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आरोपियों ने बताया, क्यों मारी थी क्रिकेट कोच को गोली, आप भी जानकर रह जाएंगे हैरान

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Published : May 8, 2023, 12:12 PM IST

वाराणसी में क्रिकेट कोच पर गोली चलाने वाले आरोपियों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने 5 आरोपियों को पकड़ा है. एक आरोपी पहले ही जेल भेजा जा चुका है. आरोपियों ने कोच को गोली मारने का जो कारण बताया, वह जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे.

वाराणसी
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वाराणसी: काइम ब्रांच व थाना कोतवाली और पुलिस कमांड कंट्रोल सेंटर की संयुक्त टीम ने रविवार को क्रिकेट कोच रामलाल यादव की हत्या के प्रयास की घटना का खुलासा किया. इस मामले में अब तक कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इनके कब्जे से अवैध असलहों संग कारतूस बरामद किए हैं.

दरअसल, एक मई को थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत डीएवी कॉलेज ग्राउंड में क्रिकेट कोच रामलाल यादव को 2 अज्ञात लोगों ने गोली मारी थी. इसके संबंध में थाना कोतवाली में विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. वहीं, इस मामले में रविवार को कोतवाली व क्राइम ब्रांच कमिश्नरेट की संयुक्त पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर शिवपुर बाईपास के आगे जौनपुर जाने वाली सड़क से 4 आरोपियों रामजी दूबे, प्रभात दास, मो. नदीम खान और मो. नसीम को गिरफ्तार किया. वहीं, एक अन्य आरोपी मिर्जा अफजल को 6 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

इस संबंध में अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जब गिरफ्तार आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो मामले से संबंधित एक अन्य आरोपी मनीष सिंह गणपतिनगर कॉलोनी पहाड़िया, थाना सारनाथ को उसके घर से गिरफ्तार किया गया. इसके कब्जे से अवैध असलहे और कारतूस बरामद हुए. पूछताछ में आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि उसके पिताजी डीएवी कॉलेज में चपरासी थे. बचपन से ही क्रिकेट कोच रामलाल यादव उसकी मां पर बुरी नियत रखते थे. उसकी मां के साथ कई बार गलत काम किए थे.

आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि छोटा होने के कारण चुप रहा. इन लोगों के दबंग प्रवृत्ति का होने के कारण आस-पास के लोग इनसे व इनके परिवार वालों से डरते थे. उसने बताया कि करीब एक साल से रामलाल यादव को जान से मारने की योजना बनाने लगा था. इसी को लेकर उसने कुछ महीने पहले नदीम, प्रभात दास, नसीम और अफजल को अपनी मां के साथ हुए अत्याचार के बारे में बताया. आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि इसके बाद वे सभी उससे सहानभूति रखने लगे. इसी दौरान उसने अपने साथियों को कुछ लालच भी दिया था.

रामजी दुबे ने बताया कि घटना के एक सप्ताह पहले भी रामलाल यादव को मारने की योजना बनाई थी. लेकिन, मैदान में भीड़ ज्यादा होने के कारण असफल रहे. वहीं, एक मई को फिर डीएवी कॉलेज के पास योजना के मुताबिक, अफजल और नदीम टेम्पो लेकर नदीम के किराए के मकान पर आए. यहां पर 30 अप्रैल की रात में प्रभात और नसीम को रुकवाया था. सुबह उन दोनों को पिस्टल देकर अफजल और नदीम के साथ टेम्पो पर बैठाकर रामलाल यादव की हत्या करने के लिए भेज दिया. प्रभात और नसीम ने रामलाल यादव पर गोली चलाई थी. वहीं, अफजल और नदीम टेम्पो लेकर खड़े रहे थे. गोली मारने के बाद फिर टेम्पो लेकर वहीं आकर हुकुलगंज में मिले.

आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि हुकुलगंज से वह दोनों से पिस्टल लेकर चला गया. बाकी लोग टेम्पो और अलग साधनों से भाग गए. अफजल की गिरफ्तारी के बार पुलिस की गतिविधि तेज होने के कारण रविवार को हम लोग इकट्ठा होकर अलग-अलग जगह भागने की फिराक में थे. लेकिन, पकड़ लिए गए. वहीं, घटना में प्रयुक्त पिस्टल के बारे से पूछने पर रामजी दूबे ने बताया कि जो पिस्टल घटना में प्रयुक्त हुई थी, वह मनीष सिंह से खरीदी थी. मनीष सिंह उसके पुराने मुकदमों में वकील हैं. वह अवैध असलहों को खरीदने व बेचने का काम करते हैं. घटना को अंजाम देने के बाद असलहे मनीष सिंह को ले जाकर दे दिए थे.

यह भी पढ़ें: अतीक अहमद के बेटे अली को कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी, पुलिस को अभी कई सवालों की तलाश

वाराणसी: काइम ब्रांच व थाना कोतवाली और पुलिस कमांड कंट्रोल सेंटर की संयुक्त टीम ने रविवार को क्रिकेट कोच रामलाल यादव की हत्या के प्रयास की घटना का खुलासा किया. इस मामले में अब तक कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इनके कब्जे से अवैध असलहों संग कारतूस बरामद किए हैं.

दरअसल, एक मई को थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत डीएवी कॉलेज ग्राउंड में क्रिकेट कोच रामलाल यादव को 2 अज्ञात लोगों ने गोली मारी थी. इसके संबंध में थाना कोतवाली में विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. वहीं, इस मामले में रविवार को कोतवाली व क्राइम ब्रांच कमिश्नरेट की संयुक्त पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर शिवपुर बाईपास के आगे जौनपुर जाने वाली सड़क से 4 आरोपियों रामजी दूबे, प्रभात दास, मो. नदीम खान और मो. नसीम को गिरफ्तार किया. वहीं, एक अन्य आरोपी मिर्जा अफजल को 6 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

इस संबंध में अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जब गिरफ्तार आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो मामले से संबंधित एक अन्य आरोपी मनीष सिंह गणपतिनगर कॉलोनी पहाड़िया, थाना सारनाथ को उसके घर से गिरफ्तार किया गया. इसके कब्जे से अवैध असलहे और कारतूस बरामद हुए. पूछताछ में आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि उसके पिताजी डीएवी कॉलेज में चपरासी थे. बचपन से ही क्रिकेट कोच रामलाल यादव उसकी मां पर बुरी नियत रखते थे. उसकी मां के साथ कई बार गलत काम किए थे.

आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि छोटा होने के कारण चुप रहा. इन लोगों के दबंग प्रवृत्ति का होने के कारण आस-पास के लोग इनसे व इनके परिवार वालों से डरते थे. उसने बताया कि करीब एक साल से रामलाल यादव को जान से मारने की योजना बनाने लगा था. इसी को लेकर उसने कुछ महीने पहले नदीम, प्रभात दास, नसीम और अफजल को अपनी मां के साथ हुए अत्याचार के बारे में बताया. आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि इसके बाद वे सभी उससे सहानभूति रखने लगे. इसी दौरान उसने अपने साथियों को कुछ लालच भी दिया था.

रामजी दुबे ने बताया कि घटना के एक सप्ताह पहले भी रामलाल यादव को मारने की योजना बनाई थी. लेकिन, मैदान में भीड़ ज्यादा होने के कारण असफल रहे. वहीं, एक मई को फिर डीएवी कॉलेज के पास योजना के मुताबिक, अफजल और नदीम टेम्पो लेकर नदीम के किराए के मकान पर आए. यहां पर 30 अप्रैल की रात में प्रभात और नसीम को रुकवाया था. सुबह उन दोनों को पिस्टल देकर अफजल और नदीम के साथ टेम्पो पर बैठाकर रामलाल यादव की हत्या करने के लिए भेज दिया. प्रभात और नसीम ने रामलाल यादव पर गोली चलाई थी. वहीं, अफजल और नदीम टेम्पो लेकर खड़े रहे थे. गोली मारने के बाद फिर टेम्पो लेकर वहीं आकर हुकुलगंज में मिले.

आरोपी रामजी दुबे ने बताया कि हुकुलगंज से वह दोनों से पिस्टल लेकर चला गया. बाकी लोग टेम्पो और अलग साधनों से भाग गए. अफजल की गिरफ्तारी के बार पुलिस की गतिविधि तेज होने के कारण रविवार को हम लोग इकट्ठा होकर अलग-अलग जगह भागने की फिराक में थे. लेकिन, पकड़ लिए गए. वहीं, घटना में प्रयुक्त पिस्टल के बारे से पूछने पर रामजी दूबे ने बताया कि जो पिस्टल घटना में प्रयुक्त हुई थी, वह मनीष सिंह से खरीदी थी. मनीष सिंह उसके पुराने मुकदमों में वकील हैं. वह अवैध असलहों को खरीदने व बेचने का काम करते हैं. घटना को अंजाम देने के बाद असलहे मनीष सिंह को ले जाकर दे दिए थे.

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