वाराणसी: आधुनिकता के दौर में नई तकनीक का इस्तेमाल फायदा और नुकसान दोनों पहुंचा रहा है. तकनीकी की वजह से चीजें मैनेज भी हो रही हैं और बिगड़ भी रही हैं. अब नई तकनीक का इस्तेमाल काशी विश्वनाथ धाम की सफाई करने वाले सफाई कर्मचारी करते नजर आएंगे. वाराणसी में पर्यटकों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. जिसे देखते हुए काशी की बेहतर सफाई व्यवस्था देने की प्लानिंग की जा रही है. इस प्लानिंग के तहत पहली बार जीपीएस का इस्तेमाल सफाई कर्मियों के लिए किया जाएगा.
नगर निगम में सफाई कर्मियों की संख्याः दरअसल, वाराणसी नगर निगम अपने सफाई कर्मियों की लंबी चौड़ी टीम को मैनेज करने में लगातार परेशान रहता है. वर्तमान में 4500 से ज्यादा सफाई कर्मियों की टीम है. जिसमें 857 नियमित, 1034 संविदा के साथ 2771 आउटसोर्सिंग पर सफाईकर्मी काम कर रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में सफाई कर्मियों को मैनेज करना और इनकी निगरानी करना नगर निगम के लिए मुश्किल होता जा रहा था. ये सफाई कर्मी ड्यूटी पॉइंट से नदारद होकर शहर की सूरत को बिगाड़ने का काम कर रहे थे.
वीवीआइपी क्षेत्रों में बढ़ रही भीड़ः नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि नगर निगम का मुख्य कार्य नगर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना होता है. शहर में बाहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. प्रतिदिन 5 से 7 लाख लोगों का काशी आना-जाना हो रहा है. इससे शहर की सफाई व्यवस्था भी बिगड़ रही थी. वीवीआईपी क्षेत्र जैसे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, बनारस की गलियां, दशाश्वमेध घाट, गोदौलिया अस्सी घाट, लंका समेत तमाम इलाकों में पर्यटकों की संख्या अधिक होती है. इसे देखते हुए सफाई व्यवस्था का विशेष प्लान बनाया गया है.
24 घंटे में 4 बार सफाईः नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दिन में 4 बार सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सफाई कर्मियों की तैनाती की जाती है. लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि ड्यूटी लगने के बाद भी सफाईकर्मी इन पॉइंट पर नहीं पहुंच रहे थे. इसके साथ ही सुबह और शाम को निर्धारित अलग-अलग इलाकों में भी द्वारा सफाई नहीं की जा रही थी. जिसकी शिकायत के बाद नगर निगम को परेशानी उठानी पड़ रही थी. इसके अतिरिक्त हर साल होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में भी इन सफाई कर्मियों के गैर जिम्मेदाराना हरकत की वजह से गिरावट दर्ज हो रही थी.
जीपीएस से ट्रैक होंगे सफाई कर्मीः नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए वाराणसी नगर निगम ने सफाई कर्मियों को भी जीपीएस से ट्रैक करने का प्लान तैयार किया है. सफाई कर्मियों की 45 सौ से ज्यादा की टीम है. इन सभी को एक ऐसा छोटा डिवाइस दिया जाएगा, जो इन्हें अपनी कलाई पर घड़ी की तरह पहन कर रखना होगा या फिर अपने पॉकेट में लेकर चलना होगा. इसके लिए सफाई कर्मी का जिओ ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए एरिया निर्धारित कर मॉनिटरिंग सिस्टम पर उसे सेट कर दिया जाएगा. जैसे ही वह सफाई कर्मी अपने एरिया को छोड़ता है या फिर अपने एरिया में नहीं पहुंचता है तो कंट्रोल रूम पर इसका पॉपअप लगातार पहुंचना शुरू हो जाएगा.
सही तरीके से होगी सफाईः नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इससे यह क्लियर हो जाएगा कि संबंधित सफाई कर्मी अपने एरिया को छोड़कर कहीं दूसरे एरिया में है या फिर निर्धारित वक्त पर वह अपने एरिया में नहीं पहुंचा है. ऐसी स्थिति में निगरानी के बल पर इन सफाई कर्मियों को सही तरीके से दुरुस्त और मैनेज करने का काम किया जाएगा. अब तक यह सिस्टम नगर निगम अपनी कूड़े वाली गाड़ियों के लिए इस्तेमाल कर रहा था. यह सिस्टम नगर निगम की तमाम गाड़ियों में प्रयोग किया जाता रहा है. लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब नगर निगम के सफाई कर्मियों को भी जीपीएस के जरिए ट्रैक किया जाएगा..
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