वाराणसी : बिजली विभाग वाराणसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले में विभाग के तकनीकी निदेशक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. साथ ही एफआईआर भी दर्ज की गई है. रविवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब विभाग के तकनीकी निदेशक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज होने की सूचना मिली. सूचना के बाद कर्मचारियों में यह चर्चा का विषय बना रहा. आरोपी निदेशक के खिलाफ एफआईआर शहर के चितईपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुई है.
जानकारी के अनुसार आरोपी निदेशक पृथ्वी पाल सिंह विद्युत वितरण निगम में निदेशक तकनीकी के पद पर नियुक्त थे. उन पर गोरखपुर के प्रभारी निरीक्षक सतर्कता चंद्रभूषण प्रजापति ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए चितईपुर थाने में तहरीर दी थी. इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी निदेशक पर पहले भी यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन लखनऊ में शिकायत पत्र देकर जांच की मांग की गई थी. इस बारे में चितईपुर इंस्पेक्टर बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच में यह जानकारी मिली है कि तकनीक निदेशक पृथ्वीपाल ने इनकम से ज्यादा एक्सपेंस किया है. इसलिए इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी 28 फरवरी को रिटायर होने वाले थे.
37 साल विभाग में की थी नौकरी : गौरतलब हो कि प्राथमिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उसके तहत आरोपी निदेशक ने 37 साल तक विभाग में नौकरी की है. जून 1986 से लेकर के जून 2022 तक उनकी आए कुल 4 करोड़, 62 लाख, 82 हजार, 776 रुपये बनी थी, जबकि उन्होंने अपना व्यक्तिगत खर्च 5 करोड़ 60 लाख 62 हजार 667 दिखाया था. इनकी आय के आधार पर इन पर जरूरत से 21 फ़ीसदी ज्यादा आय अर्जित करने का आरोप लगा है. जांच के दौरान आरोपी निदेशक ने अत्यधिक पैसों का कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं दिखाया, जिसके बाद इन पर कार्रवाई की जा रही है.
यह भी पढ़ें : Encounter in jammu kashmir: कश्मीरी पंडित के हत्यारे समेत दो आतंकी एनकाउंटर में ढेर
Varanasi News : बिजली विभाग के अधिकारी पर करप्शन का आरोप, दर्ज हुई एफआईआर
बिजली विभाग ( Varanasi News) में करप्शन के मामले होने कोई नई बात नहीं हैं. इस बार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एक तकनीकि निदेशक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. आरोपी निदेशक पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है और शहर के चितईपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज हुई है.
वाराणसी : बिजली विभाग वाराणसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले में विभाग के तकनीकी निदेशक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. साथ ही एफआईआर भी दर्ज की गई है. रविवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब विभाग के तकनीकी निदेशक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज होने की सूचना मिली. सूचना के बाद कर्मचारियों में यह चर्चा का विषय बना रहा. आरोपी निदेशक के खिलाफ एफआईआर शहर के चितईपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुई है.
जानकारी के अनुसार आरोपी निदेशक पृथ्वी पाल सिंह विद्युत वितरण निगम में निदेशक तकनीकी के पद पर नियुक्त थे. उन पर गोरखपुर के प्रभारी निरीक्षक सतर्कता चंद्रभूषण प्रजापति ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए चितईपुर थाने में तहरीर दी थी. इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी निदेशक पर पहले भी यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन लखनऊ में शिकायत पत्र देकर जांच की मांग की गई थी. इस बारे में चितईपुर इंस्पेक्टर बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच में यह जानकारी मिली है कि तकनीक निदेशक पृथ्वीपाल ने इनकम से ज्यादा एक्सपेंस किया है. इसलिए इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी 28 फरवरी को रिटायर होने वाले थे.
37 साल विभाग में की थी नौकरी : गौरतलब हो कि प्राथमिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उसके तहत आरोपी निदेशक ने 37 साल तक विभाग में नौकरी की है. जून 1986 से लेकर के जून 2022 तक उनकी आए कुल 4 करोड़, 62 लाख, 82 हजार, 776 रुपये बनी थी, जबकि उन्होंने अपना व्यक्तिगत खर्च 5 करोड़ 60 लाख 62 हजार 667 दिखाया था. इनकी आय के आधार पर इन पर जरूरत से 21 फ़ीसदी ज्यादा आय अर्जित करने का आरोप लगा है. जांच के दौरान आरोपी निदेशक ने अत्यधिक पैसों का कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं दिखाया, जिसके बाद इन पर कार्रवाई की जा रही है.
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