वाराणसी: नगर निगम में 2020-21 के पुनरीक्षित बजट को हंगामे के बीच पास कर दिया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि इस पुनरीक्षित बजट में जलकल के बजट पर कोई चर्चा ही नहीं हुई. बिना जलकल के बजट पर चर्चा हुए मिनी सदन को खत्म कर दिया गया. इस पर सदन में मौजूद पार्षदों ने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जल्दबाजी में यह बजट पास कराया गया है. फिलहाल नगर निगम की तरफ से 675 करोड़ 59 लाख 25 हजार का पुनरीक्षित बजट पास किया गया है, जो नगर निगम का है. जबकि जलकल का 157 करोड़ 36 लाख 46 हजार का बजट पास किया गया है. कोविड काल के दौरान परेशानियों की वजह से नगर निगम के इस बजट को पुनरीक्षित बजट के तौर पर पेश किया गया है, जो 2020-21 मार्च तक खत्म हो जाएगा.
पार्षदों ने महापौर पर लगाया आरोप
इस दौरान सबसे ज्यादा हंगामा उस वक्त हो गया जब पार्षद मिनी सदन के चलने के लगभग तीन-चार घंटे बाद जलकल के बजट पर भी चर्चा किए जाने की मांग करने लगे. इस बीच उपसभापति नरसिंह दास ने उठकर बजट पास किए जाने की घोषणा कर दी, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया. पार्षदों ने महापौर पर जल्दबाजी और एकपक्षीय बजट पेश कराए जाने का आरोप लगाया. हालांकि महापौर और अधिकारियों का कहना था कि यह पुनरीक्षित बजट है, इसलिए इस पर ज्यादा चर्चा की जरूरत नहीं है.
नर्सिंग होम की संख्या पर विवाद
मिनी सदन की बैठक में कुछ अन्य मुद्दों पर भी गहन मंथन हुआ. शहर में संचालित हो रहे नर्सिंग होम की संख्या को लेकर भी काफी कंफ्यूजन हो गया. नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक शहर में 72 नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं और 25 पैथोलॉजी सेंटर. यह संख्या सुनकर पार्षद चौंक पड़े. उनका कहना था कि इतने तो एक वार्ड में ही नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटर मिल जाएंगे. इनसे टैक्स का निर्धारण किस आधार पर हो रहा है, यह अधिकारी बताएं. इस पर अधिकारी कोई जवाब ना दे सके. इतना ही नहीं, शहर में लगभग 4 महीने से 140 से ज्यादा साइट्स पर अवैध होर्डिंग लगाए जाने की बात भी सामने आई. बिना टेंडर के होर्डिंग लगाए जाने की जानकारी के बाद हंगामा हुआ और जो भी विज्ञापन एजेंसियां बिना टेंडर के होल्डिंग लगवा रही हैं, उन पर कार्रवाई के लिए नोटिस जारी करने की बात कही गई.