वाराणसी : सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में रहने वाले कर्मचारियों ने गाय-भैंस पाल रखी हैं. इस दिनों जी20 सम्मेलन की तैयारियों के लिए शहर को सजाया संवारा जा रहा है. इरी क्रम में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को भी संवारने की तैयारी है, लेकिन परिसर में रहने वाले कर्मचारियों द्वारा पाली जा रही गाय-भैंस सिरदर्द बन गई हैं. मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालय प्रशासन को मवेशियों के बाहर करने का आदेश दिया है. ऐसे में कर्मचारी भारतीय संस्कृति को सहेजने की बात करने वाली सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि गाय को भाजपा माता के रूप में पूजती है तो गाय को दरकिनार करना कहां तक उचित है. हम लोग भी गायों का रख-रखाव करने वाले लोग हैं.
चीफ प्रॉक्टर प्रो. दिनेश गर्ग का कहना है कि जी20 के मेहमान वाराणसी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भ्रमण पर भी आ सकते हैं. ऐसे में मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से विश्वविद्यालय की व्यवस्था की जांच के आदेश थे. 5 और 6 अप्रैल को जांच में पाया गया कि विश्वविद्यालय परिसर में गाय, भैंस बंधी हुई हैं और इधर-उधर घूम रही थीं. मवेशियों की वजह से जहां-तहां गंदगी फैली हुई है. मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालय प्रशासन को आदेश दिया है कि जो भी गाय-भैंस परिसर में बंधी हुई हैं या परिसर में घूमती हुई दिखाई दे रही हैं. उनसे परिसर में गंदगी फैली है. ऐसे में इन्हें विश्वविद्यालय परिसर से बाहर कर दिया जाए. इस आदेश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा.
बता दें, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की जड़ें भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई हैं. विश्वविद्यालय न सिर्फ शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति को भी संजाए हुए है. यहां का माहौल और यहां की संस्कृति सनातन परंपरा से जुड़ी हुई है. उत्तर प्रदेश सरकार वाराणसी के सांस्कृतिक महत्व को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है. ऐसे में गाय को परिसर से बाहर करने पर यहां रहने वाले कई तरह के सवाल उठा रहे हैं.