ETV Bharat / state

मनरेगा में काम मांगने ब्लाक मुख्यालय पहुंचा शख्स, कहा- 'मैं जिंदा हूं'

author img

By

Published : Feb 24, 2021, 8:09 PM IST

वाराणसी के चिरईगांव विकास खंड में सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित हो चुके संतोष मूरत सिंह सोमवार को मनरेगा में कार्य मांगने ब्लाक मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि 'मैं जिन्दा हूं'. इस दौरान संतोष मूरत सिंह ने ब्लाक के शिकायत निस्तारण पटल प्रभारी के साथ ही पंचायत सचिव पर भी गम्भीर आरोप लगाए.

ब्लाक मुख्यालय पहुंचा 'मैं जिंदा हूं'
ब्लाक मुख्यालय पहुंचा 'मैं जिंदा हूं'

वाराणसी : जिले के चिरईगांव विकास खंड में कई दिनों तक सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित हो चुके संतोष मूरत सिंह सोमवार को मनरेगा में कार्य मांगने ब्लाक मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ब्लाक के शिकायत निस्तारण पटल प्रभारी के साथ ही पंचायत सचिव पर भी गम्भीर आरोप लगाए. संतोष मूरत सिंह उर्फ 'मैं जिंदा हूं' का आरोप है कि ब्लाक में काम मांगने पर काम नहीं मिलता. यदि काम मिल गया, तो मजदूरी देने में लापरवाही की जाती है.

मनरेगा में काम मांगने ब्लाक मुख्यालय पहुंचा

बिना मजदूरी कई महीना काम कराया

संतोष का कहना है कि उनसे छितौनी में अस्थायी गोवंश स्थल पर कई महीने तक काम लिया गया. लेकिन मजदूरी भुगतान की बात करने पर अधिकारी पूछते हैं कि कहीं मुर्दे को भुगतान होता है ? संतोष ने बताया कि काम कराने के लिए उसे जिंदा और मजदूरी मांगने पर मुर्दा करार दे दिया जाता है. इस संबंध में संतोष ने सोमवार को भी मनरेगा में काम मांगने के सम्बंध में आवेदन दिया है.

आवेदन से पहले ही सुना दिया फरमान

विकास खंड में मनरेगा के तहत काम मांगने से पहले ही छितौनी के तात्कालीन पंचायत सचिव ने संतोष सिंह उर्फ 'मैं जिंदा हूं' को दूसरे गांव में कार्य करने का फरमान जारी कर दिया है. बता दें कि संतोष ने बीते 13 फरवरी को मनरेगा में काम के लिए आवेदन किया था. पंचायत सचिव ने एक दिन पहले ही यानि 12 फरवरी को किसी अन्य गांव में काम करने का फरमान सुना दिया.

बीडीओ बोलीं- ऑफिस से पता लगाकर बताती हूं

इस सम्बंध में प्रशिक्षु पीसीएस अधिकारी और बीडीओ चिरईगांव मीनाक्षी पांडेय से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा, 'ऑफिस से पता लगाकर बताती हूं.' हालांकि, मनरेगा में काम हेतु संतोष का मस्टर रोल जारी हो गया है.

वाराणसी : जिले के चिरईगांव विकास खंड में कई दिनों तक सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित हो चुके संतोष मूरत सिंह सोमवार को मनरेगा में कार्य मांगने ब्लाक मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ब्लाक के शिकायत निस्तारण पटल प्रभारी के साथ ही पंचायत सचिव पर भी गम्भीर आरोप लगाए. संतोष मूरत सिंह उर्फ 'मैं जिंदा हूं' का आरोप है कि ब्लाक में काम मांगने पर काम नहीं मिलता. यदि काम मिल गया, तो मजदूरी देने में लापरवाही की जाती है.

मनरेगा में काम मांगने ब्लाक मुख्यालय पहुंचा

बिना मजदूरी कई महीना काम कराया

संतोष का कहना है कि उनसे छितौनी में अस्थायी गोवंश स्थल पर कई महीने तक काम लिया गया. लेकिन मजदूरी भुगतान की बात करने पर अधिकारी पूछते हैं कि कहीं मुर्दे को भुगतान होता है ? संतोष ने बताया कि काम कराने के लिए उसे जिंदा और मजदूरी मांगने पर मुर्दा करार दे दिया जाता है. इस संबंध में संतोष ने सोमवार को भी मनरेगा में काम मांगने के सम्बंध में आवेदन दिया है.

आवेदन से पहले ही सुना दिया फरमान

विकास खंड में मनरेगा के तहत काम मांगने से पहले ही छितौनी के तात्कालीन पंचायत सचिव ने संतोष सिंह उर्फ 'मैं जिंदा हूं' को दूसरे गांव में कार्य करने का फरमान जारी कर दिया है. बता दें कि संतोष ने बीते 13 फरवरी को मनरेगा में काम के लिए आवेदन किया था. पंचायत सचिव ने एक दिन पहले ही यानि 12 फरवरी को किसी अन्य गांव में काम करने का फरमान सुना दिया.

बीडीओ बोलीं- ऑफिस से पता लगाकर बताती हूं

इस सम्बंध में प्रशिक्षु पीसीएस अधिकारी और बीडीओ चिरईगांव मीनाक्षी पांडेय से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा, 'ऑफिस से पता लगाकर बताती हूं.' हालांकि, मनरेगा में काम हेतु संतोष का मस्टर रोल जारी हो गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.