वाराणसी: धर्मनगरी काशी में हिंदू नव वर्ष का अनोखे अंदाज में स्वागत किया गया. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में 100 से ज्यादा शंखवादकों ने एक साथ शंख बजाकर हिंदू नव स्वंत्सर का स्वागत किया. इसके साथ ही काशी के अस्सी घाट पर एक साथ लगभग 2 हजार महिलाओं ने रामायण पाठ कर हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं दी.
काशी में हिंदू नववर्ष के अवसर पर बुधवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में विविध आयोजन किए गए. सबसे पहला कार्यक्रम शंख वादन का हुआ. जिसमें 101 बटुकों और बालिकाओं ने शंख वादन किया. कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण और स्वस्तिवाचन से हुआ. मंदिर के पुजारी और शास्त्री ने मंगलाचरण करके कार्यक्रम की शुरुआत कर बाबा श्री काशी विश्वनाथ से सुखमय जीवन की मंगल कामना की. इसके बाद पाणिनि कन्या महाविद्यालय की कन्याओं ने शंख वादन किया.
श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. सुनील वर्मा ने बताया कि ऐसे आयोजनों को आगे भी जारी रखा जाएगा और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को इनसे जोड़ते हुए विश्वनाथ धाम की गरिमा के अनुरूप भव्य आयोजन संपन्न करवाए जाएंगे. विश्वनाथ धाम में हिंदू संस्कृति और सभ्यता से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास किया जाएगा.
रामचरितमानस के अलग-अलग खंडो का पाठ किया गयाः वहीं, अस्सी घाट पर अलग-अलग संगठनों की लगभग 2 हजार की संख्या में महिलाएं एकत्रित हुई. इसके बाद तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के अलग-अलग खंडो का पाठ किया. इस दौरान रामचरितमानस की चौपाइयों से पूरा घाट गुंजायमान हो गया. इस कार्यक्रम में शामिल भारती मिढ़ा ने बताया कि वर्तमान समय में लोग आंग्ल नव वर्ष के बारे में जानते हैं. लेकिन सनातन धर्म के नव संवत्सर का बहुत कम लोग जिक्र करते हैं. इस पाठ के बाद सभी महिलाओं ने मां दुर्गा और भगवान राम की आराधना की. इसके साथ ही हिंदू नए साल का स्वागत कर एक दूसरे को बधाई दी.
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