वजह से काशी में घाट के किनारे रहने वालों को अब घाट छोड़कर सड़कों की ओर रुख करना पड़ रहा है.
  • इस वजह से बहुत से लोग बेरोजगार हुए हैं.
  • परिवार चलाने के लिए जद्दोजहद करने की स्थिति पैदा होने लगी है.

इसा भी पढ़ें:-गंगा में बाढ़ ने पर्यटकों को किया मायूस, सुबह-ए-बनारस का दीदार हुआ मुश्किल

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी

  • लगातार केंद्रीय जल आयोग गंगा में जल बढ़ोतरी की स्थिति बता रहा है.
  • गंगा के वर्तमान जलस्तर की बात की जाए तो 08:00 बजे बढ़ोतरी हुई है.
  • जलस्तर 65.22 मीटर दर्ज किया गया है, जो बीते दो दिनों की तुलना में लगभग डेढ़ मीटर ज्यादा है.
  • दो दिन पहले यह जल स्तर 63.88 मीटर दर्ज हुआ था.
  • गंगा के खतरे का निशान 71.26 मीटर है, लेकिन गंगा घाटों को छोड़कर तेजी से सड़क की तरफ बढ़ रही हैं.
  • 24 घंटे पहले की बात की जाए तो गंगा का जलस्तर घाटों से नीचे सीढ़ियों पर था.
  • अब यह तेजी से घाटों को छूते हुए सड़क पर आ रहा है.

सुरक्षित स्थान पर गए लोग

  • गंगा किनारे रहने वाले लोगों को अपना सामान घाट से बटोर कर कहीं सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है.
  • बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं. घाट किनारे दुकानें चलाने वाले लोग अपनी दुकान बंद कर और सुरक्षित स्थान पर जा चुके हैं.
  • नाविकों के आगे भी संकट है, क्योंकि नाव संचालन पर रोक लगी हुई है.
  • इसके साथ ही हरिश्चंद्र मणिकर्णिका घाट जो महा शमशान कहे जाते हैं.
  • वहां पर शव जलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
  • हरिश्चंद्र घाट में अब स्थिति गलियों में शवदाह करने की आ रही है.
  • जबकि मणिकर्णिका घाट पर पहले से ही दाह संस्कार छत पर किया जा रहा है.

वाराणसी: काशी में इन दिनों मां गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर गंगा नदी में साफ देखने को मिल रहा है. घाटों पर स्थित मंदिर अब पानी में समा गए हैं और चारों तरफ पानी ही पानी हो गया है.

वाराणसी में बढ़ा गंगा जलस्तर.

घाट के किनारे पानी ही पानी

  • काशी के शीतला घाट पर स्थित माता शीतला का पुरातन मंदिर गंगा की आगोश में है.
  • हालात यह हैं कि चारों तरफ घाट किनारे बस पानी ही पानी है.
  • इस वजह से काशी में घाट के किनारे रहने वालों को अब घाट छोड़कर सड़कों की ओर रुख करना पड़ रहा है.
  • इस वजह से बहुत से लोग बेरोजगार हुए हैं.
  • परिवार चलाने के लिए जद्दोजहद करने की स्थिति पैदा होने लगी है.

इसा भी पढ़ें:-गंगा में बाढ़ ने पर्यटकों को किया मायूस, सुबह-ए-बनारस का दीदार हुआ मुश्किल

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी

  • लगातार केंद्रीय जल आयोग गंगा में जल बढ़ोतरी की स्थिति बता रहा है.
  • गंगा के वर्तमान जलस्तर की बात की जाए तो 08:00 बजे बढ़ोतरी हुई है.
  • जलस्तर 65.22 मीटर दर्ज किया गया है, जो बीते दो दिनों की तुलना में लगभग डेढ़ मीटर ज्यादा है.
  • दो दिन पहले यह जल स्तर 63.88 मीटर दर्ज हुआ था.
  • गंगा के खतरे का निशान 71.26 मीटर है, लेकिन गंगा घाटों को छोड़कर तेजी से सड़क की तरफ बढ़ रही हैं.
  • 24 घंटे पहले की बात की जाए तो गंगा का जलस्तर घाटों से नीचे सीढ़ियों पर था.
  • अब यह तेजी से घाटों को छूते हुए सड़क पर आ रहा है.

सुरक्षित स्थान पर गए लोग

  • गंगा किनारे रहने वाले लोगों को अपना सामान घाट से बटोर कर कहीं सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है.
  • बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं. घाट किनारे दुकानें चलाने वाले लोग अपनी दुकान बंद कर और सुरक्षित स्थान पर जा चुके हैं.
  • नाविकों के आगे भी संकट है, क्योंकि नाव संचालन पर रोक लगी हुई है.
  • इसके साथ ही हरिश्चंद्र मणिकर्णिका घाट जो महा शमशान कहे जाते हैं.
  • वहां पर शव जलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
  • हरिश्चंद्र घाट में अब स्थिति गलियों में शवदाह करने की आ रही है.
  • जबकि मणिकर्णिका घाट पर पहले से ही दाह संस्कार छत पर किया जा रहा है.
Intro:स्पेशल:

Anchor- सबको तारने वाली और मोक्ष देने वाली मां गंगा इन दिनों रौद्र रूप में है पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर धर्मनगरी वाराणसी में सांप देखने को मिला है जो घाट कल तक लोगों के चहल कदमी करने का जरिया होते थे. आज वह पानी में डूब चुके हैं घाटों पर मौजूद मंदिर अब पानी में समा गए हैं. देवाधिदेव महादेव के कई मंदिर समेत बनारस के शीतला घाट पर मौजूद माता शीतला का पुरातन मंदिर भी अब गंगा की आगोश में है. हालात यह हैं कि चारों तरफ घाट किनारे बस पानी ही पानी है और लगातार इसमें बढ़ोतरी हो रही है. जिसकी वजह से काशी में घाट किनारे रहने वालों को अब घाट छोड़कर सड़कों की ओर रुख करना पड़ रहा है. जिसके कारण बहुत से लोग बेरोजगार हुए हैं तो बहुतों के सामने अब परिवार चलाने के लिए जद्दोजहद करने की स्थिति पैदा होने लगी है.Body:वीओ-01 वीओ- दरअसल लगातार केंद्रीय जल आयोग गंगा में बढ़ोतरी की स्थिति बता रहा है अगर गंगा के वर्तमान जल स्तर की बात की जाए तो आज सुबह 8:00 बजे तक गंगा कि वाराणसी में बढ़ोतरी की कंडीशन है और वर्तमान जल स्तर 65.22 मीटर दर्ज किया गया है जो बीते 2 दिनों की तुलना में लगभग डेढ़ मीटर ज्यादा है. 2 दिन पहले या जल स्तर 63.88 मीटर दर्ज हुआ था. हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से काफी दूर है वाराणसी में गंगा के लिए खतरे का निशान 71.26 मीटर है लेकिन अब गंगा घाटों को छोड़कर तेजी से सड़क की तरफ बढ़ रही है यदि 24 घंटे पहले की बात की जाए तो गंगा का जलस्तर घाटों से नीचे सीढ़ियों पर था लेकिन अब यह तेजी से घाटों को छूते हुए हैं. मंदिरों को और घाट किनारे मौजूद अन्य धार्मिक स्थलों को अपने आगोश में लेते हुए आगे बढ़ रहा है.

Conclusion:वीओ- 02 गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी का असर भी काशी में साफ दिख रहा है एक तरफ जहां गंगा किनारे रहने वाले लोगों को अपना सामान घाट से बटोर कर कहीं सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है. वहीं बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं घाट किनारे दुकानें चलाने वाले लोग अपनी दुकान बंद कर और सुरक्षित स्थान पर जा चुके हैं नाविकों के आगे भी संकट है, क्योंकि नाव संचालन पर रोक लगी हुई है इसके साथ ही हरिश्चंद्र मणिकर्णिका घाट जो महा शमशान कहे जाते हैं वहां पर लाश जलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हरिश्चंद्र घाट में अब स्थिति गलियों में शवदाह करने की आ रही है. जबकि मणिकर्णिका घाट पर पहले से ही दाह संस्कार छत पर किया जा रहा है. वाराणसी में गंगा की वजह से बहुत सी दिक्कतें पैदा हो गई हैं. सैलानियों की संख्या बेहद कम हो गई है और घाट किनारे रख कर अपना जीवन यापन करने वालों के आगे अब रोजी-रोटी का संकट भी पैदा होने लगा है.

बाईट- हनुमान साहनी, नाविक
बाईट- गोविंद गुप्ता, होटलकर्मी
बाईट- पवन चौधरी, डोम राजा परिवार सदस्य

गोपाल मिश्र

9839809074
Last Updated : Aug 16, 2019, 3:05 PM IST
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