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काशी के इन परिवारों के लिए खुशियों का उजाला लेकर आया देव दीपावली का पर्व, जानिए कैसे

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Published : Nov 3, 2022, 5:28 PM IST

देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) के अवसर पर वाराणसी के कुम्हारों द्वारा बनाए जाने वाले दीयों को प्रशासन खरीदेगा. वहीं, इन दीयों को जलाने के लिए सरकार 20 लाख बाती और लगभग 30 लाख लीटर तेल उपलब्ध कराएगी.

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देव दीपावली

वाराणसी: अयोध्या के बाद अब काशी दीयों के रौशनी से जगमगाने जा रही है. देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) के अवसर पर यूपी सरकार 10 लाख दीयों से घाटों को रौशन करेगी. बड़ी बात ये है कि इन दीयों की रोशनी से कुम्हारों के जीवन मे काफी उल्लास है क्योंकि प्रशासन ने इन दीयों को बनाने के ऑर्डर बनारस के कुम्हारों (Varanasi potters Diya Order) को दिए हैं. ऑर्डर मिलने के बाद कुम्हार दीये बनाने में जुटे गए हैं.

अमूमन दीपावली के बाद कुम्हारों के घरों में चक्के शांत पड़ जाते हैं. घर के पुरुष नए काम की तलाश में निकल जाते हैं, लेकिन इस बार दीपावली के बाद देव दीपावली इनके लिए खुशखबरी लेकर आई है. 10 लाख दीयों के ऑर्डर के साथ ये देव दीपावली का उत्सव मना रहे हैं. वाराणसी के सभी बड़े छोटे कुम्हारों को देव दीपावली के लिए दिए बनाने के आर्डर दिए गए हैं.

कुम्हारों से बात करती ईटीवी भारत की संवाददाता प्रतिमा तिवारी

दोगुने कीमत पर दीये ले रही सरकार
वाराणसी के रोहनिया स्थित परमानंदपुर में रहने वाले कुम्हार विकास ने बताया कि उसके क्षेत्र के रहने वाले कुम्हारों के लिए ढाई लाख दीयों के ऑर्डर मिले है. इन दीयों को 70 से 80 रुपये प्रति सैंकड़े तक जिला प्रशासन खरीद रहा है.उन्होंने बताया कि इस मुनाफा को देखते हुए ही गांव के सभी कुम्हारों के बीच ऑर्डर को विभाजित कर दिया है ताकि सभी को आर्थिक फायदा मिल सके.

बड़ी मात्रा में मिले ऑर्डर
सामान्यतः कुम्हार बाजार में ले जाकर 35 से 40 रुपये सैकड़े के बीच मे दीया बेचते है. गांव में इन दिनों पुरुष और महिलाएं सभी मिलकर इन दीयों के ऑर्डर को तैयार कर रहे हैं. लगभग ऑर्डर अब कम्प्लीट हो चुका है. कुम्हार कहते हैं कि हमसे अत्यधिक उत्पादन दीयों का करने के लिए कहा जा रहा है, ये हमारे लिए अच्छा मौका है. इस समय हम जितना भी दीया बना रहे, उसे उचित मूल्य पर प्रशासन के द्वारा खरीद लिया जा रहा है. उसके बाजवूद इनसे कहा गया है कि जितना दिया आप बना सकते हो उतना बनाओ, उसे जिला प्रशासन ले लेगा. हमारे लिए ये देव दीपावली उम्मीद के साथ आर्थिक संबल को मजबूत करने वाली है.

10 लाख दीयों से जगमग होंगे घाट
गौरतलब हो कि काशी देव दीपावली पर रोशन होने जा रही है. इसके लिए यूपी सरकार 10 लाख दीयों से बनारस के घाटों को रोशन कर रही है. पर्यटन की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार पुराने घाटों के साथ अन्य नए घाटों को भी बढ़ाया गया है. इन घाटों पर भी दीये सजाये जाएंगे. इसके लिए 10 लाख दीयों के ऑर्डर दे दिए गए हैं, जिसे बनारस के कुम्हारों से तैयार कर रहें हैं.

उन्होंने कहा कि देव दीपावली पर काशी की जनता के सहयोग के लिए प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी सभी घाटों पर मौजूद रहेंगे. इसके लिए दीये, तेल और बाती देव दीपावली समितियों को वितरित किये जाएंगे. पक्के घाटों के अलावा घाटों के उस पार रेत पर दीपों को सजाने व लगाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के सहयोग के लिए लगा दिया गया है. उन्होंने बताया कि कि इन दीयों को जलाने में इस बार 20 लाख बाती और लगभग 30 लाख लीटर तेल लगेगा जिसे सरकार उपलब्ध करा रही है.

उन्होंने बताया कि, घाटों को फसाड लाइट और झालरों से भी सजाया जाएगा, जिससे घाटों और ऐतिहासिक इमारतों की आभा भी दिखाई दे. देव दीपावली देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या लाखों में होती है इसलिए सुरक्षा के इंतजाम का समुचित खाका खींचा गया है. गंगा के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र को 20-20 सेक्टर में बांटा गया है और नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है.

देव दीपावली के इस उत्सव की रोशनी दुनिया निहारेगी, लेकिन इन खूबसूरती में कुम्हारों की मेहनत भी झलकेगी. इन्ही के द्वारा बनाए गए दीयों से बनारस के घाट रोशन होंगे. जिला प्रशासन के इस निर्णय ने जहां धार्मिक परम्पराओं को जीवित रखने का काम किया है, तो वहीं समाज के निचले तबके से जुड़े व्यवसाय को भी रोशनी देने का काम किया है.

यह भी पढ़ें: इस बार देव दीपावली से पहले वाराणसी नगर निगम के सामने बड़ा चैलेंज, घाटों पर लगा कीचड़ का अंबार

वाराणसी: अयोध्या के बाद अब काशी दीयों के रौशनी से जगमगाने जा रही है. देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) के अवसर पर यूपी सरकार 10 लाख दीयों से घाटों को रौशन करेगी. बड़ी बात ये है कि इन दीयों की रोशनी से कुम्हारों के जीवन मे काफी उल्लास है क्योंकि प्रशासन ने इन दीयों को बनाने के ऑर्डर बनारस के कुम्हारों (Varanasi potters Diya Order) को दिए हैं. ऑर्डर मिलने के बाद कुम्हार दीये बनाने में जुटे गए हैं.

अमूमन दीपावली के बाद कुम्हारों के घरों में चक्के शांत पड़ जाते हैं. घर के पुरुष नए काम की तलाश में निकल जाते हैं, लेकिन इस बार दीपावली के बाद देव दीपावली इनके लिए खुशखबरी लेकर आई है. 10 लाख दीयों के ऑर्डर के साथ ये देव दीपावली का उत्सव मना रहे हैं. वाराणसी के सभी बड़े छोटे कुम्हारों को देव दीपावली के लिए दिए बनाने के आर्डर दिए गए हैं.

कुम्हारों से बात करती ईटीवी भारत की संवाददाता प्रतिमा तिवारी

दोगुने कीमत पर दीये ले रही सरकार
वाराणसी के रोहनिया स्थित परमानंदपुर में रहने वाले कुम्हार विकास ने बताया कि उसके क्षेत्र के रहने वाले कुम्हारों के लिए ढाई लाख दीयों के ऑर्डर मिले है. इन दीयों को 70 से 80 रुपये प्रति सैंकड़े तक जिला प्रशासन खरीद रहा है.उन्होंने बताया कि इस मुनाफा को देखते हुए ही गांव के सभी कुम्हारों के बीच ऑर्डर को विभाजित कर दिया है ताकि सभी को आर्थिक फायदा मिल सके.

बड़ी मात्रा में मिले ऑर्डर
सामान्यतः कुम्हार बाजार में ले जाकर 35 से 40 रुपये सैकड़े के बीच मे दीया बेचते है. गांव में इन दिनों पुरुष और महिलाएं सभी मिलकर इन दीयों के ऑर्डर को तैयार कर रहे हैं. लगभग ऑर्डर अब कम्प्लीट हो चुका है. कुम्हार कहते हैं कि हमसे अत्यधिक उत्पादन दीयों का करने के लिए कहा जा रहा है, ये हमारे लिए अच्छा मौका है. इस समय हम जितना भी दीया बना रहे, उसे उचित मूल्य पर प्रशासन के द्वारा खरीद लिया जा रहा है. उसके बाजवूद इनसे कहा गया है कि जितना दिया आप बना सकते हो उतना बनाओ, उसे जिला प्रशासन ले लेगा. हमारे लिए ये देव दीपावली उम्मीद के साथ आर्थिक संबल को मजबूत करने वाली है.

10 लाख दीयों से जगमग होंगे घाट
गौरतलब हो कि काशी देव दीपावली पर रोशन होने जा रही है. इसके लिए यूपी सरकार 10 लाख दीयों से बनारस के घाटों को रोशन कर रही है. पर्यटन की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार पुराने घाटों के साथ अन्य नए घाटों को भी बढ़ाया गया है. इन घाटों पर भी दीये सजाये जाएंगे. इसके लिए 10 लाख दीयों के ऑर्डर दे दिए गए हैं, जिसे बनारस के कुम्हारों से तैयार कर रहें हैं.

उन्होंने कहा कि देव दीपावली पर काशी की जनता के सहयोग के लिए प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी सभी घाटों पर मौजूद रहेंगे. इसके लिए दीये, तेल और बाती देव दीपावली समितियों को वितरित किये जाएंगे. पक्के घाटों के अलावा घाटों के उस पार रेत पर दीपों को सजाने व लगाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के सहयोग के लिए लगा दिया गया है. उन्होंने बताया कि कि इन दीयों को जलाने में इस बार 20 लाख बाती और लगभग 30 लाख लीटर तेल लगेगा जिसे सरकार उपलब्ध करा रही है.

उन्होंने बताया कि, घाटों को फसाड लाइट और झालरों से भी सजाया जाएगा, जिससे घाटों और ऐतिहासिक इमारतों की आभा भी दिखाई दे. देव दीपावली देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या लाखों में होती है इसलिए सुरक्षा के इंतजाम का समुचित खाका खींचा गया है. गंगा के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र को 20-20 सेक्टर में बांटा गया है और नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है.

देव दीपावली के इस उत्सव की रोशनी दुनिया निहारेगी, लेकिन इन खूबसूरती में कुम्हारों की मेहनत भी झलकेगी. इन्ही के द्वारा बनाए गए दीयों से बनारस के घाट रोशन होंगे. जिला प्रशासन के इस निर्णय ने जहां धार्मिक परम्पराओं को जीवित रखने का काम किया है, तो वहीं समाज के निचले तबके से जुड़े व्यवसाय को भी रोशनी देने का काम किया है.

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