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ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने यह याचिका खारिज की, कही यह बड़ी बात - वाराणसी स्पेशल सीजेएम शिखा यादव

बुधवार को वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ और आकृति को बिगाड़ने के संदर्भ में याचिका को वाराणसी स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत ने खारिज (Varanasi CJM Court rejected one petition in Gyanvapi case) कर दिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 7:31 AM IST

वाराणसी: पिछले साल कमीशन कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ और आकृति को बिगाड़ने के संदर्भित एप्लीकेशन को आज वाराणसी स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत (Varanasi Special CJM Shikha Yadav) ने बुधवार को खारिज (Varanasi CJM Court rejected one petition in Gyanvapi case) कर दिया.

दरअसल वाराणसी के बाजारडीहा भेलूपुर निवासी विवेक सोनी और जयध्वज श्रीवास्तव की तरफ से 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भित बात करते हुए यह कहा गया था कि जो जीवित स्वरूप है उसे छेड़ा नहीं जा सकता. औरंगजेब को मानने वाले लोगों ने इस ज्योतिर्लिंग को ढकने के बाद वजूखाने के रूप में इसे बना दिया और शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करके फव्वारा का रूप देने का प्रयास किया गया. ऐसे में हिंदुओं की भावना भड़काकर मुस्लिम समुदाय के अज्ञात लोगों ने दंगा करने का प्रयास किया है. इसलिए इन पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

लोअर कोर्ट में प्रार्थना पत्र खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की थी. सत्र न्यायालय ने लोअर कोर्ट को सुनवाई का आदेश दिया था. लोअर कोर्ट ने आदेश में कहा कि आवेदकगण प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट करने में असफल हैं कि प्रश्नगत आकृति ज्योतिर्लिंग है या वजूखाना. यह भी सिद्ध नहीं हो रहा है. जिससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि किसी समुदाय विशेष की भावनाएं आहत हो रही है या नहीं.

इसके अतिरिक्त जिन शासको का उल्लेख किया गया है जिन्होंने आकृति या मंदिर तोड़ने का प्रयास किया वह आज जीवित नहीं है. प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पोषणीय ना होने के कारण निरस्त किया जाता है. इस मामले में कोर्ट ने पिछले सुनवाई के दौरान इस पर फैसला सुरक्षित रखा था और बुधवार 22 नवंबर को फैसला सुनाए जाने की डेट निर्धारित की थी.

ये भी पढ़ें- उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी अतीक का गुर्गा नफीस बिरयानी मुठभेड़ में घायल, 50 हजार का इनामी है

वाराणसी: पिछले साल कमीशन कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ और आकृति को बिगाड़ने के संदर्भित एप्लीकेशन को आज वाराणसी स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत (Varanasi Special CJM Shikha Yadav) ने बुधवार को खारिज (Varanasi CJM Court rejected one petition in Gyanvapi case) कर दिया.

दरअसल वाराणसी के बाजारडीहा भेलूपुर निवासी विवेक सोनी और जयध्वज श्रीवास्तव की तरफ से 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भित बात करते हुए यह कहा गया था कि जो जीवित स्वरूप है उसे छेड़ा नहीं जा सकता. औरंगजेब को मानने वाले लोगों ने इस ज्योतिर्लिंग को ढकने के बाद वजूखाने के रूप में इसे बना दिया और शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करके फव्वारा का रूप देने का प्रयास किया गया. ऐसे में हिंदुओं की भावना भड़काकर मुस्लिम समुदाय के अज्ञात लोगों ने दंगा करने का प्रयास किया है. इसलिए इन पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

लोअर कोर्ट में प्रार्थना पत्र खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की थी. सत्र न्यायालय ने लोअर कोर्ट को सुनवाई का आदेश दिया था. लोअर कोर्ट ने आदेश में कहा कि आवेदकगण प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट करने में असफल हैं कि प्रश्नगत आकृति ज्योतिर्लिंग है या वजूखाना. यह भी सिद्ध नहीं हो रहा है. जिससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि किसी समुदाय विशेष की भावनाएं आहत हो रही है या नहीं.

इसके अतिरिक्त जिन शासको का उल्लेख किया गया है जिन्होंने आकृति या मंदिर तोड़ने का प्रयास किया वह आज जीवित नहीं है. प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पोषणीय ना होने के कारण निरस्त किया जाता है. इस मामले में कोर्ट ने पिछले सुनवाई के दौरान इस पर फैसला सुरक्षित रखा था और बुधवार 22 नवंबर को फैसला सुनाए जाने की डेट निर्धारित की थी.

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