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पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है दूर– वाराणसी सीएमओ

वाराणसी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऑक्सीजन की समस्या बढ़ गई है. इसे देखते हुए वाराणसी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने ऑक्सीजन को लेकर दी जानकारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने ऑक्सीजन को लेकर दी जानकारी
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Published : Apr 28, 2021, 3:52 AM IST

वाराणसी : जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उपचाराधीन में ऑक्सीजन की कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है. शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है, लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं. वाराणसी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संबंध में पोस्टर के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी है.

4 से 5 तकिए की मदद से पेट के बगल लेटें

यदि किसी कोरोना पाजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और ऑक्सीजन लेवल 95 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गयी है. इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें, एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें. वहीं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें. इस तरह से 30 मिनट से लेकर दो घंटे तक सो सकते हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की तापमान की जांच, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच, ब्लड प्रेसर और शुगर की नियमित जांच होनी चाहिए.

सोने के 4 पोजीशन फायदेमंद

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की 4 पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है. जिसमें 30 मिनट से 2 घंटे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से 2 घंटे तक बाएं करवट, 30 मिनट से 2 घंटे तक दाएं करवट और 30 मिनट से 2 घंटे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने की सलाह दी गयी है. वहीं मंत्रालय ने प्रत्येक पोजीशन में 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहने की भी सलाह दी है.

इन बातों का रखें ख्याल

  • खाने के 1 घन्टे तक पेट के बल सोने से परहेज करें.
  • पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकतें हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें.
  • तकिए को इस तरह रखें जिससे सोने में आसानी हो.

इन परिस्थियों में पेट के बल सोने से बचें

  • गर्भावस्था के दौरान पेट के बल न सोए.
  • वेनस थ्रोम्बोसिस (नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या)
  • गंभीर हृदय रोग.
  • स्पाइन, फीमर और पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में.

इसे भी पढे़ं-यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जनता ने दिए सुझाव

वाराणसी : जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उपचाराधीन में ऑक्सीजन की कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है. शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है, लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं. वाराणसी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संबंध में पोस्टर के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी है.

4 से 5 तकिए की मदद से पेट के बगल लेटें

यदि किसी कोरोना पाजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और ऑक्सीजन लेवल 95 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गयी है. इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें, एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें. वहीं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें. इस तरह से 30 मिनट से लेकर दो घंटे तक सो सकते हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की तापमान की जांच, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच, ब्लड प्रेसर और शुगर की नियमित जांच होनी चाहिए.

सोने के 4 पोजीशन फायदेमंद

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की 4 पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है. जिसमें 30 मिनट से 2 घंटे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से 2 घंटे तक बाएं करवट, 30 मिनट से 2 घंटे तक दाएं करवट और 30 मिनट से 2 घंटे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने की सलाह दी गयी है. वहीं मंत्रालय ने प्रत्येक पोजीशन में 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहने की भी सलाह दी है.

इन बातों का रखें ख्याल

  • खाने के 1 घन्टे तक पेट के बल सोने से परहेज करें.
  • पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकतें हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें.
  • तकिए को इस तरह रखें जिससे सोने में आसानी हो.

इन परिस्थियों में पेट के बल सोने से बचें

  • गर्भावस्था के दौरान पेट के बल न सोए.
  • वेनस थ्रोम्बोसिस (नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या)
  • गंभीर हृदय रोग.
  • स्पाइन, फीमर और पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में.

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