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काशी की रोशनी ने चायपत्ती के वेस्ट को बनाया बेस्ट, 365 कंपनियों के Logo में ईटीवी भारत भी शामिल - वैश्विक महामारी कोरोना

किसने सोचा होगा कि जिस चायपत्ती के बुरादे को बेकार समझकर फेंक दिया जाता है, उससे भी नाम रोशन किया जा सकता है. काशी की रोशनी ने चायपत्ती के वेस्ट मटेरियल का इतना बेहतरीन इस्तेमाल किया कि आज वो अपना नाम 'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज करवा चुकी है.

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Published : Feb 7, 2022, 8:54 AM IST

वाराणसी: भारत में शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जहां चाय नहीं बनता हो. चाय बनाने के बाद चायपत्ती के बुरादे को अक्सर हम फेंक दिया करते हैं. लेकिन काशी की बेटी रोशनी यादव ने फेंक जाने वाले चायपत्ती के बुरादे से दुनिया के कई नामी संस्थानों के 365 लोगो का चित्रणकर अपना नाम 'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज करवाया है. वहीं, रोशनी के बेमिसाल चित्रण में ईटीवी भारत का लोगो भी शामिल है. जिले के भदैनी आदर्श शिक्षा मंदिर में चायपत्ती के बुरादे से रोशनी द्वारा बनाए गए विभिन्न ब्रांडों के 365 लोगो की प्रदर्शनी लगाई गई. एक दिवसीय इस प्रदर्शनी का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय कलाकार व गिनीज बुक रिकॉर्डर नेहा सिंह ने किया. वहीं, इस अनोखी प्रदर्शनी को देखने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ ही भारी संख्या में अन्य लोग भी पहुंचे थे.

प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि व एवं अधिनियम सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पनायन्थट्टा ने प्रमाण पत्र जारी किया. रोशनी ने वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान 101 देशों की रंगोली बनाकर अपना नाम पहली बार वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में दर्ज कराया था.

चायपत्ती के वेस्ट को बनाया बेस्ट

एक रंग, एक निशान का दिया संदेश

नेहा यादव ने बताया कि यहां पर विभिन्न प्रकार के ब्रांड कंपनी और न्यूज चैनलों के लोगो बनाए गए हैं. यह सब एक ही रंग में है. इन सब को बनाने का एक ही मकसद है. चाय पीने के बाद चाय की पत्ती वेस्ट हो जाती है. जिसको हम भी यूज कर कर विभिन्न प्रकार के लोगो बनाए हैं. मीडिया संस्थानों को धन्यवाद है कि वैश्विक महामारी के दौर में उन्होंने सही खबर हम सभी तक पहुंचाया, जब हम घरों में कैद थे. तब वो बाहर निकल कर काम कर रहे थे. 365 लोगो को बनाने के लिए 365 दिन का समय लगा है.

इसे भी पढ़ें - कल जारी होगा भाजपा का संकल्प पत्र, यूपी बनेगा नंबर - 1: केशव प्रसाद मौर्य

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान हम घर में बैठकर चाय पीते थे. इसी दरम्यान मैं सोचने लगी कि चाय की पत्ती का क्या किया जाए, तभी मेरे दिमाग में कुछ खास करने की इच्छा जगी और मैंने विभिन्न कंपनियों के लोगो बनाने का निर्णय लिया. लेकिन इन सबका रंग एक रखा. दरअसल मैं इसके जरिए यह दर्शना चाहती थी कि हम विभिन्न संस्कृति से आते हैं, लेकिन हम सब भारतीय हैं.

काशी की अनोखी प्रदर्शनी

वहीं, प्रदर्शनी में बौतर अतिथि शिरकत की नेहा सिंह ने बताया बनारस की बेटी रोशनी ने एक बेहद ही खास और अलग प्रकार की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसमें 365 दिनों में अलग-अलग ब्रांड और कंपनियों के कुल 365 लोगों बनाए गए हैं. खास बात यह है कि सभी लोगो का रंग एक है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: भारत में शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जहां चाय नहीं बनता हो. चाय बनाने के बाद चायपत्ती के बुरादे को अक्सर हम फेंक दिया करते हैं. लेकिन काशी की बेटी रोशनी यादव ने फेंक जाने वाले चायपत्ती के बुरादे से दुनिया के कई नामी संस्थानों के 365 लोगो का चित्रणकर अपना नाम 'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज करवाया है. वहीं, रोशनी के बेमिसाल चित्रण में ईटीवी भारत का लोगो भी शामिल है. जिले के भदैनी आदर्श शिक्षा मंदिर में चायपत्ती के बुरादे से रोशनी द्वारा बनाए गए विभिन्न ब्रांडों के 365 लोगो की प्रदर्शनी लगाई गई. एक दिवसीय इस प्रदर्शनी का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय कलाकार व गिनीज बुक रिकॉर्डर नेहा सिंह ने किया. वहीं, इस अनोखी प्रदर्शनी को देखने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ ही भारी संख्या में अन्य लोग भी पहुंचे थे.

प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि व एवं अधिनियम सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पनायन्थट्टा ने प्रमाण पत्र जारी किया. रोशनी ने वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान 101 देशों की रंगोली बनाकर अपना नाम पहली बार वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में दर्ज कराया था.

चायपत्ती के वेस्ट को बनाया बेस्ट

एक रंग, एक निशान का दिया संदेश

नेहा यादव ने बताया कि यहां पर विभिन्न प्रकार के ब्रांड कंपनी और न्यूज चैनलों के लोगो बनाए गए हैं. यह सब एक ही रंग में है. इन सब को बनाने का एक ही मकसद है. चाय पीने के बाद चाय की पत्ती वेस्ट हो जाती है. जिसको हम भी यूज कर कर विभिन्न प्रकार के लोगो बनाए हैं. मीडिया संस्थानों को धन्यवाद है कि वैश्विक महामारी के दौर में उन्होंने सही खबर हम सभी तक पहुंचाया, जब हम घरों में कैद थे. तब वो बाहर निकल कर काम कर रहे थे. 365 लोगो को बनाने के लिए 365 दिन का समय लगा है.

इसे भी पढ़ें - कल जारी होगा भाजपा का संकल्प पत्र, यूपी बनेगा नंबर - 1: केशव प्रसाद मौर्य

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान हम घर में बैठकर चाय पीते थे. इसी दरम्यान मैं सोचने लगी कि चाय की पत्ती का क्या किया जाए, तभी मेरे दिमाग में कुछ खास करने की इच्छा जगी और मैंने विभिन्न कंपनियों के लोगो बनाने का निर्णय लिया. लेकिन इन सबका रंग एक रखा. दरअसल मैं इसके जरिए यह दर्शना चाहती थी कि हम विभिन्न संस्कृति से आते हैं, लेकिन हम सब भारतीय हैं.

काशी की अनोखी प्रदर्शनी

वहीं, प्रदर्शनी में बौतर अतिथि शिरकत की नेहा सिंह ने बताया बनारस की बेटी रोशनी ने एक बेहद ही खास और अलग प्रकार की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसमें 365 दिनों में अलग-अलग ब्रांड और कंपनियों के कुल 365 लोगों बनाए गए हैं. खास बात यह है कि सभी लोगो का रंग एक है.

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