वाराणसी: विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय सचिव दिग्विजय चौबे ने ऐलान किया है कि 8 अगस्त को देशभर से मां श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन करने के लिए साधु संत जुड़ेंगे. उन्होंने श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. दिग्विजय चौबे ने बाबरी मस्जिद की घटना को दोहराने की बात कही है. साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग में कोर्ट से पूजन अर्चन और भोग आरती करने की भी मांग की है.
मुलायम सिंह पर लगाया आरोप: दिग्विजय चौबे ने बताया कि, हमने 1991,1992 में मां शृंगार गौरी का दर्शन किया. 1993 में मौलाना सरकार बनी. मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने. एक वर्ग को पांचो समय की नमाज पढ़ने के लिए छोड़ दिया गया. 1993 में मां शृंगार गौरी का दर्शन बंद करा दिया गया. 1993 से लेकर अब तक विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आंदोलन के माध्यम से मां शृंगार गौरी का दर्शन कर रह हैं. कल हमने न्यायालय में याचिका डाली गई है कि, मां श्रृंगार गौरी हमारी है. हमें उनके दर्शन की अनुमति चाहिए.
विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे और उस समय हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक शिवसेना में थे. बाला साहब के नेतृत्व में लाखों की संख्या में कारसेवकों ने बाबरी गिराने का काम किया. उसी तरह ज्ञानवापी का भी धब्बा मिटाने का काम विश्व हिंदू सेना योगी मोदी के आदेशानुसार करने के लिए तैयार है. वही पड़वा, वही तलवार, वही फरसा आज भी सजा कर रखा हुआ है. वही छेनी है, जिस तरह बाबरी का विध्वंस किया. उसी तरह से औरंगजेब का विध्वंस करने के लिए तैयार हैं. कोर्ट का सम्मान है, तभी हम न्यायालय में गए हैं हमारा मंदिर हमको मिले. न्यायालय से नहीं मिलेगा तो छीन लेंगे. ज्ञानवापी के ढांचा को गिराने का काम करेंगे जिस तरह 1992 में अयोध्या का ढांचा गिराया गया. मां शृंगार गौरी का दर्शन सदैव आंदोलन से किया है. अब योगी मोदी का सरकार है. अब आंदोलन करके दर्शन नहीं करेंगे. हम अपना अधिकार मांग रहे हैं.
चौबे ने कहा कि, मस्जिद में जो शिवलिंग मिला है सरकार और न्यायालय को आरती भोग और पूजन अर्चन का अधिकार देना चाहिए. हम मां श्रृंगार गौरी का और शिवलिंग का दर्शन करेंगे.
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