वाराणसी: भारतीय रेलवे ने वाराणसी जंक्शन पर एक ऐतिहासिक काम को पूरा कर लिया है. लगभग 30 साल बाद वाराणसी जंक्शन नए कलेवर में नजर आने जा रहा है. रेलवे ने कैंट स्टेशन पर रीमॉडलिंग का काम पूरा कर लिया है. वह भी अपने निर्धारित समय से 12 घंटे पहले. विभाग ने इस काम के लिए 45 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे आज संपन्न कर लिया गया है. अब यात्रियों को वाराणसी जंक्शन पर 11 और 12 नंबर प्लेटफॉर्म की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही 3 नए फुट ओवरब्रिज का भी निर्माण किया गया है. वहीं 38 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाया गया है. वाराणसी जंक्शन को 30 साल बाद नया रूप मिला (Varanasi Junction gets new look after 30 years).
वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन की तस्वीर बदली: वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन की तस्वीर बदल चुकी है. जी हां, लगभग 30 साल बाद बनारस कैंट रेलवे स्टेशन नए कलेवर में नजर आ रहा है. यह स्टेशन यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस हो चुका है. कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम पूरा कर लिया गया है. 568 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में 150 परियोजनाओं पर काम किया गया है. बता दें कि साल 1994 के बाद कैंट स्टेशन के स्वरूप को बदलने का काम किया गया है. स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने के साथ ही फुट ओवरब्रिज का भी निर्माण किया गया है. इसके साथ ही ट्रैक भी बिछाई गई है.
12 घंटे पूरा कर लिया गया रीमॉडलिंग का काम: इस बारे में डीआरएम लखनऊ डॉ. मनीष थपल्याल ने बताया कि शुरुआत में जब इसकी प्लानिंग हो रही थी तो इसको बोला गया था कि करीब 70 दिन लगेंगे. हमारी टीम ने इसे लेकर काफी बड़े स्तर पर प्लानिंग की थी. खूब डिटेल में उस पर स्टडी किया और टीम इस काम को 45 दिन में पूरा करने की स्थिति में आ गई. आज हमने 12 घंटे पहले इस काम को पूरा कर लिया है. काफी बड़ा काम था. इसमें जो मेजर काम थे उसमें यार्ड की रीमॉडलिंग थी. इसमें करीब 38 किलोमीटर का ट्रैक बिछाया गया है. इसके पीछे हमारा दो उद्देश्य था. एक हम चाहते थे कि हमारी ऑपरेशनल क्षमता बढ़े.
2 नए प्लेटफॉर्म बने, कुछ प्लेटफॉर्म हुए चौड़े: उन्होंने कहा कि बनारस में ऐसी समस्या थी कि कई ट्रेनें प्लेटफॉर्म न मिलने के कारण आउटसाइड में जाकर रुकती थीं. इस समस्या को खत्म करने के लिए यार्ड रीमॉडलिंग का काम किया गया. पहले तीन प्लेटफॉर्म पर फुल लेंथ की गाड़ियां आती थीं, अब 11 गाड़ियां आएंगी. 2 नए प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं. कुछ प्लेटफॉर्म्स को चौड़ा किया गया है, जिससे कि वहां पर लिफ्ट और एक्सकेलेटर्स लगाए जा सकें. सभी ट्रेनें यहां से पहले की तरह ही संचालित की जाएंगी. इसके साथ ही यात्रियों को पहले से बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी. हम लोगों ने एक नया एफओबी बनाया है, जिसे एफओबी-3 बोलते हैं.
100 मीटर लंबा बनेगा कन्कोर्स, 40 स्टेशन होंगे मोडिफाई: लखनऊ डीआरएम डॉ. मनीष थपल्याल ने बताया कि कई स्टेशनों पर एयर कन्कोर्स बन रही है. दो स्टेशन बिल्डिंग के सामने एक बहुत बड़ा कन्कोर्स बनाया जाएगा, जोकि करीब 100 मीटर लंबा होगा और 60 मीटर चौड़ा होगा. ऐसे एयर कन्कोर्स नए स्टेशन्स पर बन रहे हैं. वाराणसी स्टेशन के लिए भी इसकी प्लानिंग की जा रही है. इसमें यात्रियों के बैठने, शॉपिंग करने और खाने-पीने की सुविधा रहेगी. रेलवे की एक स्कीम के तहत कई स्टेशनों को मोडिफाई किया जा रहा है. आने वाले 30-40 साल के लिए उनको फ्यूचर रेडी किया जा रहा है. वहां पर सुधिवाएं पहले से अधिक बढ़ाई जा रही हैं. वाराणसी मंडल में 40 स्टेशन्स पर यह काम शुरू किया जाएगा.