वाराणसीः यूपी की काशी नगरी को धर्म और अध्यात्म की नगरी कहा जाता है. इस समय काशी में श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी का मामला अदालत में चल रहा है. इस मामले में संत समुदाय लगातार मुद्दे को लेकर मुखर हो रहा है. ऐसे में जगतगुरु के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि वजू खाने में मिले शिवलिंग को लेकर वे पूरे देश में एक अभियान चलाकर पूजा करेंगे. आदि विशेश्वर की पूजा को लेकर वह देशभर में व्यापक जनादेश की तैयारी में जुट गए.
आपको बता दें कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग की पूजा की मांग को लेकर 108 घंटे तक बिना अन्न और जल के अनशन पर थे. मामले में जगतगुरु के आदेश के बाद उन्होंने अन्न जल ग्रहण किया था. इसके बाद उन्होंने एक ऐलान किया कि वजूखाने में मिले शिवलिंग को लेकर वह पूरे देश में 11 लाख स्थानों पर विशेश्वर की पूजा करेंगे. जिसकी शुरुआत उन्होंने आज काशी के प्रसिद्ध केदारेश्वर मंदिर में भगवान को विशेश्वर मानकर पूरे विधि विधान से वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजन पाठ और बाबा का रुद्राभिषेक किया. इसके बाद वह देशभर में व्यापक जनादेश और पूजन की तैयारी में जुट गए हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान विशेश्वर की पूजा पूरे देश में 11 लाख स्थानों पर होगी. उसकी शुरूआत आज काशी के केदारेश्वर को आदि विशेश्वर मानकर प्रारंभ कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि भारत के 7 लाख गांव और चार लाख शहरीय क्षेत्रों को मिलाकर 11 लाख स्थानों पर भगवान विशेश्वर की पूजा की जाएगी. जहां भगवान स्वयं विराजमान हैं. वहां पूजा करने की अनुमति नहीं मिल रही है. इसलिए पूजा आज से प्रारंभ कर दिया गया. पितांबर पूरा मोहल्ला जो काशी का है. वहां के लोगों ने आज केदारेश्वर महादेव में विशेश्वर की पूजा किया. इस अभियान के तहत वह राज्य के सभी प्रदेशों में एक कमेटी बनाएंगे. उसके बाद सभी जिलों की एक कमेटी बनाई जाएगी. वहां पर एक दिन के लिए पूजा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम 6 महीने के अंदर 11 लाख स्थानों पर भगवान विशेश्वर की पूजा करेंगे.
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