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पर्यटन मंत्री ने 'यूपी टूरिज्म फेरी' क्रूज को किया रिसीव - यूपी टूरिज्म फेरी

पर्यटकों को पर्यटन नगरी काशी के 84 श्रृंखलाबद्ध अद्भुत गंगा घाटों सहित आसपास के पर्यटन स्थलों की सैर कराने के लिए 'यूपी टूरिज्म फेरी' क्रूज आ चुका है. इसका संचालन प्रसाद योजना अंतर्गत पर्यटन विभाग कर रहा है. रविवार को संत रविदास घाट पर वेलकम सेरेमनी का आयोजन किया गया.

यूपी टूरिज्म फेरी
यूपी टूरिज्म फेरी
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Published : Jan 31, 2021, 9:31 PM IST

Updated : Jan 31, 2021, 10:13 PM IST

वाराणसी : पर्यटकों को पर्यटन नगरी काशी के 84 श्रृंखलाबद्ध अद्भुत गंगा घाटों और आसपास के पर्यटन स्थलों की सैर कराने के लिए 'यूपी टूरिज्म फेरी' क्रूज आ चुका है. इसका संचालन प्रसाद योजना अंतर्गत पर्यटन विभाग की ओर से किया जा रहा है. रविवार को संत रविदास घाट पर भव्य वेलकम सेरेमनी का आयोजन हुआ. उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने संत रविदास घाट पर क्रूज को रिसीव किया.

यूपी टूरिज्म फेरी
गौरतलब है कि गोवा से 23 नवंबर 2020 को क्रूज चला था. उसे एक माह के अंदर वाराणसी पहुंचना था, लेकिन कोहरे और रास्ता सही नहीं होने के चलते रफ्तार से नहीं चल सका. कोलकोता, ओडिशा, पटना, गाजीपुर के रास्ते यह शनिवार की शाम कैप्टन सुरेश बाबू के नेतृत्व में रामनगर टर्मिनल पर पहुंचा. गंगा के रास्ते वाराणसी सीमा में प्रवेश करने के दौरान लोग जलयान को रुक-रुककर देखते रहे. शाम को रामनगर टर्मिनल पर देखने के लिए बहुत से लोग पहुंच गए.
मंत्री ने रिसीव की यूपी टूरिज्म फेरी.
मंत्री ने रिसीव की यूपी टूरिज्म फेरी.

100 पर्यटकों के बैठने की थी व्यवस्था

वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई विकास योजनाएं तेजी से चल रही हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण करने के साथ गंगा घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है. मंदिर का विकास गंगा घाट तक किया जा रहा है, जिससे पर्यटक मंदिर को सीधे देख सकें. क्रूज में ऊपर और नीचे दोनों मंजिल पर 100 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है. निचला मंजिल पूरी तरह वातानुकूलित है. क्रूज की खासियत यह है कि यह चारों तरफ से खुला रहेगा. इससे पर्यटक गंगा और घाटों की सुंदरता देख सकेंगे.

यूपी टूरिज्म फेरी
यूपी टूरिज्म फेरी

राजघाट से अस्सी घाट तक होगा संचालन

क्रूज का संचालन राजघाट से अस्सी घाट तक होगा. दोनों स्थानों पर जलयान में पर्यटकों को चढ़ने और उतरने की व्यवस्था है. यहां टिकट काउंटर बनकर तैयार हो गए हैं. पर्यटक यहां से टिकट लेने के बाद गंगा और घाटों का आनंद उठा सकेंगे. पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना से 10.71 करोड़ में क्रूज संग अस्सी और राजघाट पर संचालन की व्यवस्था की गई है. दोनों घाटों पर टिकट काउंटर के साथ पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गयी है.

उत्तर प्रदेश और देश में पर्यटन को बढ़ावा

मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि आध्यात्मिक नगरी काशी सहित उत्तर प्रदेश और देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार की व्यवस्थाएं हो रही हैं. मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश विश्व का बहुत बड़ा केंद्र बनेगा. पर्यटन का प्रदेश बनेगा और काशी उस पर्यटन की राजधानी बनने वाली है. उन्होंने बताया कि काशी आए 'यूपी टूरिज्म फेरी' क्रूज में काशी की विशेषताओं को लेकर सभी दीवारों पर अलग-अलग प्रकार के चित्र बनाए गए हैं.


यह एक पर्यटन क्रूज है. भारत सरकार की प्रसाद स्किम के तहत यह चल रहा है. यह अस्सी घाट से राजघाट तक चलेगा. पर्यटन क्रूज उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, गोवा शिप यार्ड, उप्र राजकीय निर्माण निगम ने तैयार किया है. क्रूज अस्सी घाट से राजघाट के बीच चलेगा. पर्यटन विभाग स्वयं इसको चलाएगा. एक व्यक्ति से 400 से 500 रुपये तक किराया लिया जाएगा. इसके संचालन में प्रॉफिट का इशू नहीं है. पर्यटकों से मिनिमम चार्ज ही लिया जाएगा. यह पूरी तरह से अलकनंदा क्रूज की तरह है. अस्सी घाट पर टिकट काउंटर बना हुआ है. पर्यटकों को वहीं से टिकट उपलब्ध होगा.

-कीर्तिमान श्रीवास्तव, पर्यटन अधिकारी

वाराणसी : पर्यटकों को पर्यटन नगरी काशी के 84 श्रृंखलाबद्ध अद्भुत गंगा घाटों और आसपास के पर्यटन स्थलों की सैर कराने के लिए 'यूपी टूरिज्म फेरी' क्रूज आ चुका है. इसका संचालन प्रसाद योजना अंतर्गत पर्यटन विभाग की ओर से किया जा रहा है. रविवार को संत रविदास घाट पर भव्य वेलकम सेरेमनी का आयोजन हुआ. उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने संत रविदास घाट पर क्रूज को रिसीव किया.

यूपी टूरिज्म फेरी
गौरतलब है कि गोवा से 23 नवंबर 2020 को क्रूज चला था. उसे एक माह के अंदर वाराणसी पहुंचना था, लेकिन कोहरे और रास्ता सही नहीं होने के चलते रफ्तार से नहीं चल सका. कोलकोता, ओडिशा, पटना, गाजीपुर के रास्ते यह शनिवार की शाम कैप्टन सुरेश बाबू के नेतृत्व में रामनगर टर्मिनल पर पहुंचा. गंगा के रास्ते वाराणसी सीमा में प्रवेश करने के दौरान लोग जलयान को रुक-रुककर देखते रहे. शाम को रामनगर टर्मिनल पर देखने के लिए बहुत से लोग पहुंच गए.
मंत्री ने रिसीव की यूपी टूरिज्म फेरी.
मंत्री ने रिसीव की यूपी टूरिज्म फेरी.

100 पर्यटकों के बैठने की थी व्यवस्था

वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई विकास योजनाएं तेजी से चल रही हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण करने के साथ गंगा घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है. मंदिर का विकास गंगा घाट तक किया जा रहा है, जिससे पर्यटक मंदिर को सीधे देख सकें. क्रूज में ऊपर और नीचे दोनों मंजिल पर 100 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है. निचला मंजिल पूरी तरह वातानुकूलित है. क्रूज की खासियत यह है कि यह चारों तरफ से खुला रहेगा. इससे पर्यटक गंगा और घाटों की सुंदरता देख सकेंगे.

यूपी टूरिज्म फेरी
यूपी टूरिज्म फेरी

राजघाट से अस्सी घाट तक होगा संचालन

क्रूज का संचालन राजघाट से अस्सी घाट तक होगा. दोनों स्थानों पर जलयान में पर्यटकों को चढ़ने और उतरने की व्यवस्था है. यहां टिकट काउंटर बनकर तैयार हो गए हैं. पर्यटक यहां से टिकट लेने के बाद गंगा और घाटों का आनंद उठा सकेंगे. पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना से 10.71 करोड़ में क्रूज संग अस्सी और राजघाट पर संचालन की व्यवस्था की गई है. दोनों घाटों पर टिकट काउंटर के साथ पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गयी है.

उत्तर प्रदेश और देश में पर्यटन को बढ़ावा

मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि आध्यात्मिक नगरी काशी सहित उत्तर प्रदेश और देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार की व्यवस्थाएं हो रही हैं. मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश विश्व का बहुत बड़ा केंद्र बनेगा. पर्यटन का प्रदेश बनेगा और काशी उस पर्यटन की राजधानी बनने वाली है. उन्होंने बताया कि काशी आए 'यूपी टूरिज्म फेरी' क्रूज में काशी की विशेषताओं को लेकर सभी दीवारों पर अलग-अलग प्रकार के चित्र बनाए गए हैं.


यह एक पर्यटन क्रूज है. भारत सरकार की प्रसाद स्किम के तहत यह चल रहा है. यह अस्सी घाट से राजघाट तक चलेगा. पर्यटन क्रूज उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, गोवा शिप यार्ड, उप्र राजकीय निर्माण निगम ने तैयार किया है. क्रूज अस्सी घाट से राजघाट के बीच चलेगा. पर्यटन विभाग स्वयं इसको चलाएगा. एक व्यक्ति से 400 से 500 रुपये तक किराया लिया जाएगा. इसके संचालन में प्रॉफिट का इशू नहीं है. पर्यटकों से मिनिमम चार्ज ही लिया जाएगा. यह पूरी तरह से अलकनंदा क्रूज की तरह है. अस्सी घाट पर टिकट काउंटर बना हुआ है. पर्यटकों को वहीं से टिकट उपलब्ध होगा.

-कीर्तिमान श्रीवास्तव, पर्यटन अधिकारी

Last Updated : Jan 31, 2021, 10:13 PM IST
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