वाराणसी: काशी में इन दिनों मां गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर गंगा नदी में साफ देखने को मिल रहा है. घाटों पर स्थित मंदिर अब पानी में समा गए हैं और चारों तरफ पानी ही पानी हो गया है.
घाट के किनारे पानी ही पानी
- काशी के शीतला घाट पर स्थित माता शीतला का पुरातन मंदिर गंगा की आगोश में है.
- हालात यह हैं कि चारों तरफ घाट किनारे बस पानी ही पानी है.
- इस वजह से काशी में घाट के किनारे रहने वालों को अब घाट छोड़कर सड़कों की ओर रुख करना पड़ रहा है.
- इस वजह से बहुत से लोग बेरोजगार हुए हैं.
- परिवार चलाने के लिए जद्दोजहद करने की स्थिति पैदा होने लगी है.
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गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी
- लगातार केंद्रीय जल आयोग गंगा में जल बढ़ोतरी की स्थिति बता रहा है.
- गंगा के वर्तमान जलस्तर की बात की जाए तो 08:00 बजे बढ़ोतरी हुई है.
- जलस्तर 65.22 मीटर दर्ज किया गया है, जो बीते दो दिनों की तुलना में लगभग डेढ़ मीटर ज्यादा है.
- दो दिन पहले यह जल स्तर 63.88 मीटर दर्ज हुआ था.
- गंगा के खतरे का निशान 71.26 मीटर है, लेकिन गंगा घाटों को छोड़कर तेजी से सड़क की तरफ बढ़ रही हैं.
- 24 घंटे पहले की बात की जाए तो गंगा का जलस्तर घाटों से नीचे सीढ़ियों पर था.
- अब यह तेजी से घाटों को छूते हुए सड़क पर आ रहा है.
सुरक्षित स्थान पर गए लोग
- गंगा किनारे रहने वाले लोगों को अपना सामान घाट से बटोर कर कहीं सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है.
- बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं. घाट किनारे दुकानें चलाने वाले लोग अपनी दुकान बंद कर और सुरक्षित स्थान पर जा चुके हैं.
- नाविकों के आगे भी संकट है, क्योंकि नाव संचालन पर रोक लगी हुई है.
- इसके साथ ही हरिश्चंद्र मणिकर्णिका घाट जो महा शमशान कहे जाते हैं.
- वहां पर शव जलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
- हरिश्चंद्र घाट में अब स्थिति गलियों में शवदाह करने की आ रही है.
- जबकि मणिकर्णिका घाट पर पहले से ही दाह संस्कार छत पर किया जा रहा है.